अमेरिका / डोनाल्ड ट्रंप की बेटी ने की पिता के खिलाफ बगावत, कह दी ये बड़ी बात

Zee News : Jun 04, 2020, 01:03 PM
वॉशिंगटन: मिनेसोटा में पुलिस की हिरासत में मारे गए अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd) जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के विरोध में अमेरिका में प्रदर्शनों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की छोटी बेटी टिफनी ट्रंप (Tiffany Trump) ने भी प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया है। लॉ ग्रेजुएट टिफनी ने इंस्टाग्राम के जरिये जॉर्ज की मौत पर गुस्सा जाहिर किया। 

उन्होंने एक ब्लैक स्क्रीन पोस्ट के साथ #blackoutTuesday #justiceforgeorgefloyd हैशटैग का प्रयोग किया। टिपनी ने हेलन केलर का एक कोट लिखा, 'अकेले हम बेहद कम हासिल कर सकते हैं, एक साथ हम बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं।' टिफनी की पोस्ट वॉशिंगटन स्थित व्हाइट हाउस के बाहर पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस छोड़े जाने की घटना के बाद आई। टिफनी की मां मार्ला मैपल्स (डोनाल्ड ट्रम्प की दूसरी पत्नी) ने भी प्रदर्शनकारियों का समर्थन करते हुए ब्लैक स्क्रीन फोटो पोस्ट की है। 

अप्रैल में कोविड पॉजिटिव पाया गया था जॉर्ज फ्लॉयड

जॉर्ज फ्लॉयड की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बुधवार को जारी की गई और उससे यह पता चला है कि वह अप्रैल में कोविड-19 से संक्रमित पाया गया था। 

द न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक खबर में हेनेपिन काउंटी के चिकित्सा परीक्षक कार्यालय की ओर से जारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला दिया और बताया कि 46 वर्षीय फ्लॉयड तीन अप्रैल को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था। फ्लॉयड के परिवार की अनुमति के बाद 20 पन्नों की यह रिपोर्ट जारी की गई। 

मौत की वजह का पता लगाने के लिए अधिकृत सरकारी अधिकारी ने सोमवार को बताया था कि फ्लॉयड को दिल का दौरा पड़ा था और उन्होंने 25 मई को हुई उसकी मौत को मानव हत्या बताया था। मुख्य चिकित्सा परीक्षक एंड्रयू बेकर ने बताया कि मिनेसोटा के स्वास्थ्य विभाग ने फ्लॉयड की मौत के बाद उसकी नाक से नमूने लिए थे और वह संक्रमित पाया गया था। उसने बताया कि उसकी मौत के समय कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जाना यह बताता है पूर्व में हुए संक्रमण का असर अभी मौजूद था। हालांकि ऐसा कोई संकेत नहीं मिला कि उसकी मौत की वजह के पीछे संक्रमण भी है। 

एक श्वेत पुलिस अधिकारी ने करीब नौ मिनट तक फ्लॉयड की गर्दन दबाई थी जिससे उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद न्यूयॉर्क और अमेरिका के अन्य हिस्सों में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। न्यूयॉर्क शहर के पूर्व चिकित्सा परीक्षक माइक बाडेन ने फ्लॉयड के परिवार के कहने पर गत हफ्ते निजी रूप से पोस्टमार्टम किया था। बाडेन ने कहा कि फ्लॉयड को गिरफ्तार करने वाले चार पुलिस अधिकारियों के साथ ही कुछ प्रत्यक्षदर्शियों की भी कोविड-19 के लिए जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा, "मैं गुस्सा नहीं हूं लेकिन और अधिक सावधानी बरतनी चाहिए थी।"


फ्लॉयड का पार्थिव शरीर तीन शहरों में ले जाया जाएगा

फ्लॉयड को अंतिम विदाई देने के लिए उसके पार्थिव शरीर को छह दिनों में उन तीन शहरों में ले जाया जाएगा जहां वह जन्मा, उसकी परवरिश हुई और जहां उसकी मौत हुई। उसे सबसे पहले बृहस्पतिवार दोपहर को मिनियापोलिस में नॉर्थ सेंट्रल यूनिवर्सिटी ले जाया जाया। इसके बाद नॉर्थ कैरोलीना ले जाया जाएगा जहां 46 साल पहले उसका जन्म हुआ था। वहां लोग दो घंटे के लिए पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन कर सकेंगे। 

अंत में ह्यूस्टन में आखिरी श्रद्धांजलि दी जाएगी जहां वह पला-बढ़ा और अपनी जिंदगी का ज्यादातर हिस्सा गुजारा। द फाउंटेन ऑफ प्रेज चर्च में मंगलवार को 500 लोगों की मौजूदगी में एक सभा का आयोजन होगा। पूर्व उपराष्ट्रपति जो बाइडेन और अन्य नेताओं तथा हस्तियों के इसमें भाग लेने की संभावना है। इस बीच मेन शहर के उप मेयर ने इस्तीफा दे दिया है और उन पर झूठी शिकायत दर्ज कराने का आरोप लगाया गया है। इससे पहले उन्होंने कहा था कि किसी ने फ्लॉयड की हत्या के बारे में नस्ली टिप्पणी करने के लिए उनका सोशल मीडिया अकाउंट हैक कर लिया। ब्रीवर पुलिस ने बताया कि घटना के संबंध में थॉमस मोरेली पर आरोप लगाया गया है। मोरेली ने सोमवार को पुलिस को बताया था किसी ने फ्लॉयड के बारे में नस्ली टिप्पणी करने के लिए उनका फेसबुक अकाउंट हैक कर लिया है। 

गर्दन दबाने वाले अधिकारी के खिलाफ 17 शिकायतें दर्ज

पुलिस ने बताया कि जांच में पता चला कि मोरेली ने ही ये टिप्पणियां की थी। उन्होंने बताया कि मोरेली को सम्मन जारी किया गया और उन्हें 15 जुलाई को अदालत में पेश होना है। वहीं, फ्लॉयड की हत्या के संबंध में गिरफ्तार हुए चार पुलिस अधिकारियों में से घुटने से फ्लॉयड की गर्दन दबाने वाला मिनियापोलिस पुलिस का अधिकारी डेरेक चाउविन सबसे अनुभवी था और उसे बहादुरी के लिए पदक समेत अन्य सम्मान मिल चुके हैं तथा उसके खिलाफ 17 शिकायतें भी दर्ज हैं। 

फाइलों से पता चला है कि 19 साल से पुलिस में सेवा देने वाला चाउविन को शुरुआत में रसोइये के तौर पर प्रशिक्षण दिया गया और वह सैन्य पुलिस अधिकारी के तौर पर सेना में भी काम कर चुका है। चाउविन 2001 में मिनियापोलिस पुलिस अधिकारी बना था और वह 2007 की उस घटना में भी शामिल रहा जिसमें उस पर तेज गति से गाड़ी चलाने के लिए एक कार को रोकने के बाद उसमें सवार महिला को बाहर खींचने का आरोप लगाया गया। इसके अलावा चाउविन को बहादुरी के लिए भी पुरस्कार मिल चुका है। फाइलों से पता चलता है कि उसे 2006 और 2008 में वीरता के दो पदक दिए गए थे। 

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