पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के खिलाफ चौमूं थाने में FIR दर्ज की गई है। यह मामला 28 सितंबर 2025 को जयपुर-सीकर नेशनल हाईवे-52 स्थित टांटियावास टोल प्लाजा पर हुई घटना से संबंधित है, जहां गुढ़ा पर टोल बैरियर हटाकर कई वाहनों को बिना भुगतान के निकालने का आरोप है। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया था। टोल प्लाजा का संचालन करने वाली कंपनी मंदिया इंटरप्राइजेज ने 7 अक्टूबर को राजस्व के नुकसान और टोलकर्मियों से अभद्र व्यवहार करने की शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद FIR हुई।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस के अनुसार, 28 सितंबर 2025 को टांटियावास टोल की लाइन नंबर 15 पर एक वाहन (RJ 01 UA 4900) टोल में छूट की मांग कर रहा था। इसी दौरान, पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा भी अपनी कार में पीछे फंसे हुए थे। उनके आगे युवा नेता राहुल महला की कार सहित चार अन्य गाड़ियां थीं, जो टोल भुगतान करने से मना कर रही थीं।
गुढ़ा ने हटाया बैरियर
जानकारी के मुताबिक, राजेंद्र गुढ़ा अपनी कार से नीचे उतरे और टोल बूथ के पास पहुंचकर पहले अपनी कार को निकलने का इशारा किया। जब पहली कार निकलने के बाद टोल का बैरियर गिरने लगा, तो उन्होंने उसे हाथ से पकड़कर ऊपर उठा दिया। गुढ़ा ने बैरियर को गिरने नहीं दिया और लगातार तीन गाड़ियों को बिना टोल दिए ही निकलवा दिया। वाहनों के निकलने के बाद, वे अपने समर्थकों से हाथ मिलाते हुए वहां से चले गए और
राजस्व नुकसान और अभद्र व्यवहार का आरोप
चौमूं SHO प्रदीप शर्मा ने बताया कि मंदिया इंटरप्राइजेज की रिपोर्ट में आरोप है कि इस दौरान टोलकर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार भी किया गया, जिससे कंपनी को राजस्व का नुकसान हुआ। पुलिस ने पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा और उनके सहयोगी राहुल महला के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। मामले की जांच ASI क्रोसता को सौंपी गई है।