India-Iran Relations / ईरान में बोले विदेश मंत्री- जहाजों पर हमला चिंता का विषय, इससे तत्काल निपटें

Zoom News : Jan 16, 2024, 08:22 AM
India-Iran Relations: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने ईरान दौरे पर भारत के आसपास पोतों पर हमलों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर चिंता का विषय बताते हुए सोमवार को कहा कि ऐसे खतरों का भारत की ऊर्जा जरूरतों और आर्थिक हितों पर सीधा असर पड़ता है. जयशंकर ने ईरान के अपने समकक्ष हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान के साथ बातचीत के बाद एक संयुक्त प्रेस बयान जारी किया.

इसमें विदेश मंत्री ने कहा कि हाल में हिंद महासागर के इस महत्वपूर्ण हिस्से में समुद्री वाणिज्यिक यातायात की सुरक्षा के लिए खतरे काफी बढ़ रहे है. उन्होंने इजराइल-हमास संघर्ष के बीच ईरान समर्थित यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा सबसे व्यस्त व्यापार मार्गों में शामिल लाल सागर में वाणिज्यिक पोतों को निशाना बनाने पर इस बात पर जोर दिया कि यह महत्वपूर्ण है कि इस मुद्दे से तत्काल निपटा जाए.

ईरान के विदेश मंत्री से मुलाकात

दरअसल विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को ईरान के समकक्ष होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन से मुलाकात की और उनकी चर्चा रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह और उत्तर-दक्षिण कनेक्टिविटी परियोजना में भारत की भागीदारी पर केंद्रित थी. जयशंकर दोनों पक्षों के बीच जारी उच्च स्तरीय संवाद के तहत ईरान के दौरे पर हैं. उन्होंने ईरान के राष्ट्रपति डॉ. इब्राहिम रईसी से भी मुलाकात की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शुभकामनाएं दीं.

जयशंकर ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि, आज तेहरान में ईरानी विदेश मंत्री अमीर-अब्दुल्लाहियन के साथ चर्चा हुई. हमारी बातचीत चाबहार बंदरगाह और आईएनएसटीसी कनेक्टिविटी परियोजना के साथ भारत की भागीदारी के लिए दीर्घकालिक ढांचे पर केंद्रित थी. उन्होंने क्षेत्र में समुद्री हमलों पर भी बात की और जोर देकर कहा कि इस मुद्दे का तेजी से समाधान किया जाए.

हूती ठिकानों पर हवाई हमला

अमेरिका और ब्रिटेन ने यमन में हूती ठिकानों को निशाना बनाकर हवाई हमले किए हैं. वहीं भारत लाल सागर में उभरती स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है. जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के बीच बीते गुरुवार को फोन पर हुई बातचीत में यह मुद्दा उठा था. जयशंकर ने ईरानी विदेश मंत्री के साथ बैठक के बाद कहा कि एजेंडे में अन्य मुद्दे गाजा, अफगानिस्तान, यूक्रेन और ब्रिक्स सहयोग थे.

बाद में, उन्होंने ईरानी राष्ट्रपति रईसी से मुलाकात की और उन्हें ईरानी मंत्रियों के साथ अपनी सार्थक चर्चा से अवगत कराया. जयशंकर ने कहा कि इस्लामिक गणराज्य ईरान के राष्ट्रपति डॉ. इब्राहिम रईसी से मुलाकात कर सम्मानित महसूस कर रहा हूं. ईरान की समाचार एजेंसी ने कहा कि उन्होंने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम पर भी चर्चा की.

चाबहार बंदरगाह पर चर्चा

इससे पहले सोमवार को जयशंकर ने अपने ईरान में सड़क और शहरी विकास मंत्री मेहरदाद बज्रपाश से मुलाकात करके अपने कार्यक्रम की शुरुआत की थी. मुलाकात के दौरान दोनों पक्षों ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह पर दीर्घकालिक सहयोग ढांचा स्थापित करने पर विस्तृत और सार्थक चर्चा की थी. जयशंकर ने बज्रपाश के साथ अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी) पर भी बातचीत की.

आईएनएसटीसी परियोजना का प्रमुख केंद्र

भारत क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए चाबहार बंदरगाह परियोजना पर जोर दे रहा है, खासकर अफगानिस्तान से इसके संपर्क के लिए. ताशकंद में 2021 में एक संपर्क(कनेक्टिविटी) सम्मेलन में जयशंकर ने चाबहार बंदरगाह को अफगानिस्तान सहित एक प्रमुख क्षेत्रीय पारगमन केंद्र के रूप में पेश किया था. चाबहार बंदरगाह को आईएनएसटीसी परियोजना के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में भी देखा जाता है.

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