AajTak : Apr 13, 2020, 04:15 PM
कोरोना अलर्ट: पूरी दुनिया को दहलाकर रखने वाले कोरोना वायरस से जुड़ी एक बेहद खास जानकारी सामने आई है। वैज्ञानिकों के एक शोध में पता लगा है कि कोरोना वायरस की एक नहीं, बल्कि तीन-तीन किस्म हैं। कोरोना वायरस की इन तीनों किस्मों को टाइप-ए, टाइप-बी और टाइप-सी कैटेगरी में रखा गया है।
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पिछले साल दिसंबर से लेकर इस साल मार्च के अंत तक इस इंफ्केशन की जेनेटिक हिस्ट्री खंगाली है, जिसमें इसकी तीन अलग-अलग किस्म पाई गई हैं।
शोधकर्ताओं ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि इनमें से टाइप-ए वायरस पहले पैंगोलिन जैसे किसी जानवर से चमगादड़ में फैला। इसके बाद ये वुहान के मीट मार्केट से होता हुआ चीन के वुहान में पहुंचा और इंसानों को संक्रमित किया।
चीन में लोगों को अपना शिकार बनाने के बाद ये वायरस देश की सीमाओं के बाहर फैला। जनवरी आते-आते ये जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में लोगों को अपना शिकार बनाने लगा।टाइप-ए वायरस के सबसे ज्यादा शिकार लोग आज अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में ही हैं। दोनों देशों में इसके तकरीबन 4,00,000 से भी ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। अकेले अमेरिका में ही टाइप-ए वायरस के दो-तिहाई लोग इस जानलेवा वायरस की चपेट में आ चुके हैं।शोधकर्ताओं का मानना है कि टाइप-बी इस वायरस का सबसे खतरनाक रूप है। दुनिया में महामारी बनने के लिए वायरस की यही किस्म जिम्मेदार है। ब्रिटेन के डॉक्टर पीटर फॉस्टर की टीम ने पाया कि टाइप-बी वायरस की वजह से अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है।टाइप-बी चीन में हजारों लोगों को मौत के घाट उतारने के बाद बाद यूरोप, दक्षिण अमेरिका और कनाडा तक जा पहुंचा। इसके बाद इसने फिनलैंड, जर्मनी, फ्रांस, बेल्जियम, डेनमार्क, ब्रिटेन और जापान में लोगों को संक्रमित किया और हजारों की जान ली।
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस टाइप-बी के शिकार होने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। चीन के बाहर बाहर सबसे तेजी से फैलने वाला वायरस भी यही है।वायरस की तीसरी किस्म टाइप-सी है। यह किस्म टाइप-बी के बिल्कुल विपरीत है। टाइप-सी के शिकार अभी तक केवल यूरोप और सिंगापुर में ही देखने को मिले हैं।पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के अब तक साढ़े 18 लाख से भी ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। जबकि एक लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पिछले साल दिसंबर से लेकर इस साल मार्च के अंत तक इस इंफ्केशन की जेनेटिक हिस्ट्री खंगाली है, जिसमें इसकी तीन अलग-अलग किस्म पाई गई हैं।
शोधकर्ताओं ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि इनमें से टाइप-ए वायरस पहले पैंगोलिन जैसे किसी जानवर से चमगादड़ में फैला। इसके बाद ये वुहान के मीट मार्केट से होता हुआ चीन के वुहान में पहुंचा और इंसानों को संक्रमित किया।
चीन में लोगों को अपना शिकार बनाने के बाद ये वायरस देश की सीमाओं के बाहर फैला। जनवरी आते-आते ये जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में लोगों को अपना शिकार बनाने लगा।टाइप-ए वायरस के सबसे ज्यादा शिकार लोग आज अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में ही हैं। दोनों देशों में इसके तकरीबन 4,00,000 से भी ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। अकेले अमेरिका में ही टाइप-ए वायरस के दो-तिहाई लोग इस जानलेवा वायरस की चपेट में आ चुके हैं।शोधकर्ताओं का मानना है कि टाइप-बी इस वायरस का सबसे खतरनाक रूप है। दुनिया में महामारी बनने के लिए वायरस की यही किस्म जिम्मेदार है। ब्रिटेन के डॉक्टर पीटर फॉस्टर की टीम ने पाया कि टाइप-बी वायरस की वजह से अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है।टाइप-बी चीन में हजारों लोगों को मौत के घाट उतारने के बाद बाद यूरोप, दक्षिण अमेरिका और कनाडा तक जा पहुंचा। इसके बाद इसने फिनलैंड, जर्मनी, फ्रांस, बेल्जियम, डेनमार्क, ब्रिटेन और जापान में लोगों को संक्रमित किया और हजारों की जान ली।
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस टाइप-बी के शिकार होने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। चीन के बाहर बाहर सबसे तेजी से फैलने वाला वायरस भी यही है।वायरस की तीसरी किस्म टाइप-सी है। यह किस्म टाइप-बी के बिल्कुल विपरीत है। टाइप-सी के शिकार अभी तक केवल यूरोप और सिंगापुर में ही देखने को मिले हैं।पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के अब तक साढ़े 18 लाख से भी ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। जबकि एक लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।