Greater Noida Building Collapse / ग्रेटर नोएडा में भीषण हादसा: अवैध इमारत ढहने से 4 मजदूरों की मौत, कई घायल

ग्रेटर नोएडा के नगला हुकुम सिंह गांव में एक अवैध तीन मंजिला इमारत ढह गई, जिसमें चार मजदूरों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं। एक मजदूर अभी भी लापता है।

ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा क्षेत्र में बुधवार को एक हृदय विदारक घटना सामने आई, जब नगला हुकुम सिंह गांव में निर्माणाधीन एक अवैध तीन मंजिला इमारत अचानक भरभराकर गिर गई और इस भीषण हादसे में चार मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के समय इमारत में करीब दस मजदूर काम कर रहे थे, और तीसरी मंजिल की शटरिंग खोली जा रही थी, तभी पूरी संरचना कुछ ही सेकंड में ढह गई। पुलिस और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमें देर रात तक मलबे में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए अथक प्रयास करती रहीं। इस हादसे के बाद से एक मजदूर अभी भी लापता बताया जा रहा है, जिसकी तलाश जारी है।

कैसे हुआ हादसा?

यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना बुधवार सुबह करीब साढ़े दस बजे हुई। नगला हुकुम सिंह गांव में महावीर सिंह पुत्र रघुनाथ सिंह के खेत में बिना किसी आवश्यक मंजूरी के एक तीन मंजिला इमारत का निर्माण किया जा रहा था। हादसे के दिन, तीसरी मंजिल की लेंटर शटरिंग हटाने का काम चल रहा था और जैसे ही शटरिंग खोलने की प्रक्रिया शुरू हुई, इमारत का संतुलन बिगड़ गया और वह नीचे से ऊपर तक चंद सेकंड में ताश के पत्तों की तरह ढह गई। आसपास के ग्रामीणों ने जोरदार आवाज सुनकर तुरंत मौके की ओर दौड़ लगाई। उन्होंने मलबे के ढेर को देखा और समझा कि कई लोग अंदर फंसे हो सकते हैं। हालांकि, भारी मात्रा में मलबा होने के कारण ग्रामीण स्वयं बचाव कार्य शुरू करने में असमर्थ रहे।

बचाव अभियान और अधिकारियों की मौजूदगी

घटना की सूचना मिलते ही रबूपुरा थाना पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और स्थिति का आकलन किया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, तत्काल एनडीआरएफ की दो टीमों को बचाव अभियान के लिए बुलाया गया और एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट कुबेर शर्मा, एसडीएम जेवर अभय कुमार, एडीसीपी सुधीर सिंह, एसीपी सार्थक सेंगर और रबूपुरा कोतवाली प्रभारी सुजीत कुमार उपाध्याय सहित कई वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और बचाव अभियान की निगरानी की। टीमों ने मलबे को हटाने और फंसे हुए मजदूरों तक पहुंचने के लिए विशेष उपकरणों का उपयोग किया। देर रात तक भी बचाव कार्य जारी रहा, जिसमें हर संभव प्रयास किया गया ताकि कोई भी व्यक्ति मलबे में दबा न रह जाए।

मृतक और घायलों की पहचान

इस दुखद हादसे में कई मजदूरों को अपनी जान गंवानी पड़ी और कई अन्य घायल हो गए और जेवर के रावलपट्टी नई बस्ती निवासी 22 वर्षीय जीशान को गंभीर हालत में मलबे से निकाला गया और तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। इसके अतिरिक्त, दानिश (21) निवासी अलीगढ़, फरदीन (18), शकील (38), कामिल (20) और नदीम (30) सहित कई अन्य मजदूरों को भी मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला गया। इन सभी घायलों को जेवर के कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, कुछ घायलों की हालत अभी भी चिंताजनक बनी हुई है, और उन्हें गहन चिकित्सा निगरानी में रखा गया है।

अवैध निर्माण का मामला और जन आक्रोश

यह इमारत महावीर सिंह पुत्र रघुनाथ सिंह के खेत में बिना किसी सरकारी अनुमति के बनाई जा रही थी, जो इस हादसे की गंभीरता को और बढ़ा देता है। अवैध निर्माण के कारण सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई होगी, जिसके परिणामस्वरूप यह त्रासदी हुई। बचाव कार्य के दौरान, कुछ मजदूरों के परिजन और स्थानीय ग्रामीण घटनास्थल पर जमा हो गए। अपने प्रियजनों की स्थिति को लेकर वे आक्रोशित थे और उन्होंने बचाव स्थल के गेट को तोड़ने का भी प्रयास किया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने और भीड़ को दूर रखने के लिए कड़ी मशक्कत की, ताकि राहत कार्य में कोई बाधा न आए। इस घटना के बाद इलाके में तनाव और बेचैनी का माहौल बना हुआ है।

जेवर विधायक का दौरा और राहत कार्य में तेजी के निर्देश

हादसे की खबर मिलते ही जेवर के विधायक भी घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। विधायक ने लोगों से संयम बनाए रखने की अपील की और अधिकारियों को राहत कार्य में तेजी लाने और फंसे हुए लोगों को जल्द से जल्द बाहर निकालने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा मिले। विधायक के दौरे से स्थानीय लोगों और पीड़ित परिवारों को कुछ हद तक ढांढस बंधा, लेकिन घटना की गंभीरता और अवैध निर्माण के मुद्दे पर सवाल अभी भी बरकरार हैं।

कुछ मजदूरों की किस्मत और एक लापता की तलाश

इस भयावह हादसे में कुछ मजदूर भाग्यशाली भी रहे और ललितपुर के रहने वाले पांच मजदूर, जो घटना के समय शटरिंग के नजदीक काम कर रहे थे, हल्की चोटों के साथ मलबे से बाहर निकलने में सफल रहे। हादसे के तुरंत बाद, वे मौके से चले गए। पुलिस अब उनके बयान दर्ज करने और घटना के बारे में अधिक जानकारी जुटाने के लिए उनकी तलाश कर रही है। वहीं, बचाव दल अभी भी एक लापता मजदूर की तलाश में जुटा हुआ है, जिसके मलबे में फंसे होने की आशंका है। यह घटना अवैध निर्माणों पर लगाम लगाने और सुरक्षा मानकों का। पालन सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर गंभीर सवाल खड़े करती है।