उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में यमुना। एक्सप्रेसवे पर मंगलवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसने पूरे इलाके को दहला दिया। घने कोहरे के कारण दृश्यता कम होने से सात बसें और तीन कारें आपस में टकरा गईं। यह टक्कर इतनी भीषण थी कि कई वाहनों में तुरंत आग लग गई, जिससे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई और इस भयावह घटना में कम से कम चार लोगों की जलकर मौत हो गई है, जबकि 100 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और बचाव दल तुरंत मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया।
हादसे का समय और स्थान
यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना मंगलवार सुबह करीब 4:00 बजे हुई। मथुरा के थाना बलदेव थाना क्षेत्र में माल स्टोन 127 के पास यह बहु-वाहन टक्कर हुई। सुबह के समय कोहरा बहुत घना था, जिसके कारण वाहन चालकों को आगे का रास्ता ठीक से दिखाई नहीं दे रहा था। इसी वजह से एक के बाद एक वाहन आपस में टकराते चले गए, जिससे एक बड़ा हादसा हो गया। टक्कर के बाद हुए तेज धमाकों ने आसपास के गांवों के लोगों को भी चौंका दिया, जो तुरंत मदद के लिए घटनास्थल पर पहुंचे।
मृतकों और घायलों की संख्या
जिलाधिकारी (डीएम) ने आधिकारिक तौर पर चार लोगों की मौत की पुष्टि की है, जिनकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है क्योंकि वे आग में बुरी तरह झुलस गए थे। इसके अलावा, 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। एक चश्मदीद और एंबुलेंस कर्मचारी अमित कुमार ने बताया कि लगभग 150 लोगों को 20 एंबुलेंस की मदद से विभिन्न अस्पतालों में भेजा गया है। घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है। स्थानीय लोगों ने आशंका जताई है कि आग में झुलसकर मरने वालों की संख्या और भी अधिक हो सकती है, क्योंकि टक्कर के बाद बसों में भीषण आग लग गई थी और वे यात्रियों से खचाखच भरी हुई थीं।
प्रत्यक्षदर्शियों का बयान
एक प्रत्यक्षदर्शी ने घटना के भयावह मंजर का वर्णन करते हुए बताया कि जब गाड़ियां आपस में टकराईं, तो ऐसा लगा जैसे गोली चली हो। तेज धमाकों की आवाज से पूरा इलाका गूंज उठा और उन्होंने बताया कि आसपास के गांवों के लोग तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और बिना किसी देरी के घायलों की मदद करना शुरू कर दिया। एक अन्य चश्मदीद, जो दुर्घटना के समय बस में सो रहा था, ने बताया कि बस पूरी तरह से यात्रियों से भरी हुई थी और सुबह करीब 4 बजे यह हादसा हुआ। उन्होंने आग लगने के बाद यात्रियों के बीच मची चीख-पुकार और दहशत का भी जिक्र किया।
बचाव और राहत कार्य
हादसे की सूचना मिलते ही मथुरा के। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक सहित वरिष्ठ अधिकारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस, फायर ब्रिगेड और एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमें आग बुझाने और घायलों को बचाने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही हैं और आग पर काबू पाने के लिए कई दमकल गाड़ियां लगाई गईं, जबकि पुलिसकर्मी और एसडीआरएफ के जवान फंसे हुए लोगों को निकालने और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटे रहे। बचाव अभियान अभी भी जारी है और अधिकारी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
हादसे के कारण और आगे की जांच
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि घने कोहरे के कारण कम दृश्यता ही इस भीषण हादसे का मुख्य कारण थी। यमुना एक्सप्रेसवे पर अक्सर सुबह के समय कोहरा घना होता है, जिससे वाहन चालकों को विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है। हालांकि, इस बार कोहरे की तीव्रता और वाहनों की तेज गति के कारण यह बड़ा हादसा हुआ। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या किसी वाहन चालक की लापरवाही भी इस घटना का कारण बनी और प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक्सप्रेसवे पर यातायात नियमों के पालन को और सख्त करने का आश्वासन दिया है।