कोरोना / गृह मंत्री के आश्वासन पर डॉक्टरों ने वापस लिया विरोध प्रदर्शन, शाह बोले- सरकार आपके साथ खड़ी

कोरोनावायरस संकट के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को डॉक्टरों, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की। इस दौरान गृह मंत्री ने उनके काम को सराहा और उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का आश्वासन दिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि वीडियो कॉनफ्रेंसिंग के जरिये डॉक्टरों से बातचीत करते हुए शाह ने कहा सरकार डॉक्टरों के साथ खड़ी है और उनकी सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगी।

NDTV : Apr 22, 2020, 01:50 PM
नई दिल्ली | इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) से सांकेतिक विरोध प्रदर्शन वापस लेने  का आग्रह करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि कार्यस्थल पर डॉक्टरों की सुरक्षा और प्रतिष्ठा से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोनावायरस से जंग लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों पर हुए हमलों  के विरोध में आईएमए ने सांकेतिक विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था। हालांकि, गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के साथ बातचीत के बाद आईएमए ने प्रदर्शन को वापस ले लिया है। 

कोरोनावायरस (Coronavirus) संकट के बीच गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बुधवार को डॉक्टरों, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की। इस दौरान गृह मंत्री ने उनके काम को सराहा और उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का आश्वासन दिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय (Home Ministry) के सूत्रों ने कहा कि वीडियो कॉनफ्रेंसिंग के जरिये डॉक्टरों से बातचीत करते हुए शाह ने कहा सरकार डॉक्टरों के साथ खड़ी है और उनकी सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगी। 

अमित शाह ने बैठक के बाद ट्वीट में कहा, "कार्यस्थलों पर हमारे डॉक्टरों की रक्षा और प्रतिष्ठा से समझौता बर्दाश्त नहीं है। हर समय उनके लिए अनुकूल माहौल सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। मैंने डॉक्टरों को आश्वासन दिया है कि मोदी सरकार उनकी हिफाजत के लिए प्रतिबद्ध है और उनसे प्रस्तावित विरोध पर पुनर्विचार करने की अपील की है।"

आईएमए के कई पूर्व पदाधिकारियों ने डॉक्टरों से अपील की थी कि ऐसे समय में जब देश इस संकट से गुजर रहा है तो समय सांकेतिक प्रदर्शन नहीं सही नहीं है। उन्होंने सरकार से डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी अपील की थी। बता दें कि मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश और बेंगलुरू समेत अन्य जगहों पर भीड़ द्वारा स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिस वालों को हमला करने की घटनाएं सामने आई थीं।