Coronavirus / 'खाकी' का एक रूप ऐसा भी, लॉकडाउन में ड्यूटी के साथ निभा रहे इंसानियत का फर्ज

AMAR UJALA : Mar 26, 2020, 12:51 PM
Coronavirus: आगरा में पुलिस अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक जहां लॉकडाउन का पालन कराने में लगे हैं, वहीं मानवता का धर्म भी निभा रहे हैं। लॉकडाउन में श्रमिकों के साथ महिलाओं और बच्चों को पैदल जाता देखकर भ्रमण पर निकले पुलिस कप्तान का दिल पसीज गया। बच्चे भूख से रो रहे थे, महिलाएं भी थककर परेशान थीं। इस पर कप्तान के आदेश पर उन्हें न सिर्फ भोजन करवाया गया, बल्कि धौलपुर की सीमा तक छुड़वा दिया। इस पर श्रमिक परिवारों ने एसएसपी का धन्यवाद दिया। 

मंगलवार रात को तकरीबन एक बजे एसएसपी बबलू कुमार भ्रमण पर थे। तभी उन्होंने कलक्ट्रेट चौराहे पर कुछ श्रमिकों को जाता हुआ देखा। उनके साथ महिलाएं और बच्चे भी थे। इस पर एसएसपी रुक गए। उन्होंने श्रमिकों से पूछा कि कहां से आ रहे हो? उन्होंने बताया कि वो वृंदावन में काम कर रहे थे, लेकिन अब काम बंद हो गया है। इस कारण घर जा रहे हैं। 

सभी लोग धौलपुर के बसेड़ी के गांव हरजीपुर के रहने वाले थे। इनमें शांति, अनिल, सविता सहित 30 श्रमिक थे। वृंदावन से घर के लिए निकल तो गए, लेकिन रास्ते में जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिला। इस कारण पैदल ही चल दिए। खाने पीने का भी कोई इंतजाम नहीं था। रास्ते में दुकानें बंद मिलीं। इस कारण बच्चे रो रहे थे। महिलाएं भी पैदल चलकर थक चुकी थीं। 

एसएसपी ने महिलाओं से पूछा कि कोई जरूरत तो नहीं है, महिलाओं ने कोई जवाब नहीं दिया। मगर, बच्चे एसएसपी को भूखे होने के बारे में बताने लगे। यह देखकर एसएसपी का दिल पसीज गया। उन्होंने श्रमिकों के खाने की व्यवस्था के निर्देश दिए। इस पर थाना हरीपर्वत की मेस में भोजन बनवाया गया। इसके बाद भोजन श्रमिकों को कराया गया। पुलिस लाइन से एक बस में श्रमिकों को धौलपुर तक छोड़ने की व्यवस्था की गई। 

पुलिस का यह चेहरा देखकर श्रमिक परिवार भी धन्यवाद देते नहीं थक रहे थे। उन्हें अहसास नहीं था कि पुलिस जहां सख्ती कर रही है, वहीं यह भी देखने को मिलेगा। इसके अलावा शहर में झुग्गी-झोपड़ियों या डेरा बनाकर रहने वाले जरूरतमंद लोगों को मदद के लिए पुलिस आगे आ रही है। ऐसे परिवारों को राशन और खाना के पैकेट बांटे जा रहे हैं। 

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