- भारत,
- 27-Aug-2025 04:24 PM IST
India-US Tariff War: अमेरिका ने रूसी तेल खरीद के जवाब में भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लागू किया है, जो अब प्रभावी हो चुका है। हालांकि, एक महत्वपूर्ण मोर्चे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के सामने झुकते हुए भारतीय दवाओं को इस टैरिफ से बाहर रखने का फैसला किया है। इसका प्रमुख कारण अमेरिकी हेल्थकेयर सिस्टम में भारत की जेनेरिक दवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह लेख इस निर्णय के कारणों, प्रभावों और भारतीय दवा उद्योग की स्थिति का विश्लेषण करता है।
भारतीय दवाओं की अमेरिका में भूमिका
भारतीय जेनेरिक दवाएं अमेरिका में सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण हैं। भारतीय फार्मास्युटिकल अलायंस के महासचिव सुदर्शन जैन ने एएनआई को बताया कि भारतीय दवा उद्योग को तत्काल टैरिफ से छूट दी गई है, क्योंकि जेनेरिक दवाएं अमेरिका में किफायती स्वास्थ्य सेवाओं के लिए "महत्वपूर्ण" हैं। ये दवाएं कम प्रॉफिट मार्जिन पर उपलब्ध होती हैं, जिससे मरीजों के लिए उनकी निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करना आवश्यक है।
बसव कैपिटल के को-फाउंडर संदीप पांडे के अनुसार, अमेरिका में आयातित दवाओं में भारत की हिस्सेदारी लगभग 6 फीसदी है। 27 अगस्त, 2025 को 50 फीसदी टैरिफ की आशंका के बाद भारतीय दवा निर्यातकों ने अपने शिपमेंट ऑस्ट्रेलिया स्थानांतरित करने शुरू कर दिए थे, जिससे अमेरिकी मेडिकेयर सिस्टम की स्थिरता को खतरा पैदा हो गया था। यही कारण है कि ट्रंप ने भारतीय दवाओं को टैरिफ से बाहर रखा। वित्त वर्ष 2025 में भारत ने अपने कुल दवा निर्यात का लगभग 40 फीसदी अमेरिका को निर्यात किया था।
अमेरिका के दवा आयात: एक नजर
अमेरिका विभिन्न देशों से दवाओं का आयात करता है। निम्नलिखित तालिका 2021 और 2024 के आंकड़ों को दर्शाती है:
देश | 2021 में आयात | 2024 में आयात | 2021 में हिस्सेदारी | 2024 में हिस्सेदारी | ग्रोथ (%) |
|---|---|---|---|---|---|
आयरलैंड | 6,472 | 9,784 | 33.4% | 39.8% | 14.8 |
स्विट्जरलैंड | 21,066 | 18,858 | 14.2% | 8.9% | -3.6 |
जर्मनी | 22,021 | 17,164 | 14.8% | 8.1% | -8.0 |
सिंगापुर | 5,738 | 15,253 | 3.9% | 7.2% | 38.5 |
भारत | 8,908 | 12,471 | 6.0% | 5.9% | 11.9 |
बेल्जियम | 7,208 | 12,298 | 4.8% | 5.8% | 19.5 |
इटली | 5,702 | 11,532 | 3.8% | 5.4% | 26.5 |
चीन | 3,344 | 7,825 | 2.2% | 3.7% | 32.8 |
जापान | 5,972 | 7,476 | 4.0% | 3.5% | 7.8 |
यूके | 6,070 | 7,269 | 4.1% | 3.4% | 6.2 |
कुल | 1,48,731 | 2,11,798 | 100% | 100% | 12.5 |
विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका अपनी लगभग आधी जेनेरिक दवाओं के लिए भारत पर निर्भर है। अमेरिका में पहले से ही स्वास्थ्य सेवा लागत अधिक होने के कारण, दवाओं पर तत्काल बड़ा शुल्क लगाने की संभावना कम है।
टैरिफ लागू होने पर संभावित प्रभाव
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के अनुसार, यदि दवाओं पर टैरिफ वापस नहीं लिया गया होता, तो भारतीय कंपनियों को अपने अमेरिकी पोर्टफोलियो में भारी कटौती करनी पड़ सकती थी। कुछ मामलों में, उन्हें अमेरिकी बाजार से पूरी तरह बाहर निकलना पड़ सकता था। जेनेरिक दवाओं के कम मार्जिन और कीमतों में लगातार गिरावट के कारण, कंपनियों को बिक्री बंद करने या लागत का बोझ मरीजों पर डालने जैसे कदम उठाने पड़ सकते थे।
इसके अलावा, अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग सुविधाएं स्थापित करना समय लेने वाला और महंगा है। भारतीय कंपनियों के लिए यह व्यवहार्य नहीं है, जिसके कारण वे भारत और यूरोप जैसे अन्य बाजारों में अधिक आक्रामक रणनीति अपनाने को मजबूर हो सकती थीं। इससे मूल्य प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती थी, जो उद्योग के लिए हानिकारक हो सकता था।
भारत के फार्मा निर्यात
भारत विभिन्न देशों को दवाओं का निर्यात करता है। निम्नलिखित तालिका वित्त वर्ष 2022 और 2025 के आंकड़ों को दर्शाती है:
देश | वित्त वर्ष 2022 में निर्यात | वित्त वर्ष 2025 में निर्यात | 2022 में हिस्सेदारी | 2025 में हिस्सेदारी | ग्रोथ (%) |
|---|---|---|---|---|---|
अमेरिका | 6,472 | 9,784 | 33.4% | 39.8% | 14.8 |
यूके | 615 | 781 | 3.2% | 3.2% | 8.3 |
साउथ अफ्रीका | 550 | 637 | 2.8% | 2.6% | 5.0 |
फ्रांस | 413 | 586 | 2.1% | 2.4% | 12.3 |
कनाडा | 355 | 540 | 1.8% | 2.2% | 15.0 |
ब्राजील | 375 | 520 | 1.9% | 2.1% | 11.6 |
नाइजीरिया | 509 | 468 | 2.6% | 1.9% | -2.8 |
ऑस्ट्रेलिया | 358 | 433 | 1.8% | 1.8% | 6.6 |
नीदरलैंड | 327 | 423 | 1.7% | 1.7% | 9.0 |
रूस | 480 | 421 | 2.5% | 1.7% | -4.2 |
कुल | 19,396 | 24,577 | 100% | 100% | 8.1 |
प्रभावित होने वाली भारतीय कंपनियां
जेफरीज़ के अनुसार, जेनेरिक दवा निर्माता और कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग संगठन (सीएमओ) टैरिफ के कारण कड़ी चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। कुछ प्रमुख कंपनियों पर प्रभाव:
जाइडस लाइफसाइंसेज: अमेरिका से 45% राजस्व, विशेष रूप से ओरल सॉलिड डोज (OSD) फॉर्मूलेशन पर निर्भर।
डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज: 43% राजस्व अमेरिका से, विशेष रूप से इंजेक्शन योग्य दवाओं से।
ग्लैंड फार्मा: 54% राजस्व अमेरिका से, जिसमें सीएमओ के रूप में मैन्युफैक्चरिंग शामिल है।
बायोकॉन: 50% राजस्व अमेरिका से, जिसमें जेनेरिक दवाओं का निर्यात 30% से कम है।
