क्रिकेट / ब्रिसबेन के होटल में मेरी पत्नी रोने लगी थीं, वह भावनाएं काबू में नहीं रख पाईं: अश्विन

Zoom News : Jan 03, 2022, 07:37 AM
नई दिल्ली. पिछले साल टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गाबा टेस्ट में मिली जीत को क्रिकेट फैंस सालों-साल याद रखेंगे. यह भारतीय टेस्ट इतिहास की सबसे बड़ी सफलता में से एक थी. विराट कोहली, मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह, आर अश्विन जैसे खिलाड़ियों के बिना भारत ने ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट सीरीज में मात दी थी. तब 32 साल बाद किसी टीम ने गाबा में ऑस्ट्रेलिया को हराया था. कैसे अनुभवहीन टीम ने ऑस्ट्रेलिया का घमंड तोड़ा था. इसकी कहानी तो काफी लोग जानते हैं. लेकिन इसी दौरान आर अश्विन के साथ भी ऐसा कुछ हुआ था, जो कम ही लोगों को पता है. हाल ही में एक क्रिकेट शो में अश्विन ने इसका खुलासा किया है.

आर अश्विन (R Ashwin) ने बोरिया मजूमदार के शो बैकस्टेज विद बोरिया में बताया कि कैसे गाबा टेस्ट से कुछ दिन पहले क्वारंटीन के कारण टीम होटल में उनकी पत्नी प्रीति फूट-फूटकर रोने लगी थीं. अश्विन ने शो में इससे जुड़ी कहानी सुनाई. उन्होंने बताया, “मेरी पत्नी अच्छी तरह से जानती है कि यात्रा करना कितना मुश्किल है. वो बीते 10 सालों से ऐसा ही कर रही थी. जब हम ब्रिसबेन पहुंचे तो हमें एक होटल के कमरे में बंद कर दिया गया. कहा गया कि हम बाहर नहीं जा सकते हैं. दस मिनट बाद, मुझे कुछ रोने की आवाज़ें सुनाई देने लगीं. यह मेरे बच्चों के रोने की आवाजें नहीं थीं. मैंने जाकर देखा कि मेरी पत्नी रो रही थी. वो अपनी भावनाओं को काबू नहीं रख पाई.”

क्वारंटीन के कारण पत्नी रोने लगी थी: अश्विन

अश्विन ने आगे बताया, “जब मैंने पत्नी से रोने की वजह पूछी तो उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि क्या हो रहा है. लेकिन मैं अब होटल के कमरे में और ज्यादा वक्त तक नहीं रह सकती हूं. तुम प्रैक्टिस के लिए बाहर जा रहे हो और खुली हवा में सांस ले पा रहे हो. लेकिन मुझे इसी कमरे में रहना पड़ रहा है. यह वाकई अमानवीय है. मैं इसे अब और नहीं सह सकती हूं.”

‘अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के लिए कुर्बानी देनी पड़ती है’

अश्विन ने इस शो में आगे बताया कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के लिए खिलाड़ियों को कितनी कुर्बानी देनी पड़ती है. उन्हें कई चीजों को छोड़ना पड़ता है.

इस ऑफ स्पिनर ने कहा, “इसमें कोई शक नहीं कि क्रिकेट खिलाड़ी पैसा कमा रहे हैं. लेकिन आपको यह भी समझने की जरूरत है कि यह एक ऐसा करियर है, जो बहुत छोटा है. लोग खेल के कारण काफी त्याग करते हैं. मैंने इस खेल के कारण परिवार से जुड़ी बहुत सी जिम्मेदारियों को एक तरह से छोड़ दिया. मैं परिवार में इकलौता बेटा हूं. मैंने बीते 27 साल से दिवाली या पोंगल घर में नहीं मनाया. मेरे माता-पिता को COVID था और छह महीने पहले अस्पताल में थे. मैंने उन्हें सात महीने से नहीं देखा है. हां, यह सही है कि भारत में क्रिकेट का जुनून सिर चढ़कर बोलता है. इससे बड़ी भावना कोई नहीं है. लेकिन सहानुभूति एक ऐसी चीज है जिसके साथ हम सभी बेहतर कर सकते हैं.

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