Rajasthan / कटारिया के बाद कौन? वसुंधरा या राजेंद्र राठौड़ BJP अध्यक्ष ने कही बड़ी बात

Zoom News : Feb 14, 2023, 10:34 AM
Rajasthan: राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया की असम के राज्यपाल के तौर पर नियुक्ति के बाद भाजपा जल्द ही नए चेहरे का ऐलान करेगी। राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के उप नेता राजेंद्र राठौर को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की संभावना है। सात बार के विधायक, राठौर 2018 से विपक्ष के उप नेता का पद संभाल रहे हैं और विधानसभा में सक्रिय रहे हैं। राजेंद्र राठौर 1990 से लगातार विधायक रहे हैं और वरीयता के क्रम में उनसे आगे कोई नेता नहीं है। पिछली भाजपा सरकारों खासकर वसुंधरा राजे की सरकार में राजेंद्र राठौर कई बार संकटमोचक भी साबित हुए हैं। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष के रूप उनका नाम लगभग तय है।

विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने सोमवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, "मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं और नियुक्ति पर पार्टी फैसला करेगी।" वहीं राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने विपक्ष के नेता की नियुक्ति पर कहा कि इसका फैसला केंद्रीय नेतृत्व करेगा।सूत्रों के मुताबिक अभी के लिए कटारिया 16 फरवरी को मुख्यमंत्री के बजट पर अपना भाषण देंगे जिससे ये साफ हो गया है कि नई नियुक्ति 16 फरवरी के बाद ही होगी। 

राजस्थान में यह पहले से तय माना जा रहा था कि कटारिया को कभी भी राज्यपाल बनाकर विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी किसी और को सौंपी जा सकती है. विधानसभा में गुलाबचंद कटारिया की जगह विपक्ष के नए नेता के नाम पर सबसे अधिक चर्चा है उप नेता राजेंद्र राठौड़ की है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक उसकी पहली वजह तो यह है कि जब 2018 में कटारिया को विपक्ष का नेता बनाया था उस वक्त राजेंद्र राठौड़ दावेदार थे, लेकिन तब राठौड़ को यह कहा गया था कि दो साल बाद कटारिया की जगह उन्हें यह कमान दे दी जाएगी.

बीजेपी का सबसे मजबूत वोट बैंक हैं राजपूत

राजेंद्र राठौड़ इंतजार कर रहे थे. अब राठौड़ के समर्थकों को उम्मीद है कि पार्टी उनको अब ये जिम्मेदारी दे सकती है. राठौड़ को विपक्ष का नेता बनाए जाने की संभावना के पीछे दूसरी वजह राजस्थान बीजेपी के जातीय समीकरण भी है. बीजेपी का सबसे मजबूत वोट बैंक राजपूत समुदाय माना जाता है. पिछले विधानसभा चुनाव में राजपूत बीजेपी से नाराज हो गए थे, जिसका चुनाव में उसे नुकसान हुआ था.

वसुंधरा राजे दूसरी मजबूत दावेदार हैं

दूसरे दावेदार के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को माना जा रहा है. उसकी वजह यह है कि अगर वसुंधरा राजे बीजेपी विपक्ष के नेता की कमान सौंप दी गई तो राजस्थान में न सिर्फ राजे कैंप एक्टिव होगा, बल्कि बीजेपी को इसका सीधा फायदा विधानसभा चुनाव में मिल सकता है, लेकिन राजे को विपक्ष का नेता बनाए जाने को लेकर फिलहाल पार्टी हाईकमान की ओर से संभावना कम ही है. उसकी वजह यह है कि राजे को विपक्ष का नेता बनाते ही नई लीडरशिप खड़ी करने की पार्टी हाईकमान की कोशिशों को झटका लगेगा.

पार्टी सूत्र ने कहा, "चूंकि गुलाब चंद कटारिया 22 फरवरी को असम के राज्यपाल के रूप में शपथ लेंगे, इसलिए वह बजट पर एलओपी के रूप में जवाब देंगे।" पार्टी के सीनियर नेता ने बताया कि अगले एलओपी की घोषणा 16 फरवरी को की जाएगी। इसके लिए भाजपा की प्रदेश इकाई संभावित उम्मीदवार/उम्मीदवारों के नाम पार्टी के संसदीय बोर्ड को भेजेगी जिसके बाद केंद्रीय नेतृत्व अंतिम निर्णय लेगा।

राजस्थान भाजपा के सीनियर नेता ने नियुक्ति के संदर्भ में कहा कि विधानसभा में राठौड़ का प्रदर्शन हमेशा अनुकरणीय रहा है। उनके वक्तृत्व कौशल और बजट और विधेयकों पर तैयारियों ने हमेशा पार्टी के लिए चेहरा बचाने के उपायों के रूप में काम किया है। 

बीजेपी चुनाव से पहले सभी ताजा और हालिया मुद्दों पर विधानसभा और सूबे के सियासी मैदान में राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस को घेरना चाह रही है। दो बार के कैबिनेट मंत्री और 1990-93 में डिप्टी चीफ व्हिप के रूप में कार्य करने वाले राजेंद्र राठौड़ विधानसभा के सबसे अनुभवी सदस्यों में शामिल हैं। बता दें, 1990 से विधायक रहे राजेंद्र राठौर के ऊपर पार्टी के अंदर गुटबाजी करने का भी कोई आरोप नहीं लगा है। हाल ही में, भाजपा की जन आक्रोश यात्रा में उनके प्रदर्शन को पार्टी के केंद्रीय नेताओं ने स्वीकार किया था। ऐसे में ये लगभग तय है कि राजेंद्र राठौर के नाम पर ही मुहर लगेगी।

अदाणी मुद्दे पर राठौड़ ने सरकार को घेरा

राजस्थान विधानसभा में राजेंद्र राठौड़ बोले, ये हिंडनबर्ग वाले को मैं एक बात कहना चाहता हूं, भई और सब बात ठीक है, हाथी के दांत दिखाने के कुछ और खाने के कुछ हैं। कुछ भी करो पर ये जमीन लुटाना बंद करो। ये पूर्व राजस्व मंत्री (हरीश चौधरी) भी सदन में बैठे हैं, ये खड़े हो गए तो मुश्किल हो जाएगी। आपने (कांग्रेस सरकार ने) इस अडानी जी को जमीन दी 2019-20 में 900 बीघा फतेहपुर में, 2020-21 में 25 हजार बीघा, सिम्भाड़ा जैसलमेर में 2022 में 400 बीघा, करालिया जैसलमेर में 2022 में 38 हजार बीघा, मोहनगढ़ में 2022 में, फिर 13 हजार बीघा फतेहगढ़ में और 75 हजार बीघा जमीन अभी कैबिनेट में अप्रूवल में पड़ी है। 74 हजार बीघा मंत्री जी के पास में पड़ी है।

राजेंद्र राठौड़ ने सदन में कहा, मैं ERCP की बात जरूर करूंगा। रविवार को प्रधानमंत्री ने इंटर रिवर लिंक योजना में पार्वती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी) के ERCP के साथ एकीकरण करने के प्रस्ताव की सूचना दी। जो नदियों से नदियों को जोड़ने की विशेष समिति SCILR की 20वीं बैठक में पारित हुआ है। उन्होंने कहा, अब गेंद राजस्थान सरकार के पाले में है। इंटर लिंक योजना में केंद्र 90 फीसदी फंड देगा और राजस्थान सरकार का सिर्फ 10 फीसदी पैसा लगेगा। राठौड़ बोले, देश में पानी की ऐसी 16 राष्ट्रीय परियोजनाएं हैं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मुझे आज तक की एक योजना बता दें, जो 50 फीसदी वाटर डिपेंडिबिलिटी पर बनी हो, जब आप खुद शासन में थे तो योजना आयोग का 11 नवंबर 1975 का फैसला, योजना आयोग का 31 जुलाई 2002 का फैसला, जल संसाधन मंत्री कार्यालय का 21 सितंबर 2004 का फैसला, सभी में यह कहा गया कि 75 प्रतिशत से कम वाटर डिपेंडिबिलिटी पर यह योजना नहीं बननी चाहिए। मंत्री जी इस योजना को मैंने पढ़ा है। सभापति को संबोधित करते हुए राठौड़ आगे बोले, 13 जिलों में यह योजना जीवनदायिनी होगी, दो जिले जरूर हैं, धौलपुर में 72 हजार 500 और सवाई माधोपुर में एक लाख 39 हजार हेक्टेयर क्षेत्र इसमें हैं।

जबकि अलवर में इन्होंने (सरकार ने) भाषण दिया, मेरा आरोप है कि ईआरसीपी योजना को आज की हालत में ज्यों का त्यों लागू कर दिया तो अलवर में सिंचाई के लिए 9402, भरतपुर में 1165, दौसा में 534 हेक्टेयर पानी खुलेगा। आपके गांव और मोहल्ले से भी कम पानी मिलेगा। करौली में 4401, बूंदी में 200, जयपुर में 7738, टोंक में 37 हजार हेक्टेयर में पानी मिलेगा। राठौड़ बोले- इसका मतलब आप किसको ईआरसीपी के नाम पर गुमराह कर रहे हैं। क्या सब्जबाग दिखा रहे हैं?

पुजारी की दाह और दुराशीष लगेगी, इस सरकार को भस्म कर देगी...

राजेंद्र राठौड़ ने सभापति से कहा, आप मुझे बैठाना चाहते हैं पर आज राजस्थान की विधानसभा के बाहर एक अनोखा धरना हो रहा है। राजस्थान के मंदिरों के पुजारी, पंडित, धर्मगुरू प्रोटेक्शन बिल के लिए आ रहे हैं। राजस्थान में जिस तरह पुजारियों को जिन्दा धूं-धूं कर जलाया गया, राजस्थान का पुजारी उससे आहत है। वो पुजारी जिसने ईश्वर से सीधा सम्पर्क कर रखा है। उसकी दाह लगेगी, उसकी दुराशीष लगेगी, इस सरकार को भस्म कर देगी।

विधानसभा सदन में आसन पर विराजमान सभापति राजेंद्र पारीक ने राजेंद्र राठौड़ का समय खत्म होने पर टोकते हुए अगले विधायक बाबुलाल नागर का नाम पुकारा, तो राठौड़ बोले- सभापति महोदय मैं आपको नाराज नहीं देख सकता। आपने जो समय दिया और मेरी इनसे रक्षा की, वो पीछे बैठे हैं...ये मुझे घूरकर देखते हैं ना..तो मैं कांपने लग जाता हूं। आप नहीं होते न, तो मैं आज बोल नहीं सकता, मैं आपको धन्यवाद देना चाहता हूं।

राज्यपाल के अभिभाषण में कहा- 2051 में प्रोजेक्ट पूरा करेंगे, इससे बड़ा मजाक नहीं हो सकता...

राठौड़ बोले, इस योजना में ड्रिंकिंग वाटर का जो प्रोजेक्शन लिया गया है, जो प्रधानमंत्री ने अनाउंस किया, उस घोषणा में वो शामिल है, लेकिन ईआरसीपी के नाम पर राजनीति करना आप बंद कर दीजिए। आपने अभी राज्यपाल के अभिभाषण में कहा, 2051 में इस प्रोजेक्ट को पूरा करेंगे, इससे बड़ा मजाक कुछ हो नहीं सकता है।

बजट में 1600 करोड़ रुपये के घपले का आरोप

राजेंद्र राठौड़ ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार किसानों को बिजली देने की बात कर रही है, लेकिन क्या यह सम्भव है? क्योंकि तार में तो बिजली आती ही नहीं. राजेंद्र राठौड़ का आरोप है कि सरकार झूठे वादे कर रही है. इससे किसानों को कोई फायदा नहीं होगा. उनका आरोप है कि सरकार ने बजट में 1600 करोड़ का घपला किया है.

पीएम मोदी ने बाजरे को 'श्रीअन्न' नाम दिया

दौसा में पीएम मोदी ने बीते रविवार को कहा था कि उन्हें हमेशा दौसा की मेहमाननवाजी पसंद आती है. उन्होंने दौसा के बाजरे की रोटी की तारीफ की थी. तभी से राजस्थान के बीजेपी नेताओं ने इसे मुद्दा बना लिया है. रविवार को पीएम ने कहा था कि दौसा में होने वाले बाजरे को लोग कम आंकते थे. अब इन मोटे अनाजों को हमारी सरकार ने 'श्रीअन्न' का नाम दिया है. यह नाम पूरी दुनिया में बाजरे और राजस्थान को सम्मान दिलाएगा.

कटारिया की वैकेंसी पर इनकी नजर, अदाणी जी के खिलाफ बोल रहे हैं, वैकेंसी कैसे फिल करोगे...

राठौड़ के इस कटाक्ष पर केकड़ी से आने वाले कांग्रेस विधायक और गुजरात के चुनाव प्रभारी रहे डॉ रघु शर्मा सीट पर खड़े हुए और कहा, सभापति महोदय एक प्रश्न मेरे मन में आ रहा है कि कटारिया साहब तो महामहिम बनकर जा ही रहे हैं, अब उस वैकेंसी पर इनकी नजर है। लेकिन ये भाषण में अदाणी जी के खिलाफ बोल रहे हैं। भागवत जी के खिलाफ बोल रहे हैं, वो वैकेंसी आप कैसे फिल करोगे।

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