Patrika : Oct 01, 2019, 04:12 PM
नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) कश्मीर से जुड़े सभी याचिकाओं पर अगले महीने सुनवाई करेगी। शीर्ष कोर्ट ने 14 नवंबर की तारीख तय कर दी है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है।
दरअसल सुनवाई के दौरान जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्ते का समय मांगा । इस पर याचिकाकर्ता ने केंद्र और राज्य सरकार को वक्त दिए जाने का विरोध किया था। लेकिन इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिना समय दिए हम उसके बारे में कैसे जान पाएंगे। कोर्ट ने सुवनाई के दौरान कहा कि आखिर इतने अहम मामले में वक्त क्यों नहीं दिया जाए।वहीं सुप्रीम कोर्ट ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी को निर्देश दिया कि अपने सहयोगी मोहम्मद यूसुफ तारिगामी की नजरबंदी को चुनौती देने वाली याचिका जम्मू एवं कश्मीर हाईकोर्ट में दाखिल करें।जम्मू-कश्मीर में ढील वाली याचिका हाईकोर्ट में लगाएजस्टिस एन.वी. रमना की अध्यक्षता वाली तीन-जजों की पीठ ने इसके अलावा डॉ. समीर कौल को भी निर्देश दिया कि वे कश्मीर के अस्पतालों में इंटरनेट प्रतिबंध में ढील देने की अपनी याचिका पर जम्मू एवं कश्मीर हाईकोर्ट का रुख करें।
दरअसल सुनवाई के दौरान जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्ते का समय मांगा । इस पर याचिकाकर्ता ने केंद्र और राज्य सरकार को वक्त दिए जाने का विरोध किया था। लेकिन इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिना समय दिए हम उसके बारे में कैसे जान पाएंगे। कोर्ट ने सुवनाई के दौरान कहा कि आखिर इतने अहम मामले में वक्त क्यों नहीं दिया जाए।वहीं सुप्रीम कोर्ट ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी को निर्देश दिया कि अपने सहयोगी मोहम्मद यूसुफ तारिगामी की नजरबंदी को चुनौती देने वाली याचिका जम्मू एवं कश्मीर हाईकोर्ट में दाखिल करें।जम्मू-कश्मीर में ढील वाली याचिका हाईकोर्ट में लगाएजस्टिस एन.वी. रमना की अध्यक्षता वाली तीन-जजों की पीठ ने इसके अलावा डॉ. समीर कौल को भी निर्देश दिया कि वे कश्मीर के अस्पतालों में इंटरनेट प्रतिबंध में ढील देने की अपनी याचिका पर जम्मू एवं कश्मीर हाईकोर्ट का रुख करें।