देश / कोरोना वायरस के बाद अब भारत पर एक और हमला, 'आतंक' के साए में किसान

Zee News : May 27, 2020, 10:01 AM
नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी (coronavirus pandemic) के बाद, एक और बिन बुलाया मेहमान भारत के लिए सिरदर्द बन गया है। ये हैं दुनिया के सबसे खतरनाक प्रवासी कीट टिड्डे। टिड्डियों के एक बड़े दल ने अप्रैल में पाकिस्तान से भारत में प्रवेश किया और ये तब से ये फसलों को चट कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि पिछले 26 सालों में भारत पर ये टिड्डी दल का सबसे खतरनाक हमला है।

यह टिड्डी दल अफ्रीका के सींग से फैलकर यमन तक गया, फिर ईरान और पाकिस्तान। पाकिस्तान में कई हेक्टेयर में फैले कपास के खेतों पर हमला करने के बाद इन्होंने भारत को निशाना बनाया। एक अकेला दल एक वर्ग किलोमीटर तक के क्षेत्र में फैला हो सकता है। 8 से 15 करोड़ के करीब टिड्डियां 35,000 से ज्यादा लोगों के लिए पर्याप्त फसल को तबाह कर सकती हैं।

इनके पास प्रजनन करने की असाधारण क्षमता होती है, और ये लंबी उड़ान भरने में माहिर होती हैं। एक ही दिन में, ये करीब 150 किलोमीटर की दूरी तय कर लेते हैं। सर्दियों से ही इन कीटों ने किसानों के रातों की नींदें हराम कर रखी हैं।

पिछले एक साल में, टिड्डियों से प्रभावित ज्यादातर खेतों में एक तिहाई से अधिक फसल बर्बाद हो चुकी है। ये गर्मियों की फसल खाने के लिए अक्सर जून के आसपास भारत आते हैं, लेकिन इस साल ये अप्रैल में आ गए।

इसने कई राज्यों की कृषि-आधारित अर्थव्यवस्थाओं को खतरे में डाल दिया है और टिड्डी दल के हमले से बचने का कोई रास्ता नहीं है। कीटनाशकों से भरे ट्रकों को देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जा रहा है लेकिन इन कीटों को केवल रात में ही नष्ट किया जा सकता है जब वे पेड़ों पर आराम करते हैं।

इस समस्या से लड़ने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल भी किया जा रहा है। लेकिन दुर्भाग्य से ग्लोबल वार्मिंग की वजह से इनकी संख्या बहुत ज्यादा है। ये तेज गर्मियों से लेकर सर्दियों तक टिड्डियां प्रजनन कर सकती हैं।

इन्होंने अफ्रीका से लेकर पश्चिम एशिया तक पूरी दुनिया की यात्रा की है। जून 2019 में टिड्डियां ईरान से पाकिस्तान पहुंची थीं, जहां उन्होंने कपास, गेहूं और मक्का जैसी गर्मियों की फसलों को बर्बाद कर दिया था। हालांकि टिड्डी दल के हमले कम होने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और टिड्डियां ठहरीं और फैल गईं।

दुनिया के सबसे गरीब देश इनसे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। टिड्डियों ने पूर्व और पश्चिम अफ्रीका, दक्षिण और पश्चिम एशिया और भारत में खाद्य सुरक्षा और लोगों के लिए आजीविका का खतरा पैदा कर दिया है। भारत, ईरान और पाकिस्तान के साथ मिलकर एक संयुक्त प्रयास कर रहा है ताकि टिड्डियों के नए दलों को बढ़ने से रोका जा सके।

भारत के लिए यह एक राष्ट्रीय आपदा है। इतिहास में टिड्डियां देश के लिए संकट लेकर आईं, लेकिन 1962 के बाद भारत ने इनका कोई पूर्ण विकसित चक्र नहीं देखा। इस समस्या को आसानी से दूर नहीं किया जा सकता और इसपर कोरोना वायरस की तरह ही ध्यान देने की आवश्यकता है।


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