News18 : Aug 20, 2020, 03:36 PM
पटना। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने महागठबंधन से अलग होने का निर्णय ले लिया है। महागठबंधन में लगातार नाराज चल रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने आखिरकार बुधवार को महागठबंधन छोड़ने का फैसला कर लिया। इससे पहले पटना में मांझी ने 20 अगस्त को अपनी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के कोर ग्रुप की बैठक बुलाई थी, जिसमें ये फैसला लिया गया।
JDU में नहीं होगा HAM का विलयपार्टी प्रवक्ता दानिश रिजवान ने News 18 से बात करते हुए इस फैसले की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि RJD का बहुत अपमान हमारी पार्टी ने सहा है। महागठबन्धन में आरजेडी की दादागिरी चल रही है। हालांकि, मांझी एनडीए में जाएंगे या नहीं इसपर कोई फैसला अभी नहीं लिया गया है। इसका फैसला लेने के लिए जीतन राम मांझी को अधिकृत किया गया है। हालांकि, यह साफ कर दिया गया है कि किसी भी हालत में जदयू में विलय नहीं होगा।
सीएम नीतीश देंगे मांझी को सम्मानमाना जा रहा है कि मांझी ने महागठबंधन से बाहर जाने का निर्णय सीएम नीतीश से मिले इस आश्वासन के बाद लिया है कि उनकी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को विधानसभा चुनाव में करीब 7 से 10 टिकट जेडीयू के कोटे से देंगे। सूत्र यह भी बताते हैं कि एनडीए में वापसी को लेकर जीतन राम मांझी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच फोन पर बातचीत हो चुकी है और महागठबंधन में किनारे कर दिए गए मांझी ने आखिरकार चुनाव के ठीक पहले नए विकल्प की तरफ कदम बढ़ाने का मन फिर से बना लिया।
JDU में नहीं होगा HAM का विलयपार्टी प्रवक्ता दानिश रिजवान ने News 18 से बात करते हुए इस फैसले की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि RJD का बहुत अपमान हमारी पार्टी ने सहा है। महागठबन्धन में आरजेडी की दादागिरी चल रही है। हालांकि, मांझी एनडीए में जाएंगे या नहीं इसपर कोई फैसला अभी नहीं लिया गया है। इसका फैसला लेने के लिए जीतन राम मांझी को अधिकृत किया गया है। हालांकि, यह साफ कर दिया गया है कि किसी भी हालत में जदयू में विलय नहीं होगा।
सीएम नीतीश देंगे मांझी को सम्मानमाना जा रहा है कि मांझी ने महागठबंधन से बाहर जाने का निर्णय सीएम नीतीश से मिले इस आश्वासन के बाद लिया है कि उनकी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को विधानसभा चुनाव में करीब 7 से 10 टिकट जेडीयू के कोटे से देंगे। सूत्र यह भी बताते हैं कि एनडीए में वापसी को लेकर जीतन राम मांझी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच फोन पर बातचीत हो चुकी है और महागठबंधन में किनारे कर दिए गए मांझी ने आखिरकार चुनाव के ठीक पहले नए विकल्प की तरफ कदम बढ़ाने का मन फिर से बना लिया।