Karnataka Politics / 5 साल रहूंगा कर्नाटक का CM… सिद्धारमैया का ऐलान, DK ने कहा-मेरे पास क्या विकल्प

कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया कि वह पूरे पांच साल तक पद पर रहेंगे। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने भी उनका समर्थन किया, कहा, “मेरे पास विकल्प ही क्या है? मुझे उनके साथ खड़ा रहना है।”

Karnataka Politics: कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर लंबे समय से अटकलें चल रही हैं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच कथित सत्ता परिवर्तन समझौते की चर्चाएं राजनीतिक गलियारों में जोर पकड़ रही हैं। इन अटकलों के बीच, कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला की पार्टी नेताओं के साथ चल रही बैठकों ने सियासी माहौल को और गर्म कर दिया है। हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इन सभी कयासों पर विराम लगाते हुए स्पष्ट कर दिया है कि वह पूरे पांच साल तक अपने पद पर बने रहेंगे।

सिद्धारमैया का दृढ़ निश्चय

चिक्काबल्लापुरा में बुधवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान सिद्धारमैया ने नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह पांच साल तक मुख्यमंत्री रहेंगे, तो उन्होंने बेबाकी से जवाब दिया, “हां, मैं रहूंगा। आपको इसमें संदेह क्यों है?” उनकी इस स्पष्टता ने सियासी हलकों में एक नया संदेश दिया है कि वह किसी भी तरह के समझौते या दबाव के आगे झुकने को तैयार नहीं हैं।

डीके शिवकुमार का समर्थन

उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने भी चिक्काबल्लापुरा में सिद्धारमैया के बयान का समर्थन करते हुए कहा, “मेरे पास क्या विकल्प है? मुझे उनके साथ खड़ा रहना है और उनका समर्थन करना है।” उन्होंने आगे कहा, “मुझे इस पर कोई आपत्ति नहीं है। पार्टी आलाकमान जो भी कहेगा और जो भी तय करेगा, उसे पूरा किया जाएगा।” शिवकुमार ने यह भी जोड़ा कि लाखों कार्यकर्ता कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं और इस समय नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा अनावश्यक है।

रोटेशनल चीफ मिनिस्टर फॉर्मूले का सच

करीब दो साल पहले, मई 2023 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर तीखी जंग देखने को मिली थी। लंबी चर्चाओं और पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री और शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया। उस समय “रोटेशनल चीफ मिनिस्टर फॉर्मूला” की बात सामने आई थी, जिसके तहत यह दावा किया गया कि ढाई साल बाद शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। हालांकि, कांग्रेस आलाकमान ने इस समझौते की आधिकारिक पुष्टि कभी नहीं की।

विपक्ष पर शिवकुमार का पलटवार

नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को हवा देने में विपक्षी दलों, विशेष रूप से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल सेकुलर (जेडीएस), की ओर से भी बयानबाजी देखने को मिली। बीजेपी नेताओं जैसे आर अशोक, बीवाई विजयेंद्र और चलवडी नारायणस्वामी के दावों पर तंज कसते हुए शिवकुमार ने कहा, “क्या वे हमारे हाईकमान हैं?” उन्होंने सवाल उठाया कि विपक्षी नेताओं के बयानों को बिना पुष्टि के कैसे सच माना जा सकता है।

पार्टी में एकजुटता का दावा

बेंगलुरु में पत्रकारों से बातचीत में शिवकुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर कोई असंतोष नहीं है। उन्होंने कहा, “जब सिद्धारमैया मुख्यमंत्री हैं, तो नेतृत्व के मसले पर किसी भी तरह के विवाद की जरूरत नहीं है।” उनका यह बयान पार्टी के भीतर एकजुटता और स्थिरता का संदेश देता है।