वैक्सीन / अच्छा वैज्ञानिक फैसला: कोविशील्ड की खुराकों के बीच 12-16 सप्ताह के अंतराल पर पूनावाला

Zoom News : May 14, 2021, 09:01 AM
नई दिल्ली: कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield vaccine) की दूसरी डोज के अंतराल को लेकर विशेषज्ञों की सिफारिश को केंद्र सरकार (Central Govt) ने स्वीकृति दे दी है. केंद्र सरकार ने आज कहा कि कोविशील्ड के दोनों डोज के बीच समय को बढ़ाकर 12 से 16 सप्ताह कर दिया गया है. कोविशील्ड के निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसएसआई) के सीईओ अदार(Adar Poonawala) पूनावाला ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि कोविशील्ड के दोनों डोज के बीच समय के अंतर को बढ़ाना एक अच्छा वैज्ञानिक निर्णय है. यह प्रभावकारिता और प्रतिरक्षात्मक दोनों दृष्टिकोण से फायदेमंद है.

एनडीटीवी से बात करते हुए पूनावाल ने कहा, ''यह एक अच्छा कदम है क्योंकि यह उन आंकड़ों पर आधारित है, जो सरकार को उपलब्ध कराया गया था. इन आंकड़ों के आधार पर ही सरकार ने वैक्सीन की डोज के अंतर को बढ़ाया और यह एक अच्छा वैज्ञानिक निर्णय है.

टीकाकरण के शुरुआती चरणों में दो खुराक के बीच चार से छह सप्ताह का अंतराल तय किया गया था. बाद में इसे बढ़ाकर छह से आठ सप्ताह कर दिया गया था. तब सरकार ने कहा था कि आठवें सप्ताह से देरी करने से इसका प्रभाव कमजोर हो जाएगा. हाल ही में हुए अध्ययन के अनुसार, 12 सप्ताह या उससे अधिक समय के अंतराल पर दिए गए दो मानक खुराकों की तुलना में वैक्सीन की प्रभावकारिता 81.3 प्रतिशत (60.3-91.2) अधिक थी, जो छह सप्ताह से कम होने पर 55.1 प्रतिशत (33-69.9) थी.

कोवैक्सिन की खुराक के बीच अंतर के लिए कोई बदलाव नहीं सुझाया गया है. टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह द्वारा सरकार से डोज में अंतर बढ़ाने की सिफारिश की गई थी. सूत्रों के हवाले से पीटीआई ने कहा, "विशेष रूप से यूके से मिले सबूतों के आधार पर COVID-19 वर्किंग ग्रुप ने कोविशील्ड वैक्सीन की दो खुराक के बीच अंतराल को 12-16 सप्ताह तक बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की.

फरवरी में, डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने भी एस्ट्राजेनेका (जिसे भारत में कोविशिल्ड कहा जाता है) की दूसरी खुराक के अंतराल को बढ़ाने से इसकी प्रभावशीलता में सुधार की बात कही थी. स्वामीनाथन ने कहा था कि वर्तमान में टीकों के दूसरे डोज तीन से चार सप्ताह के बीच दिए जा रहे हैं. लेकिन कुछ आंकड़े हैं जैसे कि एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन को लेकर, जहां दूसरी डोज में 12 सप्ताह की देरी वास्तव में बेहतर परिणाम देती है.

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