Axiom 4 Mission / शुभांशु शुक्ला से PM मोदी ने की बात- अंतरिक्ष में भारत का परचम लहराने के लिए दी शुभकामनाएं

शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले 634वें और भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री बन गए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से उनसे बात की और बधाई दी। शुभांशु 14 दिन तक अंतरिक्ष में रहकर विज्ञान और अनुसंधान को बढ़ावा देंगे।

Axiom 4 Mission: भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ा है। शुभांशु शुक्ला, भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन, अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले 634वें अंतरिक्ष यात्री बन गए हैं। इससे भी बड़ी बात यह है कि वह अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुंचने वाले दूसरे भारतीय हैं। उनकी इस ऐतिहासिक यात्रा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनसे संवाद किया और देशवासियों की ओर से उन्हें बधाई दी।

"शुभ यात्रा का शुभ आरंभ"

पीएम मोदी ने शुभांशु से बातचीत के दौरान कहा, "आपके नाम में भी शुभ है और आपकी यात्रा नए युग का शुभ आरंभ भी है।" प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर यह जानकारी साझा की गई। उन्होंने इसे "भारत की सामूहिक यात्रा" बताते हुए शुभांशु को "नई पीढ़ी का प्रेरणा स्रोत" कहा।

अंतरिक्ष से भारत का भव्य दर्शन

शुभांशु शुक्ला ने बताया कि वह ISS में एकदम ठीक महसूस कर रहे हैं और यह अनुभव पूरी तरह नया है। उन्होंने कहा, "यह यात्रा सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि पूरे देश की है। हम प्रतिदिन 16 बार सूर्यास्त और 16 बार सूर्योदय देख रहे हैं। 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ रहे हैं। अंतरिक्ष से देखा गया भारत मानचित्र से कहीं ज्यादा विशाल और भव्य लगता है। यहां से कोई सीमा नहीं दिखती, सिर्फ एक पृथ्वी दिखती है।"

भारत की स्पेस रेस का पहला पड़ाव

प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्ला को "स्पेस स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय" बताते हुए यह भी कहा कि यह मिशन भारत की अंतरिक्ष दौड़ की पहली सीढ़ी है। शुक्ला ने बताया, "यहां सोने के लिए पैरों को बांधना पड़ता है, वरना ऊपर तैरने लगते हैं। यह अनुभव बेहद अनूठा है और आने वाले मिशनों के लिए मूल्यवान होगा।"

गगनयान और आगे का लक्ष्य

पीएम मोदी ने शुभांशु को "मिशन गगनयान" और भारत के अपना स्पेस स्टेशन बनाने के संकल्प की याद दिलाई और कहा कि शुक्ला का अनुभव इन मिशनों में अत्यंत उपयोगी रहेगा। प्रधानमंत्री ने शुक्ला को "होमवर्क" भी सौंपा — उनके अनुभवों को विस्तार से रिकॉर्ड करना ताकि अगली पीढ़ी के अंतरिक्ष यात्रियों को लाभ मिल सके।

युवाओं को संदेश: "कोशिश मत छोड़िए"

अंतरिक्ष से भारतीय युवाओं को संदेश देते हुए शुभांशु शुक्ला ने कहा, "हर सपने का रास्ता अलग होता है, लेकिन सफलता की एक कॉमन कुंजी है – कभी हार मत मानो।" उनका यह संदेश हर युवा को प्रेरित करता है कि कठिनाइयों के बावजूद निरंतर प्रयास ही सफलता का मार्ग है।

“भारत नई उड़ानों का मंच तैयार कर रहा है”

प्रधानमंत्री ने कहा, "यह सिर्फ एक उड़ान नहीं, भारत की उड़ानों के लिए एक मंच है। भारत अब न केवल खुद उड़ान भरेगा बल्कि दुनिया को भी नई उड़ानों के लिए प्रेरित करेगा।"

अंतरिक्ष से पहला संदेश: “जय हिंद, जय भारत”

अंतरिक्ष में प्रवेश के 28 घंटे बाद शुभांशु ने अपना पहला संदेश हिंदी में भेजा: "यह भारत के लिए खास पल है और मैं तिरंगा लेकर चला हूं।" उन्होंने कहा, "मेरा सिर थोड़ा भारी है, पर ये छोटी बात है। हमें इसकी आदत हो जाएगी। यह सिर्फ शुरुआत है।"

अगले 14 दिन: विज्ञान और अनुसंधान की साधना

शुक्ला ने कहा, "ISS में मेरा स्वागत जिस तरह से हुआ, वह अविस्मरणीय था। मुझे विश्वास है कि अगले 14 दिन अनुसंधान और विज्ञान की दृष्टि से महत्वपूर्ण होंगे और हम मिलकर ज्ञान की नई सीमाएं छूएंगे।"