Telangana Elections / हैदराबाद में ओवैसी का बड़ा दावा- RSS के लोग कांग्रेस के लिए काम कर रहे

Zoom News : Nov 25, 2023, 09:00 AM
Telangana Elections: तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनाव में महज कुछ ही दिन का वक्त बचा है. सभी राजनीति पार्टियां जमकर प्रचार प्रसार कर रही है. वहीं, इसी बीच शुक्रवार को हैदराबाद में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने कहा कि इस चुनाव में हमारी पार्टी के उम्मीदवार (माजिद हुसैन) की कामयाबी को रोकने के लिए दिल्ली से आरएसएस के लोग आकर कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं और उन्होंने तय कर लिया है कि वे कांग्रेस के उम्मीदवार का खुलकर समर्थन करेंगे.

बता दें कि तेलंगाना की 119 सीटों पर 30 नवंबर को मतदान होगा. ओवैसी का कहना है कि तेलंगाना में फिर केसीआर की सरकार बनेगी. टीवी9 भारतवर्ष के एक कार्यक्रम में एआईएमआईएम चीफ ओवैसी ने कहा कि तेलंगाना में कांग्रेस से गठबंधन की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि जहां दो नेशनल पार्टी रहेगी वो राज्य बर्बाद हो जाएगा. बता दें कि एआईएमआईएम बीआरएस की सहयोगी पार्टी है.

भाजपा मुकाबले में भी नहीं है- KCR की बेटी

केसीआर की बेटी के कविता ने शुक्रवार को कुछ सीटों पर समझौते को लेकर कहा कि हमारा किसी के साथ कोई समझौता नहीं है. हमारी केवल एक सहयोगी पार्टी एआईएमआईएम है. एआईएमआईएम के अलावा, हमारा किसी के साथ कोई समझौता नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि बीआरएस इस बार सीटों का शतक लगाएगी. उन्होंने भाजपा मुकाबले में भी नहीं है क्योंकि पार्टी राज्य में कहीं भी नहीं है. 2018 में उसे 105 सीटों पर जमानत जब्त करानी पड़ी थी. कविता ने कहा कि इस बार इसे और भी अधिक नुकसान होगा.

KCR ने तेलंगाना को लूटा- खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी तेलंगाना जीत दर्ज करेगी. उन्होंने लोगों से बीआरएस की सरकार को उखाड़ फेंकने का आग्रह किया. खरगे ने कहा कि केसीआर पर खरगे ने केसीआर पर तेलंगाना को ‘लूटने’ का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि केसीआर सचिवालय या विधानसभा में बैठकर नहीं बल्कि फार्महाउस में बैठकर सरकार चलाते हैं.

2018 में BRS ने जीती थी 88 सीटें

बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में बीआरएस को 119 में से 88 सीट पर जीत मिली थी जबकि कांग्रेस को 19, AIMIM को छह सीटों पर जीत मिली थी. वहीं भाजपा ने महज एक सीटी जीती थी. वहीं, बाद में कांग्रेस के 12 विधायकों ने बीआरएस का दामन थाम लिया था.

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