US-China / चीन के खिलाफ US की नई रणनीति, क्रूज मिसाइल से दादागीरी को चुनौती

AajTak : Jul 21, 2020, 07:46 AM
US-China: कोरोना वायरस और साउथ चाइन सी में चीन की दखलंदाजी की वजह से अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक संघर्ष की स्थिति बन गई है। वॉशिंगटन ने बीजिंग से व्यापारिक रिश्तों को ताक पर रखकर कई प्रतिबंध लगा दिए हैं जिसने टेंशन को चरम पर पहुंचा दिया है। अमेरिका-चीन के खिलाफ उपजी परिस्थियों को लेकर नए हथियारों और रणनीति को रोल आउट कर रहा है। हाल के दशकों में संयुक्त राज्य अमेरिका चीन के खिलाफ मजबूती से खड़ा हुआ है क्योंकि चीन ने नाटकीय रूप से अपनी सैन्य शक्ति  और हथियार का विस्तार किया है। 

अब, शीत युद्ध समय के हथियार नियंत्रण संधि को तोड़ते हुए हुए, ट्रम्प प्रशासन एशिया-प्रशांत क्षेत्र में लंबी दूरी की जमीन से लॉन्च होने वाली क्रूज मिसाइलों को तैनात करने की योजना बना रहा है। मार्च 2021 के लिए व्हाइट हाउस के बजट और वरिष्ठ अमेरिकी सैन्य कमांडरों के अनुसार पेंटागन ने अपनी मरीन को टॉमहॉक क्रूज मिसाइल से लैस करने का इरादा बना लिया है। यही वजह है कि लंबी दूरी की एंटी-शिप मिसाइलों की डिलीवरी में भी तेजी आई है।

अमेरिका के इन फैसलों को लेकर बीजिंग ने वॉशिंगटन से "शब्द और काम में सतर्क रहने" का आग्रह किया है। चीन ने अमेरिका से प्रशांत क्षेत्र के चारों तरफ" सैन्य तैनाती को बढ़ाकर तनाव नहीं पैदा करने की अपील की है।

अमेरिका के क्रूज मिसाइलों की तैनाती को चीन के भूमि आधारित क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों की तैनाती का जवाब माना जा रहा है। चीन की तरफ से कहा गया है कि पेंटागन चीन के नेतृत्व को फिर से चुनौती  देकर युद्ध को बुलावा दे रहा है।

चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने मिसाइलों की एक बड़ी ताकत का निर्माण किया है जो ज्यादातर अमेरिकी कमांडरों और पेंटागन के वरिष्ठ सलाहकारों के अनुसार अमेरिका के लिए चेतावनी है। अमेरिका और उसके क्षेत्रीय सहयोगियों की सुरक्षा के लिए ट्रंप प्रशासन ने क्रूज मिसाइलों की तैनाती का फैसला लिया है

ट्रंप प्रशासन के सामने जो रणनीति पेश की गई है उसमें  क्रांतिकारी बदलाव किया गया है। एशिया प्रशांत क्षेत्र में दुश्मन के युद्धपोतों पर हमला करने में अमेरिकी नौसेना के साथ थल सेना भी शामिल होगी। जहाज-रोधी मिसाइलों से लैस अमेरिकी मरीन की छोटी और मोबाइल इकाइयां दुश्मन के लिए शिप किलर बन जाएंगी।

शीर्ष अमेरिकी सैन्य कमांडरों ने मार्च में बजट सुनवाई के दौरान कांग्रेस को नई रणनीति के बारे में जानकारी दी थी। अमेरिकी मरीन कॉर्प्स के कमांडेंट जनरल डेविड बर्जर ने 5 मार्च को सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति को बताया था कि सटीक मिसाइलों से लैस मरीन की छोटी इकाइयां विशेष रूप से पश्चिमी प्रशांत में समुद्र का नियंत्रण हासिल करने के लिए अमेरिकी नौसेना की सहायता कर सकती हैं। उन्होंने कहा था कि "टॉमहॉक मिसाइल एक ऐसा उपकरण है जो हमें ऐसा करने की ताकत देता है।

टॉमहॉक मिसाइल से पहली बार 1991 की खाड़ी युद्ध के दौरान अमेरिका ने बड़े पैमाने पर हमले किए थे। इसे उस वक्त अमेरिकी युद्धपोतों पर ले जाया गया था और जमीन पर दुश्मनों के बने ठिकानों को नष्ट करने के लिए इसका इस्तेमाल किया गया था।


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