Raju Thehat Murder / गैंगवार में मारे गए बेकसूर किसान ताराचंद कड़वासड़ा की क्या गलती थी ?

Zoom News : Dec 03, 2022, 10:07 PM
Raju Thehat Murder : नागौर के जायल क्षेत्र के दोतीणा का रहने वाले ताराचंद कड़वासड़ा शनिवार को अपनी बेटी कोनिता से मिलने पहुंचे तो उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि दो गैंग की दुश्मनी की कीमत उन्हें जान देकर चुकानी पड़ेगी।


ताराचंद अपने चाचा के बेटे भाई रामनिवास कड़वासड़ा के साथ ऑल्टो कार से सीकर आए थे। सुबह जैसे ही ताराचन्द व रामनिवास कोचिंग के बाहर गाड़ी से उतरे, राजू ठेहट का मर्डर कर भाग रहे शूटर ने उन पर भी फायर कर दिए। गोली लगने से ताराचंद की मौके पर ही मौत हाे गई। रामनिवास बाल-बाल बच गए। बदमाशों ने जाते-जाते उनकी कार भी छीन ली और उसे लेकर फरार हो गए।


फिलहाल ताराचंद का शव सीकर हॉस्पिटल की मोर्चरी में है। सूचना मिलते ही गांव से परिजन भी सीकर पहुंच गए। सीकर में पढ़ रहे बेटे-बेटी को अभी तक पता नहीं है कि उनके पिता नहीं रहे। उन्हें हॉस्टल में ये कहकर दिलासा दिया जा रहा है कि उनके पिता घायल हैं और अस्पताल में भर्ती हैं।


LIC में मेड़ता सिटी में पोस्टेड फील्ड ऑफिसर बड़े भाई भंवरलाल ने बताया कि इनकी लड़ाई में हमारा क्या लेना-देना था? ताराचंद तो अपनी बेटी को फोन लगा रहा था और बदमाशों को कार ही चाहिए थी तो ले जाते पर गोली क्यों मारी ?


‘बेटी को फोन कर रहा था, तभी मार दी गोली’

‘ताराचंद के तीन बेटियां और एक बेटा है। वो खेतीबाड़ी का काम करता था। एक बेटी कोनिता सीकर में पढ़ती है। एक बेटी मोनिका सीपीएड कर चुकी है व एक बेटी बीना कोटा में इंजीनियरिंग कर रही है। बेटा नवीन कुचामन में पढ़ रहा है। शनिवार सुबह 7 बजे वो सीकर में पढ़ रही बेटी को सर्दी में खाने के लिए घर से बनाये कुछ फ़ूड आइटम्स देने निकला था।’


‘वो हमारे चचेरे भाई की ऑल्टो कार लेकर रामनिवास के साथ यहां कोचिंग संस्थान के बाहर पहुंचा ही था कि अचानक उन्हें सामने एक घर से ताबड़तोड़ फायरिंग की आवाजें सुनाई दी। इन सब पर ध्यान न देकर उसने कार से बाहर निकलकर अपनी बेटी को फोन लगाया ही था कि भागते हुए बदमाश उस पर चिल्लाए। वो बोले- कहां भाग रहा है और उसपर गोलियां चला दीं।’


‘बदमाशों ने रामनिवास पर भी हमला किया पर वो कार की दूसरी तरफ था, इसलिए बच गया। इसके बाद बदमाश उनकी ऑल्टो कार में बैठ गए और लेकर वहां से भाग गए।’


फायरिंग सुन बेटी भी पहुंच गई, उसे नहीं पता- पापा नहीं रहे

‘ताराचंद से फोन पर बात कर रही उसकी बेटी कोनिता भी वहां पहुंच गई। वो पिता को लहूलुहान देखकर बेसुध हो गई। कोचिंग प्रबंधन ने जैसे-तैसे उसे संभाला और हॉस्टल में ले गए।’


रामनिवास बोला- कोचिंग संस्थान के बाहर रुकते ही फायरिंग करते हुए मौत सामने आ गई

वहीं पूरी घटना के दौरान ताराचंद के साथ मौजूद उसके चचेरे भाई रामनिवास ने बताया कि कार ताराचंद ही चला रहे थे और मैं साइड में बैठा था। हम जैसे ही कोचिंग संस्थान के बाहर पहुंचे, ताराचन्द ने बेटी कोनिता को फोन लगा दिया। वो बेटी से बात करते-करते कार से नीचे उतरे और मैं दूसरी साइड से उतरा।


सामने से चार बदमाश फायरिंग करते हुए आए। उन्होंने जब फायरिंग की तो ऐसा लगा कि मानो कोई पटाखे छूटे हों। मैं कार और दीवार की ओट लेकर छिपा तब तक उन्होंने ताराचन्द को गोली मार दी और मेरी ऑल्टो कार में बैठकर वहां से भाग गए। इससे पहले उन्होंने सामने वाले मकान में भी फायरिंग की थी।


सीएलसी ने की फ्री कोचिंग की घोषणा

गैंगवार में मारे गए नागौर जिले के ताराचंद कड़वासरा की बेटी सीएलसी संस्थान में कोचिंग कर रही है। उसकी कोचिंग अब निशुल्क दी जाएगी। साथ ही संस्थान के डायरेक्टर श्रवण चौधरी ने घोषणा की है कि ताराचंद कड़वासरा के परिवार का कोई भी बच्चा सीएलसी में कोचिंग लेने आएगा तो उसे भी निशुल्क कोचिंग दी जाएगी।


ठेहट का ही था जूस सेंटर, यहीं डेढ़ महीने से रोज आ रहे थे शूटर्स

राजू ठेहट के घर के बाहर उसी की बिल्डिंग के कॉर्नर में एक जूस की स्टाॅल है। ये जूस स्टॉल राजू ठेहट ने ही लगवाई थी और एक लड़के को वहां बैठा रखा था। लड़के ने जान का डर बताते हुए ऑन कैमरा आने से मना कर दिया।ऑफ कैमरा बताया कि शूटर्स में से दो लड़के पिछले एक महीने से रोजाना उसके जूस स्टॉल पे आ रहे थे। वो जूस पीते और थोड़ा बैठते थे। कभी कोचिंग संस्थान की ड्रेस तो कभी नॉर्मल टीशर्ट में वो आ रहे थे। उन्होंने हर बार यहां कैश पेमेंट ही दिया। कभी भी फोन पे नहीं किया और अपने मोबाइल नंबर भी नहीं दिए। उन्होंने कभी भी राजू ठेहट के बारे में भी कोई बात नहीं पूछी थी।


रोहित गोदारा ने ताराचंद की हत्या के लिए माफी मांगी

ट्विटर और फेसबुक पर पोस्ट कर राजू ठेहट की हत्या की जिम्मेदारी लेने वाले बीकानेर के गैंगस्टर रोहित गोदारा के नाम वाले फेसबुक अकाउंट से एक और पोस्ट की गई। पोस्ट में लिखा था- राजू ठेहट की हत्या का कोई खेद नहीं है, लेकिन इसके साथ ताराचंदजी का निधन हुआ, उसके लिए उनके पूरे परिवार और समाज से माफी मांगता हूं। मैं इस परिवार का हर तरह से सहयोग करने की कोशिश करूंगा। इनके निधन का हमें खेद है। इस नुकसान की भरपाई तो हम नहीं कर सकते।


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