कर्नाटक हिजाब विवाद / हाईकोर्ट आज करेगा सुनवाई, पांच लड़कियों की ओर से दायर की गई थी याचिका

Zoom News : Feb 08, 2022, 10:30 AM
कर्नाटक के उडुपी में हिजाब विवाद मामले में आज हाई कोर्ट सुनवाई करेगा। यह सुनवाई पांच लड़कियों की ओर से दायर की गई याचिका पर होने जा रही है। दरअसल, इन छात्राओं की ओर से नए यूनिफार्म लॉ का विरोध करते हुए याचिका दायर की गई थी। अब नए नियम के तहत कॉलेजों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। 

दअरसल, उडुपी में एक जनवरी को सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में छह मुस्लिम छात्राओं को कक्षाओं में जाने से रोक दिया गया। ये सभी छात्राएं हिजाब पहने हुई थीं। कॉलेज प्रबंधन ने प्रतिबंध लगाने के पीछे नए यूनिफार्म लॉ का हवाला दिया। यह मुद्दा अब उडुपी के अन्य सरकारी कॉलेजों में भी फैल चुका है। कुंदापुरा कॉलेज की 28 मुस्लिम छात्राओं को भी हिजाब पहनकर कक्षाओं में शामिल नहीं होने दिया गया। इसके बाद से कई छात्राएं हिजाब पर प्रतिबंध लगाए जाने का विरोध कर रही हैं। 

कर्नाटक सरकार ने लगाए प्रतिबंध, लड़कियां पहुंचीं हाईकोर्ट

बोम्मई सरकार ने शनिवार को एक परिपत्र जारी करते हुए उस तरह की ड्रेस पर प्रतिबंध लगा दिया था, जो राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में शांति, सौहार्द्र और कानून एवं व्यवस्था को बाधित करते हो। कर्नाटक हाईकोर्ट आज उडुपी की सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में पढ़ने वाली उन पांच लड़कियों की याचिका पर सुनवाई करेगी, जिन्होंने कॉलेज में हिजाब पहनने को लेकर प्रतिबंधों का विरोध किया है। 

कर्नाटक के शिक्षा मंत्री ने भी दिया था बयान

इससे पहले कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा था कि समान वर्दी संहिता का पालन न करने वाली छात्राओं को अन्य विकल्प तलाशने की छूट है। नागेश ने मैसुरु में पत्रकारों से कहा था, ‘‘जैसे सेना में नियमों का पालन किया जाता है, वैसा ही यहां (शैक्षणिक संस्थानों में) भी किया जाता है। उन लोगों के लिए विकल्प खुले हैं जो इसका पालन नहीं करना चाहते।’’ मंत्री ने छात्रों से राजनीतिक दलों के हाथों का ‘‘हथियार’’ न बनने की अपील की।

एचडी देवेगौड़ा ने सरकार से की अपील

कर्नाटक के हिजाब मुद्दे पर पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल-सेक्युलर (जेडीएस) के अध्यक्ष एचडी देवेगौड़ा ने कहा कि कुछ ऐसे तत्व हैं जो छात्रों को गुमराह कर रहे हैं और राजनीतिक दल 2023 के चुनाव का फायदा उठा रहे हैं। सरकार इसे रोक सकती है। इस तरह के मुद्दे देश को बांटते हैं। 

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