Zoom News : Feb 03, 2022, 04:07 PM
राजस्थान | सीएम गहलोत ने कहा कि पिछली सरकार में हरदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय को बंद कर दिया गया था। कौन मूर्ख लोग थे जिन्होंने वसुंधरा राजे को गलत सलाह दी थी। विवि को राजस्थान विवि के अंतर्गत मर्ज करवा दिया गया। जहां कोई फैकल्टी नहीं थी। ऐसा कभी होता नहीं है। सरकारें बदलती रहती है। पता नहीं वसुंधरा राजे पर किसका दबाव था। किसी ने वसुंधराजे को गुमराह किया होगा। जिस कारण से विवि को बंद करना पड़ा। उसकी काफी आलोचना हुई थी। सीएम गहलोत ने गुरुवार को हरदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विवि के भवन का शिलान्यास किया। सीएम ने कहा कि विवि के वाइस चांसलर ओम थानवी ने विपरित परिस्थितियों में काम किया है। इंटरेस्ट लेकर खासा कोठी में विवि शुरू करा दिया। मुझे खुशी हो रही है। विश्वविद्यालय के लिए 115 करोड़ रुपय मंजूर कर दिए है। 18 महीने में पहले फेज का काम पूरा हो जाएगा। दूसरे चरण के लिए भी बजट मंजूर कर दिया जाएगा।देश का मीडिया पीएम मोदी के दबाव में सीएम गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ मीडिया पीएम मोदी के दबाव में है। मीडिया जिस तरह का व्यवहार कर रहा है। उससे मुझे दुख होता है। देश में मोदी सरकार के दबाव में मीडिया चल रहा है। लोकतंत्र में आलोचना और असहमति का सत्ता पक्ष को स्वागत करना चाहिए। इससे सत्ता पक्ष को सुधार करने का फीडबैक भी मिलता है। सीएम ने कहा कि यदि कमिटमेंट जनता के प्रति है तो कोई आलोचना करें या असहमति जताएं। बुरा नहीं मानना चाहिए। लेकिन दुख की बात यह है कि यह स्थिति देश में अभी नहीं है। हरदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय जयपुर के भवन शिलान्यास कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि मीडिया के मालिक दबाव में है। मीडिया मालिकों को सीबीआई और ईडी का डर दिखाया जा रहा है। पीएम मोदी ने मीडिया को चर्चा करने के लिए आगे रखा है। खुद पीछे हो गए।तनाव और हिंसा के माहौल में पत्रकारों की जिम्मेदारी बढ़ीसीएम गहलोत ने कहा कि हम चाहते है कि देश के अंदर कैसे माहौल ठीक हो। इसमें पत्रकारिता की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। आजादी की जंग में पत्रकारों की बड़ी भूमिका रही थी। इसलिए पत्रकारों पर ज्यादा जिम्मेदारी बढ़ जाती है। देश एक रहे। अखंड रहे। यह काम पत्रकार ही कर सकता है। सीएम ने कहा कि सरकार किसी भी दल की हो। पत्रकार उन्हें आईना दिखाते रहे। पत्रकार को तथ्यों के साथ सच्चाई उजागर करनी चाहिए। ताकि सत्ता पक्ष के लोगों को मालूम पड़े। हाईटेक का जमाना है। हमें उसी रूप में तैयारी करनी पड़ेगी। आजादी की जंग में पत्रकारों की बड़ी भूमिका थी। अब जमाना बदल गया है। उनकी सरकार चाहती है कि राज्य के छात्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमके। इसे सपने को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय की सथापना की गई है। हमें संविधान की मूल भावना को आधार बनाकर चलना होगा। आज देश में माहौल खतरनाक है। कोई नहीं जानता देश किस दिशा में जा रहा है।