जयपुर / राजस्थान सरकार ने महाराष्ट्र कांग्रेस विधायकों पर 5 दिन में 50 लाख रु से ज्यादा खर्च किये

Dainik Bhaskar : Nov 14, 2019, 10:06 AM
जयपुर. महाराष्ट्र के कांग्रेसी विधायक पांच दिन से आमेर के पास पीली की तलाई के एक रिजॉर्ट में ठहरे हुए हैं। इन विधायकों के रहने व खाने-पीने पर रोजाना 10 लाख रुपए से ज्यादा खर्च हो रहे हैं। यानी पांच दिन में 50 लाख रुपए से ज्यादा का खर्चा हो चुका है। महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद अब रिजॉर्ट व टैक्सियों के खर्च का भुगतान करने वाले नेता के नाम जानने में लोगों की दिलचस्पी है।

रिजॉर्ट में प्राइवेट पूल वाले गार्डन एक विला का रोजाना का खर्चा 18 हजार रुपए है। रॉयल विला में ठहरने की कीमत 26 हजार रुपए रोजाना देना पड़ रहा है। इसके साथ ही खाने-पीने का खर्चा अलग अलग है। विधायक जयपुर के अलावा अजमेर, पुष्कर, सालासर बालाजी सहित आसपास के जिलों में धार्मिक पर्यटन यात्रा कर रहे हैं। उनके लिए लग्जरी गाड़ियाें की अलग से इंतजाम किए गए हैं। विधायक जहां भी जा रहे, सरकार की ओर से उन्हें पूरी सुरक्षा अलग से दी जा रही है।

तलाई गांव के रिसोर्ट में ठहरे हैं विधायक

महाराष्ट्र के विधायक आमेर के पास पीली की तलाई गांव में ढूंढ नदी के किनारे बने एक रिसोर्ट में रुके हुए हैं। रिवर व्यू को लेकर रिसोर्ट पहले भी चर्चा में रही है, लेकिन देशभर में नाम हो गया है। लोगों का कहना है कि गांव में इससे पहले कभी इतना वीआईपी मूवमेंट नहीं रहा। पहले केवल पर्यटकों की बस व कार आती थी और चली जाती थी। अब यह दिलचस्पी है कि ‘परदेशी विधायकों तुम कब जाओगे।’ पीली की तलाई स्थित इस रिसोर्ट की कड़ी सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस को भी दे रखी थी। रिसोर्ट के गेट के साथ ही अंदर भी 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी सादा वर्दी में तैनात थे। एक पुलिसकर्मी ने बताया कि पहचान बताने के ऊपर से सख्त आदेश है।

बड़ा सवाल- कौन उठा रहा विधायकों का खर्च?

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग चुका है। बावजूद, महाराष्ट्र से राजस्थान लाए गए 40 कांग्रेसी विधायक मंगलवार आधी रात तक यहीं थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अविनाश पांडे सहित अन्य नेता दिल्ली में आलाकमान के संपर्क में रहे। राजनीतिक गलियारों में इसकी चर्चा है कि आखिर अब किस नेता के नंबर बढ़ाने के लिए यह पॉलिटिकल ड्रामा जारी है। अब कांग्रेसी विधायक जयपुर रहें चाहे महाराष्ट्र, इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। इसके बावजूद 40 एमएलए को जयपुर में छुपाया जा रहा है। इतना ही नहीं, इन विधायकों और उन्हें पॉलिटिकल प्रवचन देने वाले बड़े नेताओं के फ्रांस की कंपनी के इतने महंगे ब्यूना विस्टा होटल में ठहराने, खान-पान, अन्य मौज-मस्ती-भ्रमण के खर्च कौन उठा रहे हैं?

कांग्रेस को था विधायकों की खरीद-फरोख्त का डर

288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव परिणाम 24 अक्टूबर को घोषित किया गया। भाजप-शिवसेना गठबंधन में दरार के कारण रिजल्ट के 15 दिन बाद अचानक कांग्रेसी विधायकों को बाड़ेबंदी के तहत जयपुर लाया गया। 8 नवंबर से ये विधायक एक होटल में ठहरे हैं। जब तक राष्ट्रपति शासन नहीं लगा था, तब तक तो माना जा रहा था कि कहीं सत्ता पाने कोई बड़ी पार्टी इनकी खरीद-फरोख्त नहीं कर दे। अब तो वहां राष्ट्रपति शासन ही लग चुका है। अब कोई नया गठबंधन भी बनेगा तो वह एनसीपी-शिवसेना की ही बड़ी संभावना जताई जा रही है। ऐसे में कांग्रेसी विधायकों की पूछ क्या होगी, देखेने वाली बात है। वे चाहे तो किसी गठबंधन सरकार को समर्थन दे सकते हैं, इसका फैसला भी दिल्ली हाईकमान के आदेश पर होगा। यह भी चर्चा है कि ऐसा कौन नेता या विधायक है तो किसी सीनियर के नंबर बढ़ाने यह खर्च उठा रहा है। यदि पार्टी भी उठा रही है तो मामले का पटाक्षेप होने के बाद क्यों नई परंपराएं डाली जा रही है।

विधायकों पर 50 लाख का खर्च सही तो सरकार नई सड़क क्यों नहीं बना पाई?

आमेर रोड से दो किमी अंदर रिसोर्ट तक जाने में कच्ची-पक्की सड़क है। यहां डामर की टूटी-फूटी सड़क से ज्यादा ग्रेवल सड़क है। रिसोर्ट तक आने वाली लग्जरी गाड़ियों से उड़ती धूल ग्रामीणों के लिए दिक्कत कर रही हैं। लोगों का कहना है कि गांव में कांग्रेसी विधायक ठहरे हैं और प्रदेश में पार्टी की सरकार है। गांव वालों को लगा कि अब यहां की सड़कों की हालत सुधरने वाली है।

विधायकों ने कहा- भाजपा को नहीं बनाने दी सरकार, यह कांग्रेस की जीत

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने की घोषणा के बाद रिसोर्ट में ठहरे विधायक मंगलवार शाम छत पर आए। विधायकों ने हाथ से  ‘वी’ यानि विजय मुद्रा को दिखाकर हाथों से अभिवादन किया। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे, रघु शर्मा सहित महाराष्ट्र के विधायकों ने बताया कि महाराष्ट्र में भाजपा सरकार नहीं बनने देने में सफल हुए है। यह कांग्रेस की जीत है।

विधायक चाहते हैं- महाराष्ट्र में न हों तुरंत चुनाव

महाराष्ट्र में सत्ता का गणित बिगड़ने के बावजूद जयपुर में ठहरे महाराष्ट्र के 40 कांग्रेस विधायक तुरंत विधानसभा का चुनाव नहीं कराना चाहते। वे प्रदेश में स्थायी सरकार चाहते हैं। इसके लिए वे किसी सरकार में शामिल होने को तैयार हैं, लेकिन पूरा फैसला सोनिया गांधी पर छोड़ रखा है। मंगलवार को राजस्थान के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने विधायकों से रायशुमारी की।

आगे क्या: समर्थन पत्र मिलने पर सरकार बन सकती है

संविधान विशेषज्ञों के अनुसार, राष्ट्रपति शासन बेशक 6 महीने के लिए है, लेकिन पार्टियां चाहें तो अगले कुछ दिनों में सरकार बना सकती हंै। इसके लिए बहुमत का आंकड़ा दर्शाना होगा। यानी समर्थन पत्र पर 145 (बहुमत का आंकड़ा) से ज्यादा विधायकों के हस्ताक्षर जरूरी हैं। समर्थन पत्र मिलने के बाद राज्यपाल केंद्र को राष्ट्रपति शासन खत्म करने के लिए कह सकते हैं। लेकिन, अगर राज्यपाल को विधायकों की खरीद-फरोख्त के प्रमाण मिलते हैं तो वह सरकार बनाने की मांग को खारिज भी कर सकते हैं।

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