News18 : Apr 21, 2020, 09:46 AM
नई दिल्ली। चीन (China) से दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस (Coronavirus) ने अब तक 24,75,841 लोगों को संक्रमित किया है जबकि 1।70 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना से दुनिया के सात शक्तिशाली देश सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, स्पेन, फ्रांस, जर्मनी और चीन शामिल हैं। इन देशों में जब कोरोना का पहला मामला सामने आया और लॉकडाउन (Lockdown) लगाए जाने तक लगभग 27 से 58 दिन बीत चुके थे। भारत (India) में कोरोना का पहला मामला सामने आने और 24 मार्च को लॉकडाउन लगाए जाने के बीच के 55 दिन गुजर चुके थे। इन सभी देशों की तुलना में भारत की स्थिति सबसे बेहत दिखाई दी।
दुनिया के सभी शक्तिशाली देश कोरोना वायरस के सामने घुटने टेक चुके हैं जबकि भारत लगातार कोरोना से जंग लड़ रहा है। सभी सात देशों की तुलना में भारत अभी भी सबसे सुरक्षित बताया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की स्थिति रिपोर्ट के विश्लेषण से तो यह साबित होता है कि भारत सुरक्षित है।
आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में पहला मरीज 20 जनवरी को मिला था जबकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नेशनल इमरजेंसी की घोषणा 13 मार्च को की थी। इन 54 दिनेां के अंदर अमेरिका में 1264 मरीज मिले थे और 36 लोगों की मौत हुई थी। जबकि भारत की बात करें तो यहां पर 30 जनवरी को पहला कोरोना मरीज केरल में मिला था जबकि 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। इन 55 दिनों में भारत में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संखया 434 थी जबकि 9 लोगों की मौत हुई थी।
फ्रांस में 51 दिन में 36 हजार मरीज
फ्रांस में कोरोना का पहला मामला 24 जनवरी को मिला था। कोरोना वायरस का मामला तेजी से बढ़ता देख राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने देश में 14 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। इन 51 दिनों में फ्रांस को बड़ा नुकसान हुआ और यहां पर कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 36 हजार के आंकड़े को पार कर गई। इस दौरान 79 लोगों की मौत हुई।
जर्मनी में 56 दिन में 21 हजार मरीज
जर्मनी में कोरोना वायरस का पहला मामला 27 जनवरी को आया था। यहां पर सरकार ने 22 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा की थी। देश में पहला मामला आने और लॉकडाउन के बीच 56 दिन बीत गए थे। इस दौरान यहां पर 21,463 लोग संक्रमित हो चुके थे और 67 लोगों की मौत हो चुकी थी।57 दिनों में इटली में 4032 लोगों की मौत
इटली में पहला केस 31 जनवरी को मिला था जबकि इटली ने अपने देश में 21 मार्च को ही लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। पहला केस मिलने और लॉकडाउन की घोषणा के बीच 57 दिन गुजर गए थे जबकि यहां पर उस समय तक ही 47,021 कोरोना मरीजों का पता लगाया जा चुका था, जबकि 4032 लोगों की मौत हो चुकी थी।ब्रिटेन में 53 दिन में 281 की मौत
भारत में पहला मामला सामने आने के दूसरे दिन यानि 31 जनवरी को ब्रिटेन में पहला मामला सामने आया था। कोरोना का मामला बढ़ता देख प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने 23 मार्च को पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। इन 53 दिनों में ही ब्रिटेन की हालत बिगड़ गई और कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 5,687 हो गया। इस दौरान ब्रिटेन में 281 लोगों की मौत हुई।
चीन में 27 दिन में 2400 लोगों की मौत
चीन के वुहान में कोरोना वायरस का पहला मामला 28 दिसंबर को आया था। पहला केस मिलने के बाद 23 जनवरी को यहां पर लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई थी। हालांकि तब तक बहुत देर हो चुकी थी और 77 हजार लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके थे। इस दौरान यहां पर 2400 लोगों की मौत हुई।
दुनिया के सभी शक्तिशाली देश कोरोना वायरस के सामने घुटने टेक चुके हैं जबकि भारत लगातार कोरोना से जंग लड़ रहा है। सभी सात देशों की तुलना में भारत अभी भी सबसे सुरक्षित बताया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की स्थिति रिपोर्ट के विश्लेषण से तो यह साबित होता है कि भारत सुरक्षित है।
आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में पहला मरीज 20 जनवरी को मिला था जबकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नेशनल इमरजेंसी की घोषणा 13 मार्च को की थी। इन 54 दिनेां के अंदर अमेरिका में 1264 मरीज मिले थे और 36 लोगों की मौत हुई थी। जबकि भारत की बात करें तो यहां पर 30 जनवरी को पहला कोरोना मरीज केरल में मिला था जबकि 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। इन 55 दिनों में भारत में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संखया 434 थी जबकि 9 लोगों की मौत हुई थी।
फ्रांस में 51 दिन में 36 हजार मरीज
फ्रांस में कोरोना का पहला मामला 24 जनवरी को मिला था। कोरोना वायरस का मामला तेजी से बढ़ता देख राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने देश में 14 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। इन 51 दिनों में फ्रांस को बड़ा नुकसान हुआ और यहां पर कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 36 हजार के आंकड़े को पार कर गई। इस दौरान 79 लोगों की मौत हुई।
जर्मनी में 56 दिन में 21 हजार मरीज
जर्मनी में कोरोना वायरस का पहला मामला 27 जनवरी को आया था। यहां पर सरकार ने 22 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा की थी। देश में पहला मामला आने और लॉकडाउन के बीच 56 दिन बीत गए थे। इस दौरान यहां पर 21,463 लोग संक्रमित हो चुके थे और 67 लोगों की मौत हो चुकी थी।57 दिनों में इटली में 4032 लोगों की मौत
इटली में पहला केस 31 जनवरी को मिला था जबकि इटली ने अपने देश में 21 मार्च को ही लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। पहला केस मिलने और लॉकडाउन की घोषणा के बीच 57 दिन गुजर गए थे जबकि यहां पर उस समय तक ही 47,021 कोरोना मरीजों का पता लगाया जा चुका था, जबकि 4032 लोगों की मौत हो चुकी थी।ब्रिटेन में 53 दिन में 281 की मौत
भारत में पहला मामला सामने आने के दूसरे दिन यानि 31 जनवरी को ब्रिटेन में पहला मामला सामने आया था। कोरोना का मामला बढ़ता देख प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने 23 मार्च को पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। इन 53 दिनों में ही ब्रिटेन की हालत बिगड़ गई और कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 5,687 हो गया। इस दौरान ब्रिटेन में 281 लोगों की मौत हुई।
चीन में 27 दिन में 2400 लोगों की मौत
चीन के वुहान में कोरोना वायरस का पहला मामला 28 दिसंबर को आया था। पहला केस मिलने के बाद 23 जनवरी को यहां पर लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई थी। हालांकि तब तक बहुत देर हो चुकी थी और 77 हजार लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके थे। इस दौरान यहां पर 2400 लोगों की मौत हुई।