लॉकडाउन और कर्मकाण्ड / जिन्दा तो छोड़िए स्वर्ग सिधार चुके लोगों तक को नहीं बख्श रहा कोरोना, अस्थियों को मोक्ष का इंतजार

कोरोना महामारी से पू​री दुनिया परेशान है। भारत में लॉकडाउन से हर आम और खास परेशान है। यहां जीवित लोगों की तो छोड़िए मौत के बाद भी कोरोना का संकट लोगों का पीछा नहीं छोड़ रहा है। कोरोना लॉकडाउन के चलते लोगों केअस्थी कलश विसर्जन समेत अंतिम संस्कार से जुड़ी कई महत्वपूर्ण क्रियाएं अटक रही है। लोग परेशान है और इसका हल किसी के भी पास नहीं है।

Vikrant Shekhawat : Mar 30, 2020, 01:25 PM
कोरोना महामारी से पू​री दुनिया परेशान है। भारत में लॉकडाउन से हर आम और खास परेशान है। यहां जीवित लोगों की तो छोड़िए मौत के बाद भी कोरोना का संकट लोगों का पीछा नहीं छोड़ रहा है। कोरोना लॉकडाउन के चलते लोगों केअस्थी कलश विसर्जन समेत अंतिम संस्कार से जुड़ी कई महत्वपूर्ण क्रियाएं अटक रही है। लोग परेशान है और  इसका हल किसी के भी पास नहीं है। 


सीकर | कोरोना को लेकर किए गए लोक डाउन के कारण आवागमन के सारे साधन बंद हो गए हैं। ऐसे में कलश में अस्थियां भी मोक्ष का इंतजार कर रही हैं। लोकडाउन होने के कारण लोग अपने पूर्वजों की अस्थियां गंगा में प्रवाहित नहीं कर पा रहे हैं। परिजनों ने घर के अंदर या फिर मंदिर या शमशान घाट में अस्थि कलश रख रखें हैं ताकि व्यवस्थाएं सुचारू हो तो इनका विसर्जन हरिद्वार, पुष्कर या लोहार्गल तीर्थ में किया जा सके। सीकर कल्याणजी मंदिर के महंत विष्णु प्रसाद की मां विनोद देवी का निधन 18 मार्च को हृदयगति रुक जाने जाने के कारण हो गया था। अंतिम संस्कार तो कर दिया गया लेकिन लोक डाउन के कारण परिवार के लोग हरिद्वार नहीं जा पा रहे हैं। महंत विष्णु प्रसाद ने बताया कि मां के अन्य क्रियाकर्म तो कर दिए गए हैं लेकिन अस्थियां अभी तक हरिद्वार में जाकर नहीं बहा सके। अस्थियां घर में रखना भी गलत है लेकिन मजबूरी है कि कोई साधन भी नहीं चल रहे हैं। इसलिए हरिद्वार जाकर अस्थियां गंगाजी में बहा नहीं पा रहे हैं। ऐसे में सरकार और प्रशासन को ऐसे लोगों के लिए गाड़ी के पास या और कोई व्यवस्था कर इनको गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए शिवधाम धर्माणा चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष कैलाश तिवाड़ी ने बताया कि लोगों के अंतिम संस्कार तो यहां धर्माणा में करवाए जा रहे हैं  पांच सात लोग ही आकर अंतिम संस्कार करवा रहे हैं लेकिन उनकी अस्थियां तो लोग अपने घरों पर ले जाकर रख रहे हैं। लोगहरिद्वार नहीं जा पा रहे हैं। जो भस्मी है वह कट्टों में भरकर यहां धर्माणा में रखी गई है कारण कि भस्मी  को लोग जहां लोहागर्ल में ले जाकर विसर्जित करते हैं लेकिन कोरोना के कारण लोक डाउन होने के कारण गाड़ियां बंद होने के कारण लोग जा नहीं पा रहे हैं। इससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है।