शिमला / आजाद भारत के पहले वोटर ने 17वीं बार किया मतदान, 1951 में पहली बार दिया था वोट

ANI : May 19, 2019, 04:05 PM
किन्नौर. लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में रविवार को हिमाचल प्रदेश की चार लोकसभा सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। 1951 में आजाद भारत में अपने मत का इस्तेमाल करने वाले श्याम शरण नेगी ने भी 17वीं बार चुनाव में वोट डाल दिया है। स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता श्याम शरण नेगी हिमाचल प्रदेश के उन 1,011 मतदाताओं में से एक हैं, जिनकी आयु 100 वर्ष या उससे अधिक है। 

अधिक उम्र की वजह से अस्वस्थ चल रहे श्याम शरण नेगी को सहारा देकर ईवीएम तक लाया गया, जहां उन्होंने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। वोट डालने के बाद नेगी ने उंगली पर स्याही के निशान के साथ फोटो भी खिंचवाया। अपना वोट डालने के साथ ही श्याम शरण नेगी युवाओं को मतदान के लिए प्रोत्साहित भी कर चुके हैं। यह पहल राज्य निर्वाचन आयोग ने की है। उन्हें सम्मान के साथ बूथ पर लाया गया और वोट डालने में उनकी मदद की गई। चुनाव आयोग ने राज्य के सभी सौ साल की उम्र पार कर चुके निर्वाचकों को रोल मॉडल के रूप में नामित करने का निर्णय लिया है।

33 साल की उम्र में डाला था पहला वोट 

श्याम शरण नेगी ने बताया कि उन्होंने पहली बार जब वोट किया था, तब वह 33 साल के थे। तब से लेकर आज तक उन्होंने कभी भी अपना वोट बेकार नहीं किया। किन्नौर के कलपा कस्बे के रहने वाले श्‍याम शरण स्कूल से टीचर के पद से 51 साल पहले रिटायर हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार वह 1951 में वोटिंग का हिस्सा बने थे। वह बहुत खुश हैं कि उन्होंने आज तक कभी भी अपना वोट बर्बाद नहीं किया। 

हिमाचल में एक हजार से ज्यादा हैं 100 साल की उम्र के मतदाता 

हिमाचल में 100 या अधिक आयु वर्ग के 1,011 मतदाताओं में से, लगभग 30 फीसदी (298) कांगड़ा में रहते हैं। वहीं हमीरपुर में 125 सौ साल से ज्यादा उम्र के मतदाता हैं। मंडी में 122 जबकि ऊना में 103 मतदाता 100 साल के हैं। इसके अलावा अन्य जिलों बिलासपुर (85), शिमला (75), चंबा (73), सिरमौर (53), सोलन (41), कुल्लू (25) और किन्नौर में (6) मतदाताओं की उम्र सौ साल से ज्यादा है। राज्य के सबसे दूरस्थ जिले लाहौल-स्‍पीति में 100 से अधिक आयु वर्ग में केवल 5 मतदाता हैं। 

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