Zoom News : Apr 22, 2021, 06:57 AM
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के कारण अस्पतालों में हो रही ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी को लेकर संकट की स्थिति बनी हुई है। इस बीच बुधवार को दिल्ली के मैक्स अस्पताल (Max Hospital) में ऑक्सीजन की कमी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में लगाई गई याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत पर हाईकोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या सरकार के लिए इंसानी जीवन का कोई महत्व नहीं है? कोर्ट ने केंद्र सरकार से औद्योगिक इस्तेमाल के लिए दी जा रही ऑक्सीजन की सप्लाई को तुरंत रोकने को कहा है। हाईकोर्ट ने कहा है कि हम लोगों को ऑक्सीजन की कमी के कारण मरता हुआ नहीं देख सकते। कोर्ट ने कहा कि आप ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने के लिए सभी संभावनाओं की तलाश नहीं कर रहे। भीख मांगें, उधार लें या चोरी करें।
जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की पीठ ने कहा है कि स्थिति विकट है। अस्पतालों को तुरंत ऑक्सीजन दें। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है, 'हमारी चिंता सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि देश के हर हिस्से के लिए है।' सुनवाई के दौरान केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि ऑक्सीजन की सप्लाई रास्ते में है और जल्द ही अस्पताल पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि मैक्स के एक अन्य अस्पताल में ऑक्सीजन की डिलीवरी हो गई है।सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया कि वो स्टील प्लांट और पेट्रोलियम प्लांट में उत्पादित होने वाली ऑक्सीजन को तुरंत अपने अंतर्गत ले और उसे मेडिकल इस्तेमाल के लिए सप्लाई करे। हाईकोर्ट ने सरकार से यह भी कहा है कि वह जहां ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है और जहां उसका सप्लाई होनी है, वहां तक सरकार उसे भेजने के लिए सुरक्षित रास्ता मुहैया कराए।सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हाईकोर्ट से कहा कि ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है। मैक्स हॉस्पिटल में वो जल्द पहुंचेगी। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि हमें केंद्र सरकार पर पूरा विश्वास है कि वो ऑक्सीजन पहुंचाएगी। पटपड़गंज हॉस्पिटल में यह 2 घंटे में पहुंच जाएगी। लेकिन कई अन्य अस्पताल भी इसकी कमी से जूझ रहे हैं। आपको इस पर राष्ट्रीय आपातकाल का आदेश पारित करना चाहिए। जिससे कोई भी इंडस्ट्री मना नहीं करेगी।सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील से कहा कि अगर इंडस्ट्री को ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है तो उसे तुरंत रोक दिया जाए। दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि अभी के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं है। केंद्र सरकार हवाई जहाज के द्वारा ऑक्सीजन मुहैया कराए। हर एक मिनट बहुत जरूरी है। दिल्ली के कई अस्पतालों में मरीज केवल ऑक्सीजन पर ही हैं।दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि आईनॉक्स जैसे स्थापित स्रोतों से ऑक्सीजन की आपूर्ति मांग को पूरा करने में सक्षम नहीं है। आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदारी केंद्र पर होती है। केंद्र सरकार को ऑक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए परिवहन के तरीकों और साधनों पर विचार करना चाहिए, ताकि आपूर्ति लाइनें प्रभावित न हों चाहे एयर लिफ्टिंग से ही क्यों न आपूर्ति पूरी की जाए।इससे पहले बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके जानकारी दी थी कि केंद्र सरकार ने दिल्ली को मिलने वाली ऑक्सीजन का कोटा बढ़ा दिया है। जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने दिल्ली का ऑक्सीजन कोटा बढ़ाकर 378 मीट्रिक टन रोजाना से 480 मीट्रिक टन कर दिया है। गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने एक दिन पहले ही जानकारी दी थी कि किस अस्पताल में कितनी ऑक्सीजन बाकि है। साथ ही ये भी बताया था कि हालात काफी खराब हैं और ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाने के लिए केंद्र से कहा गया है।
जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की पीठ ने कहा है कि स्थिति विकट है। अस्पतालों को तुरंत ऑक्सीजन दें। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है, 'हमारी चिंता सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि देश के हर हिस्से के लिए है।' सुनवाई के दौरान केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि ऑक्सीजन की सप्लाई रास्ते में है और जल्द ही अस्पताल पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि मैक्स के एक अन्य अस्पताल में ऑक्सीजन की डिलीवरी हो गई है।सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया कि वो स्टील प्लांट और पेट्रोलियम प्लांट में उत्पादित होने वाली ऑक्सीजन को तुरंत अपने अंतर्गत ले और उसे मेडिकल इस्तेमाल के लिए सप्लाई करे। हाईकोर्ट ने सरकार से यह भी कहा है कि वह जहां ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है और जहां उसका सप्लाई होनी है, वहां तक सरकार उसे भेजने के लिए सुरक्षित रास्ता मुहैया कराए।सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हाईकोर्ट से कहा कि ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है। मैक्स हॉस्पिटल में वो जल्द पहुंचेगी। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि हमें केंद्र सरकार पर पूरा विश्वास है कि वो ऑक्सीजन पहुंचाएगी। पटपड़गंज हॉस्पिटल में यह 2 घंटे में पहुंच जाएगी। लेकिन कई अन्य अस्पताल भी इसकी कमी से जूझ रहे हैं। आपको इस पर राष्ट्रीय आपातकाल का आदेश पारित करना चाहिए। जिससे कोई भी इंडस्ट्री मना नहीं करेगी।सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील से कहा कि अगर इंडस्ट्री को ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है तो उसे तुरंत रोक दिया जाए। दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि अभी के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं है। केंद्र सरकार हवाई जहाज के द्वारा ऑक्सीजन मुहैया कराए। हर एक मिनट बहुत जरूरी है। दिल्ली के कई अस्पतालों में मरीज केवल ऑक्सीजन पर ही हैं।दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि आईनॉक्स जैसे स्थापित स्रोतों से ऑक्सीजन की आपूर्ति मांग को पूरा करने में सक्षम नहीं है। आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदारी केंद्र पर होती है। केंद्र सरकार को ऑक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए परिवहन के तरीकों और साधनों पर विचार करना चाहिए, ताकि आपूर्ति लाइनें प्रभावित न हों चाहे एयर लिफ्टिंग से ही क्यों न आपूर्ति पूरी की जाए।इससे पहले बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके जानकारी दी थी कि केंद्र सरकार ने दिल्ली को मिलने वाली ऑक्सीजन का कोटा बढ़ा दिया है। जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने दिल्ली का ऑक्सीजन कोटा बढ़ाकर 378 मीट्रिक टन रोजाना से 480 मीट्रिक टन कर दिया है। गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने एक दिन पहले ही जानकारी दी थी कि किस अस्पताल में कितनी ऑक्सीजन बाकि है। साथ ही ये भी बताया था कि हालात काफी खराब हैं और ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाने के लिए केंद्र से कहा गया है।