देश / उत्तराखंड में मिला दुर्लभ प्रजाति का रेड कोरल कुकरी सांप, रेस्क्यू के बाद जंगल में छोड़ा गया

Live Hindustan : Aug 08, 2020, 07:00 AM
उत्तराखंड: के नैनीताल जिले में एक बहुत ही दुर्लभ रेड कोरल कुकरी सांप को वन अधिकारियों ने रेस्क्यू किया है। दुर्लभ प्रजाती के इस सांप को वन विभाग के अधिकारियों ने नैनीताल के बिन्दुखत्ता क्षेत्र के एक स्थानीय निवासी के घर से रेस्क्यू किया है, जहां वह छिपा हुआ था। वन अधिकारियों के अनुसार, ऐसा दुर्लभ सांप पहली बार 1936 में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी क्षेत्र में देखा गया था, जहां इसे अपना वैज्ञानिक नाम 'ओलिगोडोन खेरिएन्सिस' मिला। इसके नाम में प्रत्यय 'कुकरी' कुकरी या गोरखाओं के घुमावदार चाकू से आता है क्योंकि इसके दांत कुकरी के ब्लेड की तरह घुमावदार होते हैं।

नीतीश मणि त्रिपाठी, प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) तराई पूर्व ने कहा, गौला वन रेंज टीम को नैनीताल जिले के बिंदूखत्ता क्षेत्र के कुररिया खट्टा गांव के निवासी कविंद्र कोरंगा से शुक्रवार सुबह एक सांप के बचाव के लिए एक कॉल मिली। जब हम सांप को बचाने के लिए वहां पहुंचे तो ग्रामीणों ने उसको पकड़ लिया था उसे एक प्लास्टिक की बोरी में रखा दिया था।

त्रिपाठी ने कहा कि सांप को मौके से बचाने के बाद टीम भी हैरान थी क्योंकि यह दुर्लभ सांपों में से एका था। उन्होंने कहा कि बाद में इसे जंगल में छोड़ दिया गया। देहरादून स्थित वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (WII) के वन्यजीव विशेषज्ञ विपुल मौर्य ने कहा कि रेड कोरल कुकरी एक बहुत ही दुर्लभ सांप है और उत्तराखंड में अब तक केवल दो बार देखा गया है।

2015 में तराई पूर्वी वन प्रभाग के सुरई वन रेंज में सूचना मिली थी। इससे पहले 2014 में, उत्तर प्रदेश की सीमा के पास सुरई वन रेंज में इस सांप की सूचना मिली थी, लेकिन तब यह मृत पाया गया था। रेड कोरल कुकरी सांप को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची 4 में सूचीबद्ध किया गया है। यह लाल और चमकीले नारंगी रंगों में पाया जाता है। यह गैर विषैला सांप होता है और केंचुएं और कीड़ें और लार्वा इसके भोजन हैं।


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