मन की बात में मोदी / चीन को दिया को दिया जवाब, दोस्ती निभाना जानते हैं तो आंख में आंख डालकर जवाब देना भी आता है

Zoom News : Jun 28, 2020, 01:06 PM

Pm Modi Mann Ki Baat प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात (pm modi mann ki baat) के जरिए 28 जून की सुबह देश को संबोधित किया। मोदी ने अपने सम्बोधन में लद्दाख की गलवान घाटी में 20 भारतीय सैनिकों की शहादत, भारत में कोरोना का विकराल होता स्वरूप और देश में मॉनसून समेत कई मुद्दों पर अपनी बात कही। मोदी ने कहा कि इन सबके बीच, हमारे कुछ पड़ोसियों द्वारा जो हो रहा है, देश उन चुनौतियों से भी निपट रहा है। वाकई, एक-साथ इनती आपदाएं, इस स्तर की आपदाएं, बहुत कम ही देखने-सुनने को मिलती हैं। 

हाइलाइट्स

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 66वीं बार मन की बात से देश को संबोधित किया
  • मोदी ने लद्दाख संकट पर बात की, कहा कि भारत की तरफ देखने का मिला चीन को करारा जवाब
  • मोदी ने कोरोना संकट पर कहा कि अनलॉक में देशवासियों को सावधानी बरतनी होगी
  • मोदी ने कहा कि इसबार मॉनसून कोरोना काल में आया है, ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत


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शहीदों के परिजनों का त्याग पूजनीय

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार के रहने वाले शहीद कुंदन कुमार के पिताजी के शब्द तो कानों में गूंज रहे हैं। वो कह रहे थे, अपने पोतों को भी, देश की रक्षा के लिए, सेना में भेजूंगा। यही हौंसला हर शहीद के परिवार का है। वास्तव में, इन परिजनों का त्याग पूजनीय है। भारत-माता की रक्षा के जिस संकल्प से हमारे जवानों ने बलिदान दिया है, उसी संकल्प को हमें भी जीवन का ध्येय बनाना है, हर देश-वासी को बनाना है। हमारा हर प्रयास इसी दिशा में होना चाहिए, जिससे, सीमाओं की रक्षा के लिए देश की ताकत बढ़े, देश और अधिक सक्षम बने, देश आत्मनिर्भर बने - यही हमारे शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि भी होगी।

पीएम मोदी ने कहा कि लद्दाख में भारत की भूमि पर, आंख उठाकर देखने वालों को, करारा जवाब मिला है। भारत, मित्रता निभाना जानता है, तो, आंख-में-आंख डालकर देखना और उचित जवाब देना भी जानता है। लद्दाख में हमारे जो वीर जवान शहीद हुए हैं, उनके शौर्य को पूरा देश नमन कर रहा है, श्रद्धांजलि दे रहा है। पूरा देश उनका कृतज्ञ है, उनके सामने नत-मस्तक है। इन साथियों के परिवारों की तरह ही, हर भारतीय, इन्हें खोने का दर्द भी अनुभव कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने जिस तरह मुश्किल समय में दुनिया की मदद की, उसने आज शांति और विकास में भारत की भूमिका को और मज़बूत किया है। दुनिया ने भारत की विश्व बंधुत्व की भावना को भी महसूस किया है। अपनी संप्रभुता और सीमाओं की रक्षा करने के लिए भारत की ताकत और भारत के कमिटमेंट को देखा है।

सतर्कता बरतें

प्रधानमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन से ज्यादा सतर्कता हमें अनलॉक के दौरान बरतनी है। पीएम बोले इस बात को हमेशा याद रखिए कि अगर आप मास्क नहीं पहनते हैं, दो गज की दूरी का पालन नहीं करते हैं, या फिर, दूसरी जरूरी सावधानियां नहीं बरतते हैं, तो आप अपने साथ-साथ दूसरों को भी जोखिम में डाल रहे हैं।

जनभागीदारी बना कुछ संभव नहीं

पीएम ने कहा कि कोई भी मिशन जन-भागीदारी के बिना पूरा नहीं हो सकता है। इसीलिए आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक नागरिक के तौर पर हम सबका संकल्प, समर्पण और सहयोग बहुत जरूरी है। आप लोकल खरीदेंगे, लोकल के लिए वोकल होंगे। ये भी एक तरह से देश की सेवा ही है। भारत का संकल्प है - भारत के स्वाभिमान और संप्रभुता की रक्षा. भारत का लक्ष्य है – आत्मनिर्भर भारत। भारत की परंपरा है-भरोसा, मित्रता। भारत का भाव है-बंधुता। हम इन्हीं आदर्शों के साथ आगे बढ़ते रहेंगे।

2020 पर बोले, पूरा साल खराब नहीं

मोदी ने कहा कि लोग अकसर बोलते दिखे कि ये साल कब बीतेगा। फोन पर लोग यही बात करते हैं कि साल कब बीतेगा। लोग कह रहे साल अच्छा नहीं, यह शुभ नहीं। लोग चाहते हैं कि यह साल जल्द बीत जाए। मोदी ने कहा कि इस साल देश ने कोरोना संकट देखा। उस बीच अम्फान, निसर्ग तूफान भी आए। फिर टिड्डी दल और भूकंप के इतने झटके। इस बीच पड़ोसी देशों से तनातनी भी हुई। लेकिन इस सब के बावजूद साल को खराब कहना ठीक नहीं। मोदी बोले कि मुश्किलें आती हैं, संकट आते हैं लेकिन आपदाओं की वजह से साल को खराब मानना ठीक नहीं। यह सोच लेना कि पूरा साल ही ऐसा है ठीक नहीं। एक साल में एक चुनौती या 50 चुनौती उससे साल खराब नहीं होता।

यहां पढ़ें : पीएम मोदी की मन की बात की दस खास बातें

संकट में हम और मजबूत हुए

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक साल में एक चुनौती आए या पचास, नंबर कम-ज्यादा होने से, वो साल, ख़राब नहीं हो जाता। भारत का इतिहास ही आपदाओं और चुनौतियों पर जीत हासिल कर, और ज़्यादा निखरकर निकलने का रहा है। सैकड़ों वर्षों तक अलग-अलग आक्रांताओं ने भारत पर हमला किया, लोगों को लगता था कि भारत की संरचना ही नष्ट हो जाएगी, लेकिन इन संकटों से भारत और भी भव्य होकर सामने आया।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत में जहां एक तरफ़ बड़े-बड़े संकट आते गए, वहीं सभी बाधाओं को दूर करते हुए अनेकों-अनेक सृजन भी हुए। नए साहित्य रचे गए, नए अनुसंधान हुए, नए सिद्धांत गड़े गए, यानि संकट के दौरान भी हर क्षेत्र में सृजन की प्रक्रिया जारी रही और हमारी संस्कृति पुष्पित-पल्लवित होती रही। इसी साल में, देश नये लक्ष्य प्राप्त करेगा, नयी उड़ान भरेगा, नयी ऊंचाइयों को छुएगा। मुझे, पूरा विश्वास, 130 करोड़ देशवासियों की शक्ति पर है, आप सब पर है, इस देश की महान परम्परा है।

पीएम मोदी ने कहा कि अभी, कुछ दिन पहले, देश के पूर्वी छोर पर तूफान अम्फान आया, तो पश्चिमी छोर पर साइक्लोन निसर्ग आया। कितने ही राज्यों में हमारे किसान भाई–बहन टिड्डी दल के हमले से परेशान हैं और कुछ नहीं, तो देश के कई हिस्सों में छोटे-छोटे भूकंप रुकने का ही नाम नहीं ले रहे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ट्वीट कर कहा था कि रविवार को 11 बजे दिन मन की बात कार्यक्रम को सुनें। ये मन की बात कार्यक्रम का 66वां संस्करण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर महीने के आखिरी रविवार को मन की बात कार्यक्रम में देशवासियों के साथ संवाद करते हैं। 

इससे पहले 14 जून को पीएम मोदी ने देशवासियों से ‘मन की बात’कार्यक्रम के लिए सुझाव और विचार मांगे थे. पीएम ने ट्वीट कर कहा था कि ज्यादा से ज्यादा लोग अपने विचारों को शेयर करें। पीएम ने कहा था कि मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि आपके पास कोविड-19 से लड़ाई और कई दूसरे मुद्दों पर कहने के लिए बहुत कुछ होगा।

  • -मोदी ने स्पेस सेक्टर के सुधार का जिक्र किया। कहा कि इससे आत्मनिर्भर भारत के अभियान को तेजी मिलेगी।
  • -मोदी ने हर घर के बच्चों से गुजारिश की। जब टाइम मिले तो घर के बुजुर्गों का वीडियो इंटरव्यू करें। उनसे पूछे कि बचपन में क्या खेलते थे, छुट्टियों में क्या करते थे। त्योहार कैसे मनाते थे। बुजुर्ग भी इससे खुश होंगे। 40-50 साल पहले क्या होता था, भारत कैसा था बच्चों को भी जानने को मिलेगा।
  • -मॉनसून पर बोले मोदी कि इसबार बारिश अच्छी होने की उम्मीद है। इसके बाद मोदी ने 80-85 साल के कामेगौड़ा का जिक्र किया। उन्होंने जानवरों को चराते हैं लेकिन अपने इलाके में नए तालाब बनाने का काम करते हैं।
  • -मोदी ने कहा कि गणेश चतुर्थी पर इको-फ्रैंडली मूर्ति बनाने की कोशिश होनी चाहिए जिससे वह नदी में संकट पैदा न करें।
  • -पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा को याद किया। कहा कि वह अनेक भाषओं को जानते थे। जो भारत के सबसे अनुभवी नेताओं में से एक थे। वह 17 की उम्र से ही अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रहे थे।
  • मोदी की मन की बात ये पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार से सवाल किया था। मन की बात कार्यक्रम पर सवाल करते हुए उन्होंने लिखा था कि राष्ट्र रक्षा और सुरक्षा की बात कब होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह 66वीं मन की बात है। पिछले मन की बात यानी मई वाले ऐडिशन में पीएम मोदी ने कोरोना अनलॉक 1.0 पर बात की थी। बताया था कि अब देश लॉकडाउन से अनलॉक की तरफ जा रहा है।

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