News18 : Jul 10, 2020, 10:15 AM
ललतेहरान। ईरान (Iran) की राजधानी तेहरान (Tehran) में एक बार फिर से दो बड़े बम धमाके (Bomb Blast) सुने दिए हैं। शुक्रवार सुबह तेहरान की दो इमारतों में जोरदार धमाका हुआ। इस धमाके के बाद शहर के एक हिस्से की बिजली चली गई। जिन इमारतों में विस्फोट हुआ वहां क्या काम होता था इसकी पुख्ता जानकारी नहीं है लेकिन ऐसा बताया जा रहा है कि ये ईरानी सेना के गुप्त अड्डे थे। ईरानी मीडिया के मुताबिक इस हमले के पीछे भी इजरायल का ही हाथ हो सकता है।
ईरानी मीडिया के मुताबिक तेहरान के जिस इलाके में विस्फोट की आवाज़ सुनी गयी है वहां सेना के कई गुप्त अड्डे मौजूद हैं। इस विस्फोट का निशाना यही सैन्य अड्डे बताए जा रहे हैं। ईरानी सेना की विशेषज्ञ फबियान हिंज ने कहा, 'इस इलाके में ईरान के दो अंडरग्राउंड केंद्र हैं। इसमे से एक में केमिकल वेपन पर शोध होता है और दूसरा अज्ञात सैन्य उत्पादन केंद्र है।' बीते तीन सप्ताह में ईरान में यह तीसरा बड़ा विस्फोट है। इससे पहले हुए दो विस्फोट ईरान के प्रमुख सैन्य और परमाणु ठिकाने खोजिर में हुए थे जहां देश का सबसे बड़ा मिसाइल उत्पादन केंद्र और नतांज परमाणु ठिकाना है। नतांज में यह हमला सेंट्रीफ्यूज असेंबली की बिल्डिंग में हुआ था।
इजरायल कर रहा है हमलेगौरतलब है कि ईरान ने खोजिर में हुए ब्लास्ट को गैस टैंक में लीक की घटना बताया था। हालांकि जानकारों का मानना है कि ये कोई हादसा नहीं था बल्कि ये इजरायली ख़ुफ़िया एजेंसियों का हमला था। पश्चिमी मीडिया के मुताबिक ईरान ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर नतांज परमाणु केंद्र में हुए विस्फोट का भी विवरण नहीं दिया है। पश्चिम एशियाई देशों की खुफिया एजेंसी के अधिकारियों का भी मानना है कि नतांज परमाणु केंद्र पर हमले के पीछे इजरायल का हाथ था।ईरानी सेना के एक सदस्य ने बताया कि इस हमले में विस्फोटकों का भी इस्तेमाल किया गया था। दो दिन पहले ही ईरान ने पुष्टि की थी कि भूमिगत नतान्ज परमाणु स्थल पर क्षतिग्रस्त हुई इमारत असल में एक नया सेंट्रिफ्यूज केंद्र था। ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी आईआरएनए ने यह खबर दी है कि सेंट्रिफ्यूज वह मशीन होती है जिसमें विभिन्न घनत्व वाले द्रवों को या ठोस पदार्थ से तरल पदार्थों को अलग करने के लिए सेंट्रिफ्यूजल फोर्स का इस्तेमाल होता है।
ईरान ने भी दी धमकीईरान के नागरिक सुरक्षा प्रमुख घोलमरेजा जलाली ने कहा कि साइबर अटैक का जवाब देना हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा का हिस्सा है। अगर यह साबित हो जाता है कि साइबर अटैक के जरिए हमारे देश को निशाना बनाया गया है तो हम जरूर जवाब देंगे। ईरानी समाचार एजेंसी आईआरएनए ने इस दुर्घटना के पीछे अपने दुश्मन इजरायल और अमेरिका पर शक जताया था। ईरान की धमकी के बाद इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने दावा किया था कि उसने विश्वभर में इजरायली दूतावासों पर हाल ही में किए गए ईरानी हमले को विफल कर दिया है। मोसाद ने कहा कि ये हमले बेहद सुनियोजित तरीके से ईरान की ओर से किए गए थे। इजरायल के चैनल 12 ने कहा कि खुफिया ब्यूरो ने इस ईरानी हमले को विफल किया है।
ईरानी मीडिया के मुताबिक तेहरान के जिस इलाके में विस्फोट की आवाज़ सुनी गयी है वहां सेना के कई गुप्त अड्डे मौजूद हैं। इस विस्फोट का निशाना यही सैन्य अड्डे बताए जा रहे हैं। ईरानी सेना की विशेषज्ञ फबियान हिंज ने कहा, 'इस इलाके में ईरान के दो अंडरग्राउंड केंद्र हैं। इसमे से एक में केमिकल वेपन पर शोध होता है और दूसरा अज्ञात सैन्य उत्पादन केंद्र है।' बीते तीन सप्ताह में ईरान में यह तीसरा बड़ा विस्फोट है। इससे पहले हुए दो विस्फोट ईरान के प्रमुख सैन्य और परमाणु ठिकाने खोजिर में हुए थे जहां देश का सबसे बड़ा मिसाइल उत्पादन केंद्र और नतांज परमाणु ठिकाना है। नतांज में यह हमला सेंट्रीफ्यूज असेंबली की बिल्डिंग में हुआ था।
इजरायल कर रहा है हमलेगौरतलब है कि ईरान ने खोजिर में हुए ब्लास्ट को गैस टैंक में लीक की घटना बताया था। हालांकि जानकारों का मानना है कि ये कोई हादसा नहीं था बल्कि ये इजरायली ख़ुफ़िया एजेंसियों का हमला था। पश्चिमी मीडिया के मुताबिक ईरान ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर नतांज परमाणु केंद्र में हुए विस्फोट का भी विवरण नहीं दिया है। पश्चिम एशियाई देशों की खुफिया एजेंसी के अधिकारियों का भी मानना है कि नतांज परमाणु केंद्र पर हमले के पीछे इजरायल का हाथ था।ईरानी सेना के एक सदस्य ने बताया कि इस हमले में विस्फोटकों का भी इस्तेमाल किया गया था। दो दिन पहले ही ईरान ने पुष्टि की थी कि भूमिगत नतान्ज परमाणु स्थल पर क्षतिग्रस्त हुई इमारत असल में एक नया सेंट्रिफ्यूज केंद्र था। ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी आईआरएनए ने यह खबर दी है कि सेंट्रिफ्यूज वह मशीन होती है जिसमें विभिन्न घनत्व वाले द्रवों को या ठोस पदार्थ से तरल पदार्थों को अलग करने के लिए सेंट्रिफ्यूजल फोर्स का इस्तेमाल होता है।
ईरान ने भी दी धमकीईरान के नागरिक सुरक्षा प्रमुख घोलमरेजा जलाली ने कहा कि साइबर अटैक का जवाब देना हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा का हिस्सा है। अगर यह साबित हो जाता है कि साइबर अटैक के जरिए हमारे देश को निशाना बनाया गया है तो हम जरूर जवाब देंगे। ईरानी समाचार एजेंसी आईआरएनए ने इस दुर्घटना के पीछे अपने दुश्मन इजरायल और अमेरिका पर शक जताया था। ईरान की धमकी के बाद इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने दावा किया था कि उसने विश्वभर में इजरायली दूतावासों पर हाल ही में किए गए ईरानी हमले को विफल कर दिया है। मोसाद ने कहा कि ये हमले बेहद सुनियोजित तरीके से ईरान की ओर से किए गए थे। इजरायल के चैनल 12 ने कहा कि खुफिया ब्यूरो ने इस ईरानी हमले को विफल किया है।