क्षात्र पुरुषार्थ फाउण्डेशन की बैठक / अन्य राज्यों के लोग खा रहे हैं सवर्णों का कोटा, राज्य में प्रभावी कानून की जरूरत, आरक्षण की विसंगितियां दूर करने के लिए बनाई कार्ययोजना

Zoom News : Jan 24, 2021, 06:09 PM
ईडब्ल्यूएस आरक्षण, पंचायतराज प्रतिनिधियों के राज्य स्तरीय सम्मेलन और क्षत्रिय युवक संघ की हीरक जयंती समेत अनेक आयोजनों की रूपरेखा तय

जयपुर | श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन की केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक रविवार को जयपुर के झोटवाड़ा स्थित संघशक्ति प्रधान कार्यालय में आयोजित हुई। बैठक में केंद्रीय कार्यकारिणी के राजस्थान के सभी जिलों के प्रतिनिधियो ने भाग लिया ।

बैठक का प्रथम सत्र प्रातः 9 से 12 बजे तक हुआ जिसमें केंद्रीय टीम के कार्य विभाजन पर चर्चा एवं फैसले किए गए। राजस्थान के सभी जिलों में पहले से मौजूद सदस्यों के अलावा नई टीम के गठन पर चर्चा हुई। आयोजन में बाड़मेर, शेखावाटी, नागौर, पाली,जालोर, सिरोही, जोधपुर, जैसलमेर, जयपुर, भीलवाड़ा, बीकानेर समेत प्रदेश के कई जिलों के प्रतिनिधि शामिल हुए।


सम्पूर्ण राजस्थान में पंचायती राज चुनावों में विजयी हुए समाज के प्रतिनिधियो के जिला एवं राज्य स्तरीय सम्मेलन का फैसला लिया गया। इसमें विजयी सरपंचों के सम्मेलन जिला स्तर पर तथा विजयी जिला परिषद सदस्यों के सम्मेलन राज्य स्तर पर किए जाने का फैसला लिया गया। श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन के प्रयासों से संशोधित एवं लागू हुए में आरक्षण के नियमों में रह गई विसंगतियों के विषय में फिर से संघर्ष की कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा हुई तथा प्रदेश स्तर पर फिर से संघर्ष का फैसला किया गया। राजस्थान के सामान्य वर्ग के कोटे में बाहरी राज्यों के अभ्यर्थियों के सभी वर्गों को स्थान दिए जाने एवं इससे सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के हितों पर हो रहे कुठाराघात के विषय पर गम्भीर चर्चा के पश्चात, अन्य राज्यों द्वारा केवल अपने राज्यों के अभ्यर्थियों को भर्ती दिए जाने के फैसलों को राजस्थान में भी लागू करवाने हेतु अभियान शुरू किए जाने का फैसला किया गया। श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन समाज के युवाओं को संवैधानिक मूल्यों के सम्मान एवं विभिन्न समाजों के बीच सामाजिक एकता हेतु कार्यों के लिए प्रेरित करने वाला संगठन है, इस संगठन को राजस्थान के प्रत्येक जिले एवं तहसील स्तर पर ले जाने हेतु कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की गई। 


यह रहे मौजूद

यशवर्धनसिंह झेरली, श्रवणसिंह बगड़ी, आजाद सिंह शिवकर, रेवंतसिंह पाटोदा, रामसिंह चरकड़ा, चन्द्रवीरसिंह देणोक, महेन्द्रसिंह तारातरा, तारेन्द्रसिंह झिनझिनयाली, महेन्द्रप्रतापसिंह गिराब, राजेन्द्रसिंह आंतरी, खींवसिंह सुल्ताना, डाॅ. जालमसिंह अग्रोहा, दिग्विजयसिंह कोलीवाड़ा, वीर बहादुर सिंह, शक्तिसिंह कालियास, भवानीसिंह भटाणा, हिमपालसिंह देवल, ओमेन्द्रसिंह नरुका समेत बड़ी संख्या में प्रदेश के प्रतिनिधि युवा मौजूद रहे।

क्षत्रिय युवक संघ की हीरक जयंती


श्री क्षत्रिय युवक संघ जिसका गठन आजादी के पूर्व 1946 में हुआ था उसकी इस वर्ष हीरक जयंती है तथा इसके स्थापना दिवस पर राज्य स्तर पर बड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे जिसमें लाखों स्वयमसेवक सम्मलित होंगे। इन कार्यक्रमों में अलग अलग सत्रों हेतु कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई। कोरोना के चलते गत वर्ष भारत भर में नियमित होने वाले शिविरों का आयोजन नहीं हो पाया अतः इस वर्ष शिविरों के दोबारा संचालन एवं संख्या बढ़ाने का फैसला लिया गया। कोरोना काल में शाखाओं एवं शिविरों पर लगे विराम के बाद ऑनलाइन शाखाओं का संचालन किया गया जिसके नतीजे काफी उत्साहवर्धक रहे तथा तकनीक के माध्यम से देश विदेश के सुदूर कोनों में बैठे व्यक्ति भी श्री क्षत्रिय युवक संघ से दोबारा जुड़ पाए अतः इस माध्यम को कोरोना काल बीत जाने के बावजूद चालू रखने का फैसला किया गया। द्वितीय सत्र में श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन की सोशल मीडिया उपस्थिति को और अधिक प्रभावी बनाने तथा सोशल मीडिया टीम के विषय एवं विभागवार बँटवारे पर चर्चा की गई तथा कार्यकर्ताओं को विभिन्न जिम्मेदारियाँ दी गई। राजस्थान में समय समय पर राजपूत समुदाय के हित पर अतिक्रमण तथा अन्य समुदायों से टकराव की स्थिति के विषय पर संवैधानिक प्रक्रिया के सम्मान के साथ प्रतिक्रिया के तरीकों पर मंथन किया गया तथा ऐसी परिस्थितियों में समाज के सही एवं उज्ज्वल पक्ष को जनता के सम्मुख रखने की संवैधानिक एवं लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर चर्चा की गई।

युद्ध अर्थात कर्तव्य से पलायन नहीं करें 



बैठक को सम्बोधित करते हुए क्षत्रिय युवक संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवक महावीर सिंह सरवड़ी ने कहा कि सभी वर्गों में प्रभावपूर्ण समन्वय बनाते हुए वंचितों को आगे लाने का प्रयास हमारा पहला उद्देष्य है। सालभर के उद्देश्यों को क्रियान्वित करने के लिए हमें समर्पित भाव से सतत काम करना चाहिए। सरवड़ी ने गीता के श्लोक में युद्धे चाप्य पलायनम् का अर्थ स्पष्ट करते हुए कहा कि क्षत्रिय कभी युद्ध से पलायन नहीं कर सकता। युद्ध का अर्थ कर्तव्य से है, हम अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हट सकते। जो काम हाथ में लिया है, उसे सतत प्रयासों के द्वारा पूर्ण करना ही है।

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