AajTak : Sep 23, 2020, 09:40 AM
Delhi: कोरोना वायरस से दुनिया को मुक्ति दिलाने वाली एक आदर्श वैक्सीन का हर किसी को बेसब्री से इंतजार है। इसी बीच WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के प्रमुख ट्रेडोस अधनोम के मंगलवार को एक बयान में कहा है, 'कोविड-19 (Covid-19) के लिए जिन वैक्सीन (Coronavirus vaccine) पर काम हो रही है, उनकी कोई गारंटी नहीं ली जा सकती कि वो काम करेंगी।'
WHO चीफ ने एक वर्चुअल प्रेस ब्रीफिंग में कहा, 'हम इसकी कोई गारंटी नहीं दे सकते कि दुनियाभर में जिन वैक्सीन को विकसित किया जा रहा है, वो वास्तव में काम करेंगी। हम कई वैक्सीन कैंडिडेट्स को टेस्ट करते हैं। ज्यादा उम्मीद यही है कि हमें एक सुरक्षित और प्रभावशाली वैक्सीन मिल जाएगी।'उन्होंने बताया कि बीमारी से निजात पाने के लिए तकरीबन 200 वैक्सीन कैंडिडेट्स पर काम जारी है। WHO चीफ ने कहा, 'कोविड-19 के लिए लगभग 200 वैक्सीन फिलहाल क्लीनिकल और प्री-क्लीनिकल टेस्टिंग में हैं। वैक्सीन निर्माण का इतिहास हमें बताता है कि कुछ वैक्सीन सफल होते हैं तो कुछ असफल भी होते हैं।'बता दें कि WHO ने ग्लोबल वैक्सीन एलायंस ग्रुप, Gavi और एपिडेमिक्स प्रीपेयर्डनेस इनोवेशंस के लिए गंठबंधन (CEPI) के साथ मिलकर एक मैकेनिज्म तैयार किया है। ताकि भविष्य में जरूरतमंद देशों को समान रूप से वैक्सीन उपलब्ध कराई जा सके। WHO ने अपनी इस योजना का 'कोवैक्स' नाम दिया है।WHO चीफ ने कहा, 'कोवैक्स के जरिए सरकारें ना सिर्फ अपने वैक्सीन डेवलपमेंट का प्रसार कर सकेंगी, बल्कि उनके देश में लोगों को जल्द एक प्रभावशाली वैक्सीन मिल सकती है, ये भी सुनिश्चित करेंगी। इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण, कोवैक्स की सुविधा ऐसा मैकेनिज्म है जो बड़े संभावित प्रभाव के लिए विश्व स्तरीय कॉर्डिनेशन को सक्षम बनाने का काम करेगा।'उन्होंने तमाम देशों को याद दिलाते हुए कहा, 'कोविड-19 का इलाज ढूंढने की रेस एक सहयोग है, ना कि प्रतियोगिता। कोवैक्स की सुविधा महामारी को कंट्रोल करने में मदद करेगी, जान बचाएगी और इकोनॉमिक रिकवरी को बेहतर करने का प्रयास करेगी। साथ ही ये भी सुनिश्चित करेगी कि कोविड-19 वैक्सीन की ये रेस एक कॉन्टेस्ट नहीं बल्कि सहयोग रहे।'चूंकि कोरोना वायरस की वैक्सीन खोजने के लिए कई देश आगे बढ़ रहे हैं, WHO चीफ ने सभी देशों से एकसाथ मिलकर काम करने का आग्रह भी किया। कोविड-19 की वैक्सीन के लिए ऐसा करना सभी देशों के हित में है। बता दें कि पूरी दुनिया में अब तक तीन करोड़ से भी ज्यादा लोग इस भयंकर महामरी की चपेट में आ चुके हैं।उन्होंने कहा, 'ये कोई चैरिटी नहीं है। ये हर एक देश के हित में है। हम डूबते हैं या एकसाथ तैरते हैं। महामारी को तेजी से खत्म करने और वैश्विक इकोनॉमी रिकवरी की रफ्तार को बढ़ाने के लिए पूरी दुनिया में लोगों को वैक्सीनेट करना जरूरी है, ना कि कुछ देशों के सभी लोगों को'
WHO चीफ ने एक वर्चुअल प्रेस ब्रीफिंग में कहा, 'हम इसकी कोई गारंटी नहीं दे सकते कि दुनियाभर में जिन वैक्सीन को विकसित किया जा रहा है, वो वास्तव में काम करेंगी। हम कई वैक्सीन कैंडिडेट्स को टेस्ट करते हैं। ज्यादा उम्मीद यही है कि हमें एक सुरक्षित और प्रभावशाली वैक्सीन मिल जाएगी।'उन्होंने बताया कि बीमारी से निजात पाने के लिए तकरीबन 200 वैक्सीन कैंडिडेट्स पर काम जारी है। WHO चीफ ने कहा, 'कोविड-19 के लिए लगभग 200 वैक्सीन फिलहाल क्लीनिकल और प्री-क्लीनिकल टेस्टिंग में हैं। वैक्सीन निर्माण का इतिहास हमें बताता है कि कुछ वैक्सीन सफल होते हैं तो कुछ असफल भी होते हैं।'बता दें कि WHO ने ग्लोबल वैक्सीन एलायंस ग्रुप, Gavi और एपिडेमिक्स प्रीपेयर्डनेस इनोवेशंस के लिए गंठबंधन (CEPI) के साथ मिलकर एक मैकेनिज्म तैयार किया है। ताकि भविष्य में जरूरतमंद देशों को समान रूप से वैक्सीन उपलब्ध कराई जा सके। WHO ने अपनी इस योजना का 'कोवैक्स' नाम दिया है।WHO चीफ ने कहा, 'कोवैक्स के जरिए सरकारें ना सिर्फ अपने वैक्सीन डेवलपमेंट का प्रसार कर सकेंगी, बल्कि उनके देश में लोगों को जल्द एक प्रभावशाली वैक्सीन मिल सकती है, ये भी सुनिश्चित करेंगी। इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण, कोवैक्स की सुविधा ऐसा मैकेनिज्म है जो बड़े संभावित प्रभाव के लिए विश्व स्तरीय कॉर्डिनेशन को सक्षम बनाने का काम करेगा।'उन्होंने तमाम देशों को याद दिलाते हुए कहा, 'कोविड-19 का इलाज ढूंढने की रेस एक सहयोग है, ना कि प्रतियोगिता। कोवैक्स की सुविधा महामारी को कंट्रोल करने में मदद करेगी, जान बचाएगी और इकोनॉमिक रिकवरी को बेहतर करने का प्रयास करेगी। साथ ही ये भी सुनिश्चित करेगी कि कोविड-19 वैक्सीन की ये रेस एक कॉन्टेस्ट नहीं बल्कि सहयोग रहे।'चूंकि कोरोना वायरस की वैक्सीन खोजने के लिए कई देश आगे बढ़ रहे हैं, WHO चीफ ने सभी देशों से एकसाथ मिलकर काम करने का आग्रह भी किया। कोविड-19 की वैक्सीन के लिए ऐसा करना सभी देशों के हित में है। बता दें कि पूरी दुनिया में अब तक तीन करोड़ से भी ज्यादा लोग इस भयंकर महामरी की चपेट में आ चुके हैं।उन्होंने कहा, 'ये कोई चैरिटी नहीं है। ये हर एक देश के हित में है। हम डूबते हैं या एकसाथ तैरते हैं। महामारी को तेजी से खत्म करने और वैश्विक इकोनॉमी रिकवरी की रफ्तार को बढ़ाने के लिए पूरी दुनिया में लोगों को वैक्सीनेट करना जरूरी है, ना कि कुछ देशों के सभी लोगों को'