कोरोना वायरस / कोरोना त्रासदी में जब 11 साल की आलिया पुलिस को गुल्लक दे आई

कोरोना वायरस के संकट के समय में लॉकडाउन के दौरान कई लोग गरीब मजदूरों की मदद कर रहे हैं। चाहे कोई बिजनेसमैन हो या आम आदमी। ऐसे में उत्तराखंड के ऋषिकेश में रहने वाली 11 साल की आलिया चावला ने अपनी गुल्लक हंसते-हंसते थाने पहुंचकर कोतवाल के हवाले कर दी। आलिया ने गुल्लक देते हुए कहा, "अंकल गुल्लक के सब पैसे निकालकर गरीबों को खाना खिला देना।

Zee News : Apr 07, 2020, 05:49 PM
देहरादून: कोरोना वायरस (Coronavirus) के संकट के समय में लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान कई लोग गरीब मजदूरों की मदद कर रहे हैं। चाहे कोई बिजनेसमैन हो या आम आदमी। ऐसे में उत्तराखंड के ऋषिकेश में रहने वाली 11 साल की आलिया चावला ने अपनी गुल्लक हंसते-हंसते थाने पहुंचकर कोतवाल के हवाले कर दी।

आलिया ने गुल्लक देते हुए कहा, "अंकल गुल्लक के सब पैसे निकालकर गरीबों को खाना खिला देना। अंकल पता नहीं मेरी इस गुल्लक में कितने पैसे हैं? आप इस गुल्लक को फोड़कर गिन लेना। यह सब पैसे लॉकडाउन में भूखे-प्यासे घूम रहे इंसानों और जानवरों के खाने का सामान लाने में लगा लेना।" ऋषिकेश पब्लिक स्कूल की 5वीं कक्षा की छात्रा को इस हाल में गुल्लक के साथ देखकर पुलिस वालों की आंखें भर आईं। चूंकि वे खाकी वर्दी में थे इसीलिए प्रोटोकॉल को ध्यान में रखकर और मासूम आलिया के दिल को ठेस पहुंचेगी, यह सोचकर दिल-खोलकर रो भी न सके।

किसी भी इंसान को झकझोर देने वाली इंसानियत, मासूमियत और परोपकार की भावना से ओतप्रोत ये घटना सोमवार को ऋषिकेश कोतवाली थाने में हुई। इस अविस्मरणीय घटना के वक्त कोतवाली ऋषिकेश प्रभारी इंस्पेक्टर रीतेश शाह से लेकर थाने में मौजूद सिपाही हवलदार तक सब के सब आलिया और उसके पिता अशोक चावला के सम्मान में नत-मस्तक खड़े थे। निरुत्तर होकर क्योंकि उनके पास में पिता-पुत्री का धन्यवाद करने के लायक शब्द नहीं थे। उस वक्त ऋषिकेश कोतवाली का हर पुलिसकर्मी खुद को आलिया और उसके पिता की इंसानियत और दया भावना के लिए कृतज्ञ था।

देहरादून के उप-महानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रवक्ता धर्मेंद्र बिष्ट ने सोमवार को कहा, "जिले में कोरोना महामारी के दौर में 'कोई भूखा न रहे कोई भूखा न सोये' योजना चलाई गई है। ये बात स्थानीय मीडिया के जरिये घर-घर में पहुंच चुकी है। यह सब देखकर अशोक चावला और उनकी बेटी आलिया चावला के मन में भी कुछ करने की बात आ गई। लिहाजा पिता-पुत्री ने तय किया कि कुछ और तो मदद के लिए उनके पास देने को नहीं है। ऐसे में आलिया ने अपनी गुल्लक ही पुलिस वालों के हवाले करने की सोची। आलिया का परिवार ऋषिकेश में ही मनीराम रोड पर रहता है।"

ऋषिकेश कोतवाली में मौजूद पुलिस वालों ने गुल्लक को फोड़ा। सबने मिलकर बहुत सारी रेजगारी और कुछ कागज के नोट गिने तो पता चला कि गुल्लक में आलिया की जोड़ी हुई रकम 10 हजार 141 रुपये निकली। ऋषिकेश थाना कोतवाल इंस्पेक्टर रीतेश शाह ने इस हैरान कर देने वाली घटना की पुष्टि की।