जयपुर / भाजपा का आरोप-सरकार वर्ग विशेष के लिए काम कर रही, कांग्रेस बोली- इंसानियत को मरने नहीं दे सकते

Dainik Bhaskar : Aug 18, 2019, 02:38 PM
जयपुर. अलवर में पहलू खां की मॉब लिंचिंग के देशभर में चर्चित मामले में दाे ‘पहलू’ सामने आने लगे हैं। कांग्रेस व भाजपा आमने-सामने हो गए हैं। इस मामले में 6 आराेपियाें के बरी हाेने के बाद जहां सरकार ने एसअाईटी गठित कर दी है, वहीं एडीजे काेर्ट के फैसले काे चुनाैती देने की तैयारी भी है। भाजपा इसे कांग्रेस सरकार का एक वर्ग विशेष के लिए काम करने वाला कदम करार दे रही है। भाजपा का आरोप है कि क्या सरकार को कोर्ट के फैसले पर भी विश्वास नहीं कि इसे हायर कोर्ट में चैलेंज करने जा रही है। दूसरी ओर कांग्रेस का कहना है कि हम इंसानियत को मरने नहीं दे सकते। मॉब लिंचिंग किसी के साथ हो, सरकार ऐसा ही कदम उठाएगी।

सियासत के 2 पहलू : कांग्रेस vs भाजपा

मॉब लिंचिंग पर सरकार का दोहरा चरित्र : राजे 

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा-  एक तरफ तो सरकार मॉब लिंचिंग का कानून ला रही है। दूसरी तरफ हरीश जाटव के मॉब लिंचिंग मामले में सरकार कोई एक्शन नहीं ले रही। इससे परेशान हरीश के पिता रतिराम ने खुदकुशी कर ली। फिर भी सरकार की आंखें नहीं खुलीं। यह सरकार का दोहरा चरित्र है। सरकार पीड़ित को तत्काल न्याय दिलवाए।अलवर के टपूकड़ा में मॉब लिंचिंग में मारे गए हरीश जाटव व उसके पिता रतिराम को न्याय के मामले में भाजपा का आरोप है कि सरकार ने आंखें मूंद रखी है। भाजपा का कहना है कि इस केस में एसआईटी गठित क्यों नहीं की? पहलू खान पर कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किए लेकिन हरीश जाटव और उसके पिता रतिराम के मामले में सरकार कोई कदम नहीं उठा रही?

माहौल खराब करने में जुटी है भाजपा : महेश जोशी

मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा-  पहलू खां के मामले में कोर्ट तक ने माना है कि जांच ठीक तरीके से नहीं हुई है। यदि भीड़ ने किसी व्यक्ति की हत्या की और जांच ठीक तरीके से न होने पर सरकार उसके लिए प्रयास करे तो इसमें बुराई नहीं है। भविष्य में यदि किसी के साथ ऐसी घटना होती है तो सरकार ऐसा ही कदम उठाएगी। भाजपा मामले को बेवजह तूल देकर माहौल को खराब कर रही है।

जानिए, क्यों कमजोर पड़ा केस?

पहलू खां केस के कानूनी पहलुओं को समझने के लिए राजेश रवि ने दोनों पक्षों के वकीलों से बात की

खुद पहलू के बेटों ने ही मुल्जिमों को नहीं पहचाना, केस बेहद कमजोर था।’-हुकुम चंद, आरोपियों के वकील

हमने सभी सबूत पेश किए, बयान भी स्पष्ट थे, अदालत ने नहीं माने।’ -योगेंद्र सिंह, सरकारी वकील

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