- भारत,
- 11-Sep-2025 05:54 PM IST
India-US Tariff War: अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ का असर अब विदेशी मुद्रा बाजार में साफ दिखाई दे रहा है। गुरुवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 88.44 के स्तर तक लुढ़क गया, जो पिछले शुक्रवार के 88.36 के रिकॉर्ड से भी नीचे है। यह गिरावट दर्शाती है कि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका के दबाव से जूझ रही है।
निवेशकों का भरोसा डगमगाने से इस साल अब तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर और बॉन्ड बाजार से करीब 11.7 अरब डॉलर निकाल लिए हैं। इसका सीधा असर करेंसी मार्केट पर दिख रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी टैरिफ से भारत की विकास दर और व्यापारिक संतुलन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है, जिसके चलते रुपया एशियाई मुद्राओं में सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है।
सरकार के कदम
स्थिति को संभालने के लिए केंद्र सरकार ने GST दरों में कटौती का ऐलान किया है, ताकि घरेलू मांग को सहारा मिल सके। इसके अलावा भारत और अमेरिका के बीच लगातार बातचीत जारी है, ताकि व्यापारिक अड़चनों को दूर किया जा सके। हालांकि निर्यातकों को ऑर्डर की अनिश्चितता झेलनी पड़ रही है और आयातकों को हेजिंग की लागत बढ़ानी पड़ रही है, जिससे मांग और आपूर्ति का संतुलन बिगड़ रहा है।
RBI की सक्रियता
रुपये की कमजोरी को थामने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक भी सक्रिय है। मार्केट विशेषज्ञों का कहना है कि RBI डॉलर बेचकर बाजार में स्थिरता लाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि केंद्रीय बैंक रुपये को किसी खास स्तर पर रोकने की कोशिश नहीं कर रहा, बल्कि तेज गिरावट को नियंत्रित करने पर जोर दे रहा है, ताकि निवेशकों और कंपनियों के बीच घबराहट न फैले।
