दुनिया / नेपाल में सुनहरे रंग के कछुए का जन्म, लगी भक्तों की कतार

AMAR UJALA : Aug 21, 2020, 08:54 AM
नेपाल में एक सुनहरे रंग के कुछए ने जन्म लिया है। इसके बाद को इसे भगवान विष्णु का अवतार मानते हुए दूर-दराज के इलाकों से इसके दर्शनों के लिए आ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, नेपाल में जन्मे कछुए का रंग म्यूटेशन की वजह से सुनहरा हो गया है। म्यूटेशन किसी स्थान या वातावरण या अन्य कारणों से किसी वायरस की जेनेटिक संरचना में होने वाले बदलाव को कहते है।

इस कछुए को धनुषा जिले के धनुषधाम नगर निगम इलाके में पाया गया है। इस बीच मिथिला वन्यजीव संस्था ने कछुए की पहचान भारतीय फ्लैप कछुए के रूप में की है। वन्यजीव विशेषज्ञ कमल देवकोटा ने कहा कि इस कछुए का नेपाल में धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है।

उन्होंने कहा कि कई लोगों का कहना है कि भगवान विष्णु ने कछुए का अवतार लेकर पृथ्वी को बचाने के लिए धरती पर कदम रखा है। देवकोटा ने कहा कि हिंदू मान्यता के अनुसार कछुए का ऊपरी भाग आकाश और निचले भाग को पृथ्वी माना जाता है।

देवकोटा ने कहा कि नेपाल में सुनहरे रंग का यह पहला कछुआ है। दुनिया भर में इस तरह के केवल पांच ही कछुए मिले हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए एक असामान्य खोज है। उन्होंने कहा कि जेनेटिक्स से पैदा हुई परिस्थितियों का प्रकृति पर बुरा असर पड़ता है। लेकिन इस तरह के जीव हमारे लिए बेशकीमती हैं।


जींस में बदलाव के कारण सुनहरा पड़ा रंग

विशेषज्ञों का कहना है कि यह जींस में बदलाव की वजह से हुआ है। इसे ‘क्रोमैटिक ल्यूसिजम’ कहा जाता है। इसकी वजह से कछुए के ऊपरी भाग का रंग सुनहरा हो गया। इस बदलाव की वजह से अकसर पशुओं के चमड़े का रंग या तो सफेद या मध्यम भी हो जाता है।



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