राजस्थान के न्यायिक गलियारों में इन दिनों चुनावी सरगर्मी के बाद अब जश्न का माहौल है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में बार एसोसिएशनों के चुनावों के नतीजे घोषित कर दिए गए। हैं, जिसके बाद विजयी उम्मीदवारों और उनके समर्थकों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। इन चुनावों को 'वकीलों की सरकार' के गठन के रूप में देखा जा रहा है, जहां अधिवक्ता समुदाय अपने नेतृत्व का चुनाव करता है और कई जिलों में अध्यक्ष पद पर अनुभवी वकीलों ने फिर से जीत हासिल की है, जबकि कुछ जगहों पर नए चेहरों को भी मौका मिला है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया की जीवंतता को दर्शाता है। यह चुनाव प्रक्रिया वकीलों के बीच लोकतांत्रिक मूल्यों और एकजुटता को दर्शाती है, जिससे उनके हितों का प्रतिनिधित्व करने वाला एक मजबूत नेतृत्व सामने आता है।
बीकानेर में चौथी बार पुरोहित का परचम
बीकानेर बार एसोसिएशन के चुनाव में अजय कुमार पुरोहित ने चौथी बार अध्यक्ष पद पर शानदार जीत दर्ज की है और उन्हें कुल 999 वोट मिले, जो उनके प्रतिद्वंद्वियों से काफी अधिक थे। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी तेजकरण सिंह राठौड़ को 849 वोट मिले, जबकि सुखाराम मेघवाल को 82 और सकीना बानो को 69 वोट प्राप्त हुए। पुरोहित की इस लगातार चौथी जीत ने बीकानेर में उनकी लोकप्रियता और वकीलों के बीच उनके मजबूत जनाधार को साबित किया है। नतीजों की घोषणा होते ही उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई और उन्होंने जमकर नारेबाजी करते हुए अपनी खुशी का इजहार किया। यह जीत बीकानेर के अधिवक्ता समुदाय में पुरोहित के नेतृत्व पर। अटूट विश्वास का प्रतीक है और उनकी प्रभावी कार्यशैली का प्रमाण है।
भरतपुर और बाड़मेर में नए नेतृत्व का उदय
भरतपुर बार एसोसिएशन में कृष्ण कुमार उपाध्याय ने अध्यक्ष पद अपने नाम किया है। इस चुनाव में छह पदों के लिए मतदान हुआ था, जिसमें वकीलों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। जीत के बाद अधिवक्ताओं ने पटाखे फोड़कर और डीजे की धुन पर डांस कर अपनी खुशी का इजहार किया। यह जीत भरतपुर के वकीलों के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत मानी जा रही है, जहां उपाध्याय के नेतृत्व में बार एसोसिएशन नई दिशा में आगे बढ़ेगी। वहीं, बाड़मेर में चार प्रमुख पदों के लिए कड़ी टक्कर देखने को मिली। अध्यक्ष पद पर विष्णु भगवान चौधरी ने भाखराराम गोदारा को 39 वोटों के मामूली अंतर से हराकर जीत हासिल की। उपाध्यक्ष पद पर अमित बोहरा, सचिव पद पर स्वरूपसिंह भदरू और कोषाध्यक्ष पद पर गौरव खत्री निर्वाचित हुए और बाड़मेर में यह चुनाव काफी रोमांचक रहा, जहां हर वोट मायने रखता था और परिणाम अंतिम क्षण तक अनिश्चित बना रहा।
दौसा और जयपुर कलेक्ट्रेट में चुनावी उत्साह
दौसा बार एसोसिएशन चुनाव में कुंज बिहारी शर्मा ने अपने प्रतिद्वंद्वी महेंद्र को 27 मतों से हराकर एक बार फिर अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया। यह उनकी लगातार जीत को दर्शाता है और वकीलों के बीच उनकी स्वीकार्यता को मजबूत करता है। उपाध्यक्ष पद पर मोहम्मद आरिफ और वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर गिर्राज प्रसाद रामेश्वर निर्वाचित हुए। दौसा में भी चुनाव प्रक्रिया शांतिपूर्ण और उत्साहपूर्ण माहौल में संपन्न हुई, जिसमें वकीलों ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर अपने पसंदीदा उम्मीदवारों को चुना। जयपुर कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन में भी मतदान को लेकर खासा उत्साह देखने को मिला। कुल 1655 मतदाताओं में से 1430 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जो एक उच्च मतदान प्रतिशत है। संदीप शर्मा ने 824 वोट प्राप्त कर 236 वोटों के बड़े अंतर से अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की। महासचिव पद पर मनोज वर्मा 623 वोटों के साथ विजयी रहे। नतीजों के बाद वकीलों ने डीजे की धुन और भजनों पर नाचते हुए अपनी जीत का जश्न मनाया, जिससे पूरे परिसर में उत्सव का माहौल बन गया और जीत की खुशी साफ झलक रही थी।
सीकर और प्रतापगढ़ में निर्विरोध और लगातार जीत
सीकर में दामोदर माटोलिया अध्यक्ष चुने गए, जबकि उपाध्यक्ष पद पर देवी सिंह,। महासचिव पर विजय कुमार शर्मा और कोषाध्यक्ष पद पर सुनीता सांई निर्विरोध निर्वाचित हुए। यह निर्विरोध निर्वाचन सीकर बार एसोसिएशन में एकजुटता और सर्वसम्मति का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जहां प्रमुख पदों पर बिना किसी विरोध के उम्मीदवारों का चयन किया गया। सामाजिक सचिव पद पर राजपाल विजयी रहे और वहीं, प्रतापगढ़ में बनवन्त सिंह बंजारा ने लगातार तीसरी बार अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज कर अपनी मजबूत पकड़ साबित की। परिणाम घोषित होते ही न्यायालय परिसर के बाहर आतिशबाजी और डीजे पर डांस का माहौल देखने को मिला, जो उनकी जीत के प्रति वकीलों के उत्साह को दर्शाता है और उनके नेतृत्व में विश्वास को मजबूत करता है।
करौली में जयेंद्र सिंह की दूसरी बार जीत
करौली जिला बार एसोसिएशन में जयेंद्र सिंह ने दूसरी बार अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया। कुल 175 पड़े मतों में से उन्होंने 108 मत हासिल किए, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी धीरेंद्र बैंसला को 67 वोट मिले और जयेंद्र सिंह ने 41 मतों के अंतर से यह जीत दर्ज की। यह जीत करौली के अधिवक्ता समुदाय में उनके बढ़ते प्रभाव और नेतृत्व क्षमता को दर्शाती है। इन चुनावों के माध्यम से राजस्थान के विभिन्न जिलों में वकीलों ने अपने नए नेतृत्व का चुनाव किया है, जो। आने वाले समय में अधिवक्ता समुदाय के हितों का प्रतिनिधित्व करेगा और न्यायिक प्रणाली को मजबूत करने में अपनी भूमिका निभाएगा। यह चुनाव प्रक्रिया वकीलों के बीच लोकतांत्रिक भावना को सुदृढ़ करती है और। उन्हें अपने भविष्य के लिए एक मजबूत आवाज चुनने का अवसर प्रदान करती है।