शर्मनाक / मां और मौसी ने 13 साल की बेटी को 15 दिन में दो जगह बेचकर शादी कराई, खरीददार ने बलात्कार किया

Zoom News : Jan 19, 2021, 06:09 PM
राजस्थान के बारां में मानव तस्करी के एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने इस गिरोह में दो महिलाओं सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया। 13 साल की बेटी की शादी उसकी माँ और चाची ने 15 दिनों में दो जगह बेचकर की थी। पुलिस ने मां, चाची, दलाल सहित खरीदार को गिरफ्तार किया है।

बारां के छीपाबड़ौद में 12 जनवरी को एक 13 वर्षीय लड़की लावारिस हालत में मिली थी। जांच से पता चला कि वह बिहार से थी। पुलिस द्वारा लड़की को बाल कल्याण समिति बारां के सामने पेश किया गया। एएसपी विजय स्वर्णकार का कहना है कि काउंसलिंग में आई नाबालिग लड़की ने बताया कि वह बिहार से है।

नाबालिग के चाचा संजय मौसा आलोक और मौसी रेशमा ने उसे एक लाख रुपये में बेच दिया और उसकी मर्जी के खिलाफ उसकी शादी करवा दी। उनका विवाह 07 दिसंबर को चावलाखेड़ी पुलिस स्टेशन चबदा के निवासी बनवारी नामक व्यक्ति से हुआ था। लड़की ने बताया कि चालखेड़ी बनवारी के पास नहीं रहना चाहती थी, तब उसके परिजन उसे चंडावल खेड़ी से छीपाबड़ौद निवासी गीता सिंह के पास ले आए। फिर उनकी मां, चाचा, मौसा, मौसी और गीता सिंह ने उन्हें रुपये में बेच दिया। 01 लाख 21 हजार और उसकी शादी 24 दिसंबर को छीपाबोड़ में मुकेश नामक व्यक्ति से हुई।

लड़की ने कहा कि वह अपने दूसरे पति मुकेश के साथ नहीं रहना चाहती थी क्योंकि मुकेश उसे धमकी और मारपीट करता था। वह गीता सिंह को बताए बिना मुकेश के घर से छीपाबड़ लौट आया। गीता सिंह ने उसे मुकेश के घर वापस भेज दिया। वहां से वह उसी रात मुकेश के घर से भाग गई और छीपाबड़ौद शहर आ गई। इस पर पुलिस ने चिपबौद थाने में नाबालिग की खरीद-फरोख्त और पॉक्सो एक्ट बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।

मामले की गंभीरता को देखते हुए बारां के पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार बंसल ने आरोपियों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया। इस पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय स्वर्णकार के निर्देशन में पुलिस उपाधीक्षक राकेश शर्मा के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। इसके बाद पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया। पीड़िता की मां को भी गिरफ्तार कर लिया गया है और बाकी अपराधियों की तलाश की जा रही है।

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