बूंदी बस हादसा / दर्द और चीखें, शीशे तोड़कर जहां हाथ डाला, वहीं से मिलीं लाशें

Dainik Bhaskar : Feb 27, 2020, 03:25 PM
बूंदी | बूंदी के लाखेरी में बस के मेज नदी में गिरने से 24 लोगों की मौत से पूरा इलाका सदमे में है। जैसे ही हादसे की जानकारी मिली आसपास के लोग व पुलिस दल तत्काल मौके पर पहुंच गए, लेकिन वहां का दृश्य देखकर वे भी सन्न रह गए। 

मौत का ऐसा भीषण तांडव उन्होंने पहले कहीं नहीं देखा था। रेस्क्यू टीम में सबसे पहले वहां पहुंचने वाले देईखेड़ा थाने के प्रभारी विजय सिंह ने इस भयानक हादसे के बारे में जो भास्कर बताया वह उन्हीं के शब्दों में दिया जा रहा है। ...मुझे करीब 10 बजे इस घटना की सूचना मिली। मैं टीम के साथ मौके के लिए रवाना हो गया। 20 मिनट में वहां पहुंचा तो बस एक साइड से उल्टी पड़ी थी, 20-30 आदमी वहां खड़े थे। कांस्टेबल गिर्राज, रूपनारायण  तत्काल नदी में कूदे और रेस्क्यू शुरू किया। लोगों ने भी पुलिस की मदद की।

उल्टी पड़ी बस के एक तरफ के सारे शीशे तोड़े और शवों को निकालना शुरू किया, तब तक और थानों की पुलिस व डॉक्टर भी पहुंच चुके थे। डॉक्टर मौके पर ही पल्स चैक करके बता रहे थे कि कोई जिंदा है या नहीं? हमारे लिए यह हादसे से मन विचलित सा हो गया, क्योंकि कोई जिंदा नहीं निकल रहा था। जैसे-जैसे शव निकालने लगे तो हमारी भी आंखें भर आई। इसी बीच एक चमत्कार भी हमने देखा... बस में ही फंसे एक बच्चे को निकाला तो डॉक्टरों ने बताया कि उसकी सांसें चल रही हैंं, उसे तत्काल हॉस्पिटल शिफ्ट करा दिया, वह बच्चा बच गया। 

अचानक आई तेज आवाज,  नदी में बस गिरती देखी तो बचाने के लिए कूद पड़े ग्रामीण : रामेश्वर मीणा

प्रत्यक्षदर्शी पंप चालक रामेश्वर मीणा हादसे के समय वहां से 150 मीटर दूर मेज नदी किनारे पंप हाउस में थे, उन्हीं की जुबानी सुनिए....मैं पंप हाउस के अंदर था, तभी पानी में जोर से कुछ गिरने की आवाज सुनी तो दौड़कर बाहर आया, देखा कि एक बस नदी में डूबी हुई है। अनहोनी की आशंका में मैंने फिल्टर प्लांट के कर्मचारियों और कुछ ग्रामीणों को को फोन किया, प्लांट पर काम करनेवाले सुनील व एक अन्य दौड़कर आए और नदी में कूद गए, कुछ दूर ढाबे में लोग बैठे थे, कुछ रास्ते से गुजर रहे थे, उनमें से भी कुछ नदी में कूद गए। हीरालाल, चेतराम सहित अन्य युवक थे। इन लोगों ने चार लोगों को बचा लिया।

बजरंग पुलिया के पहले ड्राइवर उतरा था, चेक की थी बस

कोटा के एमबीएस अस्पताल में आए घायल मुरली का कहना है कि जब पुलिया पर बस गई तो उसके पहले ड्राइवर अचानक बस से उतरा था। संभवतया: उसे बस में कुछ खराबी लगी होगी इसलिए वो बस से उतरा। उसने बस को आगे-पीछे घूमकर चेक किया और पुलिया को भी देखा था। इसके बाद उसने बस स्टार्ट की और कुछ देर बाद अचानक बस नदी में जा गिरी। इससे ज्यादा मुझे कुछ याद नहीं हैं।

ग्रीन कॉरिडोर बनाकर 22 शवों को ले गए मुक्तिधाम

22 शवों को जब अलग-अलग वाहनों से मुक्तिधाम ले गए तो पूरा शहर एक बारगी थम सा गया। पुलिस और प्रशासन ने 22 शवों को एक साथ मुक्तिधाम तक ले जाने के लिए जवाहर नगर से किशोरपुरा मुक्तिधाम करीब 4 किलोमीटर में ग्रीन कॉरिडोर बनाया। पूरे रास्ते आगे से आगे पुलिस ने वाहनों को हटा दिया।

तीन-तीन फुट के अंतर पर बनाई 22  अर्थियां...

कोटा के किशोरपुरा मुक्तिधाम में जब एक-एक करके 22 शवों को लाया गया तो हाहाकार मच गया।  मुक्तिधाम में पीछे की तरफ अलग से महज 3-3 फुट के अंतराल में 22 अलग-अलग अर्थियां बनाई गई थीं। हर किसी का यह कहना था कि ऐसा हादसा जिसमें एक ही परिवार से संबंध रखने वाले 22 लोगों को एक साथ यहां लाया गया हो, कोटा शहर में पहले कभी नहीं देखा। जब अंतिम संस्कार शुरू हुआ तो रोते-बिलखते परिजन संभाले नहीं संभल सके। महिलाओं को परिजनों ने जैसे-तैसे संभाला। वहीं, इस दौरान गमजदा 5-6 परिजन गश खाकर गिर पड़े, जिन्हें प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवाया गया। 

जिनके समय में यह पुलिया बनी, उनके खिलाफ एक्शन होगा, काेई बच नहीं सकता : परिवहन मंत्री 

कोटा. चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा व परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास शाम को सीधे किशोरपुरा मुक्तिधाम पहुंचे और घटना पर गहरा दुख जताया। खाचरियावास ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कोई भी जिम्मेदार इस मामले में बच नहीं पाएगा। जिनके समय यह पुलिया बनी, उनके खिलाफ एक्शन लेना हमारा नैतिक दायित्व है। सारे कारणों की गहनता से जांच होगी। मुआवजे को लेकर सभी की बात आई है, इस पर सीएम से भी चर्चा करेंगे। फिलहाल दो-दो लाख रुपए की घोषणा की है।

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