दिल्ली / प्रणब मुखर्जी ने कहा- जीडीपी के साथ ग्रॉस हैप्पीनेस भी अहम, दुनियाभर में इस पर चर्चा हो रही

Zee News : Sep 06, 2019, 12:57 PM
नई दिल्ली. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भूटान की तर्ज पर देश में ग्रॉस हैप्पीनेस पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ग्रॉस हैप्पीनेस भी ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (जीडीपी) से कम नहीं है। इसका मूल आधार शिक्षा है। वे शिक्षक दिवस के मौके पर गुरुवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की किताब 'शिक्षा' के विमोचन कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

छात्रों को सवाल पूछने के लिए प्रोत्साहित करें

मुखर्जी ने कहा, ''आज दुनिया सिर्फ सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के बारे में बात नहीं कर रही है, वे इससे ज्यादा चाहते हैं। एक नई अवधारणा है कि किसी देश के लिए जीडीपी महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके साथ-साथ ग्रॉस हैप्पीनेस को भी तरजीह दी जा रही है।''

पूर्व राष्ट्रपति ने कार्यक्रम में दिल्ली के शिक्षकों की सराहना की और सिसोदिया को किताब लिखने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि छात्रों को सवाल पूछने के लिए प्रोत्साहित किया जाना जरूरी है।

मुखर्जी ने सिसोदिया के प्रयास को सराहा

मुखर्जी ने कहा, ''सिसोदिया की यह किताब किसी शोध के लिए नहीं बल्कि आम शिक्षकों और इस क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए है। मौजूदा वक्त में ऐसी किताब आना निश्चित रूप से शिक्षकों और अधिकारियों के लिए फायदेमंद है।''

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