IND vs NZ / आखिर क्या गलती कर रहे विराट, कहां हुई चूक, याद आया 2014 का इंग्लैंड दौरा

AMAR UJALA : Mar 02, 2020, 02:47 PM
खेल डेस्क | क्या आप यकीन कर पाएंगे कि जिस खिलाड़ी को रन मशीन कहा जाता हो वह वह किसी टेस्ट सीरीज में 10वें क्रम पर आने वाले मोहम्मद शमी से भी कम रन बनाएगा। क्या आप सोच सकते हैं कि किसी श्रृंखला में विराट के बल्ले से एक भी शतक नहीं आएगा। क्या आप ये भी सोच सकते हैं कि 5 टी-20, 3 वन-डे और 2 टेस्ट मैच खेलने के बाद कोहली सिर्फ 218 रन ही बना पाएंगे? लेकिन ऐसा हुआ, न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत सिर्फ 0-2 से टेस्ट सीरीज नहीं हारा बल्कि अपने कप्तान को सबसे बुरे दौर से भी गुजरते हुए देख रहा है।

याद आया 2014 का इंग्लैंड दौरा

कोहली के लिए न्यूजीलैंड का दौरा किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा। फैंस को छह साल पुराना इंग्लैंड दौरा याद आ गया जब 2014 में कोहली जेम्स एंडरसन की गेंदों के आगे पानी भरते नजर आते थे। उस सीरीज में विराट ने पांच टेस्ट की 10 पारियों में 13.40 की औसत से 134 रन बनाए थे। मौजूदा न्यूजीलैंड दौरे पर 31 वर्षीय दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 2 टेस्ट मैचों में सिर्फ 38 रन बनाए। चार पारियों में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 19 रन का रहा। 53 से ज्यादा का औसत रखने वाला जांबाज अगर 9.50 की औसत से रन बनाए तो हैरानी होगी ही।

तीनों फॉर्मेट की पिछली 10 पारियों में 204 रन ही बना सके

पिछली 21 पारियों (टेस्ट, वनडे और टी-20) में विराट के बल्ले से एक शतक तक नहीं निकला है। पिछली 10 पारियों में तो वे सिर्फ 204 रन ही बना सके हैं। मौजूदा न्यूजीलैंड दौरे पर भारतीय कप्तान तीन वन-डे और 5 टी-20 में केवल 180 रन ही बना पाए, जिसमें केवल एक अर्धशतक शामिल था। कोहली ने वेलिंटगन टेस्ट की पहली पारी में 2 और दूसरी पारी में 19 रन बनाए थे। यह मैच भारत 10 विकेट से हारा था। अब क्राइस्टचर्च टेस्ट की पहली पारी में 3 और दूसरी पारी में 14 रन आए। बांग्लादेश के खिलाफ कोलकाता के डे-नाइट टेस्ट में विराट ने आखिरी शतक (136 रन) लगाया था।

आखिर क्या गलती कर रहे विराट?

'रनमशीन' के नाम से विख्यात कोहली के ऐसे प्रदर्शन को देखकर अंगुलियां उठनी तो लाजिमी है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि भारतीय कप्तान कहां चूक रहे हैं? कौन सी गलती कर रहे हैं, आखि क्या वजह है कि जिस बल्लेबाज के नाम से ही गेंदबाज थर्रा उठते थे वह आसान शिकार बन रहा है। कोहली के खेल को करीब से नजर डालने पर खामी उनकी तकनीक पर नजर आती है। दरअसल, भारतीय कप्तान पहले लेग स्टंप गार्ड करके खेलते थे, लेकिन अब वह स्टंप्स के बीच खड़े होते हैं। ऑफ स्टंप की गेंदों पर काबू पाने की वजह से वो मिडिल स्टंप गार्ड कर रहे हैं और यही उनसे सबसे बड़ी चूक हो रही है। जरूरत से ज्यादा ऑफ स्टंप की ओर शफल करने की वजह से ही वह LBW हो रहे हैं। स्विंग होती गेंदों के सामने कोहली का बैट एंगल से नीचे आता है। मतलब विराट के फुटवर्क में ही खामी है।

इधर कप्तान फेल उधर टीम का सूपड़ा साफ

क्राइस्टचर्च टेस्ट के तीसरे ही दिन भारतीय टीम को सात विकेट से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। भारत ने टॉस गंवाकर पहले बल्लेबाजी करते हुए स्कोरबोर्ड पर 242 रन बनाए और कीवी टीम को 235 रन पर समेट दिया। सात रन की लीड के बाद भारतीय टीम अपनी दूसरी पारी में ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। तीसरे दिन के पहले सेशन में भारत 124 रन पर सिमटा। न्यूजीलैंड को जीत के लिए 132 रन लक्ष्य मिला था, जिसे उसने टॉम लाथम और टॉम ब्लंडेल की मजबूत साझेदारी के दम पर आसानी से हासिल कर लिया। भारत की इस हार की बड़ी वजह खराब बल्लेबाजी के साथ-साथ कप्तान कोहली का खराब फॉर्म है।

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