तंजावुर रथयात्रा हादसा / जानें कहां हुई चूक? रथ में कैसे दौड़ा करंट? पल भर में चली गई 11 लोगों की जान

Zoom News : Apr 27, 2022, 04:07 PM
तमिलनाडु के तंजावुर में 94वां अप्पर गुरुपूजा उत्सव के दौरान करंट लगने से 11 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों में दो बच्चे भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि उत्सव के दौरान जुलूस के रूप में रथयात्रा निकाली जा रही थी, तभी इसमें शामिल एक रथ बिजली के तार के संपर्क में आ गया और बड़ा हादसा हो गया। आइए बताते हैं आखिर मंदिर प्रशासन से कहां चूक हो गई और किस वजह से इस तरह की दर्दनाक घटना घटी...


यहां हुई चूक

मंदिर प्रशासन द्वारा जुलूस निकालने से पहले मंदिर के आसपास  हाईवोल्टेज ओवरहेड इलेक्ट्रिक लाइन की जांच नहीं की गई।  तुरंत बिजली सप्लाई कट करने की व्यवस्था नहीं की गई थी। जब रथ को खींचा जा रहा था, तब 50 से अधिक लोग बहुत कम दूरी पर खड़े थे। कार ड्राइवर ने भी पूरी तरह से ध्यान नहीं रखा।  इसके अलावा इस बार रथ की ऊंचाई करीब 9 फुट रखी गई थी। उसे फूलों और लाइट्स से सजाया गया था। रथ की लाइट्स को उसके साथ चल रहे जेनेरेटर से बिजली सप्लाई हो रही थी। आमतौर पर रथ यात्रा के दौरान मंदिर के रास्ते वाली पावर सप्लाई बंद कर दी जाती है, लेकिन इस बार लापरवाही बरती गई।


रथ में कैसे दौड़ा करंट?

तंजावुर पुलिस के मुताबिक, घटना कालिमेदू में अप्पार मंदिर में हुई। मंदिर से रथयात्रा निकलने के बाद जब इसके मुड़ने की बारी आई तो ऊपर बिछे तारों के जाल की वजह से रथ को आगे नहीं ले जाया जा सका। हालांकि, जैसे ही रथ को पीछे किया गया, उसका संपर्क हाई-टेंशन लाइन से हो गया और और करंट पूरे रथ पर फैल गया। हादसे की तस्वीरों में रथ को जलते हुए देखा जा सकता है। करंट से झुलसे कई श्रद्धालुओं को तंजावुर के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।


तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने दिए जांच के आदेश

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के दफ्तर की तरफ से इस घटना के जांच के आदेश दे दिए गए हैं। साथ ही हादसे में मारे गए लोगों के लिए पांच-पांच लाख रुपये मुआवजे का एलान किया गया है।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER