रिलेशनशिप / सेक्स से जुड़ी ये गलतफहमियां लड़कियों को करती हैं परेशान

AMAR UJALA : Jun 28, 2020, 11:36 PM
रिलेशनशिप डेस्क | ये दुनिया भर की युवा अवस्था के दौर से गुजर रही लड़कियों का सच है। चाहे वो भारत के सुदूर ग्रामीण इलाके में रहने वाली हों या फिर लंदन के आधुनिकतम इलाके में रहनी वाली लड़की हो। भिन्न-भिन्न पृष्ठभूमि से आने के बाद भी इन सबके बीच एक बात कॉमन होती है। युवावस्था में प्रवेश के दौरान इन युवतियों में यौन संबंधों को लेकर ये धारणा बनने लगती है कि सेक्स के दौरान दर्द होगा। ये बात कुछ तो यौन शिक्षा से समझ पाती हैं और जहां ऐसी शिक्षा की व्यवस्था नहीं है, वहां आस पड़ोस में रहने वाली दीदी, भाभी और मां के जरिए।

यौन संबंध के दौरान खून निकल सकता है। यह भी मन में डर बना रहता था कि सेक्शुअल ट्रांसमिशन इन्फेक्शन से भी दो चार होना पड़ सकता है। इतना ही नहीं, गर्भवती होने पर युवतियों को प्रसव पीड़ा से भी जूझना पड़ता है। हलांकि प्रसव के दौरान कई युवतियों के वीडियो हमने देखे हैं, जिनमें वो बिलकुल नहीं चीख रही होती हैं। लेकिन इन सबको लेकर आशंकाएं कम नहीं होती हैं।

दूसरी तरफ लड़कों के साथ सेक्स को लेकर ऐसी बातें नहीं होती हैं। वो उत्तेजना और ऑर्गेजम की बात करते हैं। वहीं लड़कियों के मन में यौन संबंधों को लेकर कई तरह के वहम और डर बैठ जाते हैं। इसी वजह से यौन संबंध एक पक्ष के लिए आशंकित करने वाला होता है। महिलाएं इस बात को मानकर चलती हैं कि दर्द होना ही है। ऐसा नहीं है कि इस दर्द का डर उन्हें केवल पहले सेक्स में होता है। 24 साल की जेस कहती हैं कि उन्हें नहीं पता है कि सेक्स में पीड़ा और उदासी से कैसे बचा जाए। उन्होंने कहा, 'मैंने सेक्स के बारे में जो कुछ सुना था उससे काफी तनाव में थी।

मैं काफी सतर्क थी। मैं ऑर्गेजम को लेकर कई तरह के मिथों से ग्रस्त थी। मुझे जो कुछ भी कहा गया था उनसे यौन संबंध के दौरान भी मुक्त नहीं हो पाई थी। मुझसे कहा गया था कि सेक्स के दौरान दर्द हो सकता है और मुझे इसे न चाहते हुए भी स्वीकार करना पड़ा था।' उन्होंने कहा, 'मैंने एक सतर्क और शिष्ट पार्टनर को चुना। इसके साथ ही मैंने शारीरिक संबंधों को लेकर खुद ही कई चीजों की पड़ताल की। अगर आपका पार्टनर ठीक है तो दर्द जैसी बात बिल्कुल झूठ होती है।'

हनाह विटन यूट्यूब चैनल पर सेक्स से जुड़़ी सभी चीजों पर बात करती हैं। यौन संबंध में दर्द को लेकर उनका कहना है, 'कई महिलाओं को सेक्स के दौरान दर्द का सामना इसलिए नहीं करना पड़ता है कि सेक्स में दर्द निहित है। बल्कि ऐसा इसलिए है क्योंकि हमें नहीं पता है कि अच्छा यौन संबंध कैसे बनता है।'

जाहिर है सेक्स में कई स्थितियां दर्दनाक होती हैं। अगर शारीरिक संबंध के दौरान आपको दर्द का सामना करना पड़ता है तो यह गंभीर समस्या है। रॉयल कॉलेज ऑफ आब्स्टिट्रिशन एंड गाइनकॉलजिस्ट (आरसीओजी) की प्रवक्ता स्वाति झा कहती हैं, 'वजाइना में दर्द खरोंच और एसटीआई के कारण हो सकता है। कई बार लेटेक्स कॉन्डम और साबुन के कारण भी जलन होती है।' स्वाति झा का कहना है कि दर्द हो तो सेक्शुअल हेल्थ क्लिनिक से संपर्क करना चाहिए।

हालांकि यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लास्गो के सीनियर रिसर्च फेलो डॉ कृस्टिन मिशेल कहती हैं कि सेक्स में दर्द का संबंध पूरी तरह से मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारकों से है। कृस्टिन ने 2017 में एक स्टडी की थी और इसमें पाया कि ब्रिटेन में 16 से 24 साल की उम्र वाली लड़कियों में से 10 फीसदी लड़कियों को सेक्स में दर्द का सामना करना पड़ता है।

उन्होंने कहा, 'अगर एक यंग महिला जैसा सेक्स चाहती है वैसा नहीं कर पाती है या फिर बेमन से करती है या फिर खुलकर बात नहीं कर पाती है कि वो कितना इंजॉय कर पा रही है तो ऐसी स्थिति में सेक्स दर्ददायक होता है। महिलाओं में एक किस्म का पूर्वाग्रह होता है कि उन्हें सेक्स में इंजॉय का अधिकार बराबरी का नहीं है या कम है। कई महिलाएं तो इसे इस रूप में स्वीकार लेती हैं कि वो महिला है इसलिए सेक्स में दर्द होगा ही।'

अमरीका में एक स्टडी हुई है और इस स्टडी के रिसर्चर सारा मैकलैंड ने महिलाओं और पुरुषों से पूछा था कि उनके लिए सेक्स में कम संतुष्टि का मतलब क्या होता है। इस सवाल पर पुरुषों का जवाब था- पार्टनर की उदासीनता और महिलाओं का जवाब था दर्द। किम लोलिया को भी ऐसे ही अनुभवों का सामना करना पड़ा था। अब वो महिलाओं के बीच इस डर और समस्या को खत्म करने पर काम कर रही हैं।लोलिया लंदन स्थित सेक्स एजुकेशन सर्विस की संस्थापक हैं। इसके साथ ही वो एक ऑनलाइन मैगजीन भी निकालती हैं। उनका मानना है कि असहज करने वाला सेक्स जरूरी नहीं है कि वो शारीरिक समस्या से ही हो। संभव है कि वो चुप रहने के कारण हो।

किम कहती हैं, 'जब महिलाएं दर्द महसूस करती हैं तो वो चुपचाप सह लेती हैं। वो बोलती नहीं हैं। जब इन्हें दर्द होता है तो लगता है कि इनमें ही कोई दिक्कत है। ये डरी रहती हैं कि कहीं उनका पार्टनर बुरा तो नहीं मान जाएगा। सेक्स के दौरान सब कुछ पारस्परिक, क्रमशः और एक दूसरे को सुनने और महसूस करने लायक बनाना चाहिए।'

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER