देश / PayPM ने 2-3 अरबपति दोस्तों के लिए की थी नोटबंदी, राहुल का मोदी पर तंज

Zoom News : Nov 08, 2022, 07:28 PM
New Delhi : नोटबंदी के 6 साल पूरे होने के मौके पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर तंज कसा है। कांग्रेस नेता ने मंगलवार को नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह 2-3 अरबपति दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया था था। उन्होंने अपने ट्वीट में पीएम मोदी पर तंज कसते हुए 'पेपीएम' लिखा है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को अर्थव्यवस्था में भ्रष्टाचार और काले धन की समस्या को दूर करने के उद्देश्य से 500 और 1,000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था।

इसको लेकर राहुल गांधी शुरू से ही हमलावर हैं। मंगलवार को उन्होंने अपने भाषणों का एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, "नोटबंदी 'PayPM' द्वारा एक जानबूझकर उठाया गया कदम था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके 2-3 अरबपति दोस्त छोटे और मध्यम व्यवसायों को खत्म करके भारत की अर्थव्यवस्था पर एकाधिकार कर लें।"

भारत में हुई नोटबंदी की छठी वर्षगांठ है। इस फैसले का मुख्य मकसद डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना और काले धन पर अंकुश लगाना तथा आतंकवाद के वित्तपोषण को खत्म करना था। हालांकि विपक्षी दलों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार द्वारा 2016 में की गई नोटबंदी को "आर्थिक नरसंहार और आपराधिक कृत्य" करार दिया है।

कांग्रेस ने नोटबंदी पर "श्वेत पत्र " लाने की मांग की

कांग्रेस ने नोटबंदी के छह साल पूरा होने के मौके पर मंगलवार को कहा कि मोदी सरकार के इस कदम के बाद चलन में नकदी 72 प्रतिशत बढ़ गई और ऐसे में सरकार को इस पर 'श्वेत पत्र' लाना चाहिए। पार्टी नेता गौरव वल्लभ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोटबंदी रूपी इस भयावह विफलता को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "8 नवंबर 2016 का दिन सबको याद होगा। आज भारत की अर्थव्यवस्था को नष्ट करने के फैसले की छठी बरसी है। नोटबंदी के 50 दिन के बाद आज तक सरकार ने नोटबंदी का नाम तक नहीं लिया है।"

वल्लभ ने दावा किया, "हिंदुस्तान के इतिहास की सबसे बड़ी ऑर्गेनाइज्ड लूट 8 नवबंर 2016 को नोटबंदी के माध्यम से सरकार ने की।" उन्होंने कहा, "पिछले 6 साल में अर्थव्यवस्था में जो कैश-इन-सर्कुलेशन (चलन में नकदी) है, वो 72 प्रतिशत बढ़ा है। 2016 में अर्थव्यवस्था में चलन में नकदी 17.97 लाख करोड़ रुपये थी, जो आज 30.88 लाख करोड़ रूपये हो चुकी है।"

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