Coronavirus / अस्पताल ने COVID-19 टेस्ट रिपोर्ट देखे बिना डेड बॉडी परिजनों को सौंपा, बाद में...

Jansatta : Jun 07, 2020, 10:30 PM
Coronavirus, (COVID-19): कोरोना वायरस के खतरे के बीच महाराष्ट्र के एक अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां अस्पताल प्रशासन ने बिना COVID-19 रिपोर्ट देखे हीं 55 साल के एक व्यक्ति की डेड बॉडी उनके परिजनों को सौंप दी। परिजनों ने डेड बॉडी का अंतिम संस्कार कर दिया औऱ अब यह पता चला है कि उनका कोविड टेस्ट पॉजीटिव आया है। अस्पताल की इस लापरवाही की वजह से 500 लोगों की जान आफत में फंस गई है।

मामला मुंबई के वसई इलाके में स्थित The Cardinal Gracious Hospital का है। अरनाला गांव के रहने वाले 55 साल के व्यक्ति को लीवर की समस्या की वजह से इस अस्पताल में एडमिट कराया गया था। बीते गुरुवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इसके बाद उनकी डेड बॉडी को COVID-19 टेस्ट के लिए भेजा गया। लेकिन आऱोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने टेस्ट रिपोर्ट के आने की प्रतीक्षा नहीं की और डेड बॉडी को उनके परिजनों को सौंप दिया।

परिजन, मृतक को लेकर अरनाला गए और वहां जाकर उनका अंतिम संस्कार किया गया। अगले ही दिन यानी शुक्रवार को अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें सूचित किया कि मृतक का कोरोना टेस्ट पॉजीटिव आया है। ‘Mumbai Mirror’ की रिपोर्ट के मुताबिक करीब 500 लोगों ने उनके अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया था। इधर अस्पताल द्वारा कोरोना रिपोर्ट दिये जाने के बाद उनके परिजन दंग रह गए हैं।

इस मामले के सामने आने के बाद हड़कंप मच गया। आनन-फानन में प्रशासन ने मृतक के संपर्क में आए लोगों की तलाश शुरू कर दी। शुरू में 40 ऐसे लोगों को क्वारन्टीन किया गया जिन्होंने मृतक के अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया था और हाई-रिस्क में थे।

इस मामले में वसई तुलिका के स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा है कि ‘हमने अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने वाले लोगों को क्वारन्टी किया है और उनके संपर्क में आए लोगों की तलाश की जा रही है। अस्पताल की लापरवाही की वजह से लोगों की जान आफत में पड़ी है। हमने अस्पताल को नोटिस भेजा है और मामले में जांच की जा रही है। गंभीर मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।’

हालांकि अब इस मामले पर The Cardinal Gracious Hospital के जनरल मैनेजर Flory De monte का भी बयान सामने आया है। मैनेजर ने कहा कि ‘युवक को कोरोना वायरस मरीज के तौर पर भर्ती नहीं किया गया था। यह उनके रिश्तेदारों की भी जिम्मेदारी थी कि वो अंतिम संस्कार के वक्त सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करें।’

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