- भारत,
- 21-Jun-2025 10:55 AM IST
International Yoga Day: 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की 11वीं वर्षगांठ पर पूरी दुनिया एक बार फिर योग के रंग में रंगी नजर आई। इस वर्ष की थीम "एक पृथ्वी के लिए योग, एक स्वास्थ्य के लिए योग" ने इस प्राचीन भारतीय परंपरा के वैश्विक महत्व को एक नई दृष्टि दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में आयोजित विशाल योग कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए तीन लाख से अधिक लोगों के साथ सामूहिक योग किया।
देशभर में योग का उत्सव
भारत के कोने-कोने में योग दिवस को उत्साह और जागरूकता के साथ मनाया गया। देश के 3.5 लाख से अधिक स्थानों पर सामूहिक योग कार्यक्रम आयोजित किए गए।
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देहरादून में योग सत्र में भाग लिया।
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रक्षामंत्री राजनाथ सिंह उधमपुर में जवानों के साथ योग करते दिखे।
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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल जैसे कई नेता दिल्ली और मुंबई में आयोजित कार्यक्रमों में शामिल हुए।
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नितिन गडकरी ने नागपुर, पुष्कर सिंह धामी ने गैरसैंण, भूपेन्द्र पटेल ने वडनगर, और हिमंत बिस्वा सरमा ने बक्सा में योग किया।
यह केवल राजनेताओं की भागीदारी नहीं थी, बल्कि आम नागरिकों, छात्रों, सैनिकों, और दिव्यांगों तक हर वर्ग ने इस दिन योग को अपनाया।
प्रधानमंत्री का संदेश: “योग सभी का है, सभी के लिए है”
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि “योग न केवल शरीर और मन को स्वस्थ बनाता है, बल्कि यह हमें प्रकृति से जोड़ता है, सामाजिक समरसता बढ़ाता है और आंतरिक शांति का मार्ग दिखाता है।”
उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि आज का समय तनावपूर्ण है, और योग वैश्विक अस्थिरता में संतुलन और शांति का माध्यम बन सकता है। उन्होंने दुनिया को एक नई पहल “10% तेल घटाने” के चैलेंज से भी जोड़ा, जिससे मोटापे और अस्वास्थ्यकर जीवनशैली से मुकाबला किया जा सके।
भारत का योगदूत के रूप में बढ़ता प्रभाव
मोदी ने याद दिलाया कि कैसे 2014 में भारत के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया, और मात्र कुछ ही समय में 175 देशों ने इसका समर्थन किया। यह भारत की कूटनीतिक सफलता और योग की सार्वभौमिकता का प्रमाण है।
थीम की प्रासंगिकता: प्रकृति और मानवता का संतुलन
"एक पृथ्वी के लिए योग, एक स्वास्थ्य के लिए योग" इस विषय ने यह स्पष्ट किया कि मानव का स्वास्थ्य पृथ्वी के स्वास्थ्य से जुड़ा है – मिट्टी, जल, वायु, वन्यजीव – सभी के साथ हमारा जीवन संतुलित हो, इसके लिए योग की दृष्टि जरूरी है।