अमेरिका / सबसे मुश्किल एयरलिफ्ट में से एक है, एक हफ्ते में 13,000 को अफगानिस्तान से निकाला: बाइडन

Zoom News : Aug 21, 2021, 02:13 PM
वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार देर रात अफगानिस्तान के ताजा हालात पर देश को संबोधित किया। यह 4 दिन में उनका दूसरा संबोधन था। इस दौरान बाइडेन ने कहा कि इस वक्त दुनिया के सामने बड़ा संकट खड़ा है। हम जुलाई से अब तक 18,000 से ज्यादा और 14 अगस्त के बाद से लगभग 13,000 लोगों को काबुल से निकाल चुके हैं। यह इतिहास के सबसे मुश्किल और बड़े एयरलिफ्ट ऑपरेशन में शामिल है, पर हम किसी अमेरिकी को पीछे नहीं छोड़ेंगे। तालिबान के लिए भी वहां के हालात बहुत अच्छे नहीं हैं।

उन्होंने भरोसा दिया कि अमेरिका के सभी लोगों के निकलने तक हमारी सेना काबुल में मौजूद रहेगी। बाइडेन ने कहा कि हमने 20 साल तक अफगानिस्तान के साथ काम किया है। इस समय भी काबुल में हमारे 6 हजार सैनिक मौजूद हैं। अगर तालिबान अमेरिकी सेना पर हमला करता है तो इसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही कहा कि हम अफगानिस्तान पर अगले हफ्ते बड़ा फैसला लेंगे।

बाइडेन की स्पीच की बड़ी बातें

हमारे जवान काबुल एयरपोर्ट की सुरक्षा कर रहे हैं। इससे न सिर्फ सैन्य उड़ानें बल्कि दूसरे देशों के चार्टर विमानों से लोगों को निकाला जा रहा है।

ISIS के आतंकी ज्यादा बड़ा खतरा हैं। नाटो के देश अमेरिका के साथ खड़े हैं। जेल से भगाए गए आतंकी हमला कर सकते हैं।

अफगानिस्तान में युद्ध खत्म करने का वक्त आ गया था। नाटो देश भी इस फैसले से सहमत थे। अगले हफ्ते G-7 की बैठक में हम बड़ा फैसला लेंगे।

यह मिशन बहुत खतरनाक है। सेना जोखिम के बावजूद मुश्किल हालात में इसे चला रही है। मैं वादा नहीं कर सकता कि आखिरी नतीजा क्या होगा। ये जो भी होगा नुकसान के जोखिम के बिना होगा।

इससे पहले अफगान राष्ट्रपति को ठहराया था जिम्मेदार

अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद बाइडेन ने सोमवार-मंगलवार की रात पहली बार देश को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने वहां बने हालात कि लिए राष्ट्रपति अशरफ गनी और वहां की लीडरशिप को जिम्मेदार ठहराया था।

उन्होंने कहा था, "मैं मानता हूं कि तालिबान बहुत जल्द काबिज हो गए। अफगान लीडरशिप ने बहुत जल्द हथियार डाल दिए। हमने वहां अरबों डॉलर खर्च किए। अफगान फोर्स को ट्रेन किया। इतनी बड़ी फौज और हथियारों से लैस लोगों ने हार कैसे मान ली, यह सोचना होगा। यह गंभीर मुद्दा है।"

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER