News18 : Jul 07, 2020, 08:26 AM
वाशिंगटन। कुवैत (Kuwait) से 8 लाख भारतीयों के वापस लौटने की चर्चाओं के बीच अब अमेरिका (US) से भी भारतीय छात्रों (Indian Students in US) के लिए बुरी खबर आ रही है। अमेरिका सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों को वापस घर भेजने की योजना पर विचार कर रहा है। अमेरिका का मानना है कि जिन अंतरराष्ट्रीय छात्रों की ऑनलाइन क्लासेज (Online Classes) चल रहीं हैं उनके पास अमेरिका में रुके रहने की कोई ठोस वजह नहीं है। अमेरिकी प्रशासन ने सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेज से जल्द से जल्द सभी कोर्सेज ऑनलाइन शुरू करने के लिए भी कहा है।
CNN के मुताबिक इमिग्रेशन एंड कस्टम एनफ़ोर्समेंट ने सोमवार को कहा कि अमेरिका एक रिस्क ऑपरेशन के तहत इन सभी छात्रों को उनके देश वापस भेजने की तैयारी में है। जल्द ही अंतरराष्ट्रीय छात्रों के मद्देनज़र कुछ कोर्सेज को 'ऑनलाइन ओनली' यानी सिर्फ इंटरनेट के जरिए पढ़ाए जाने वाले कोर्सेज में बदला जा सकता है। अमेरिकी प्रशासन के इस फैसले से हजारों भारतीय छात्र सीधे तौर पर प्रभावित होने जा रहे हैं। अमेरिका में बड़ी संख्या में विदेशी छात्र यूनिवर्सिटीज में, ट्रेनिंग प्रोग्राम्स में और नॉन अकेडमिक-वोकेशनल प्रोग्राम्स की भी पढ़ाई कर रहे हैं।कई यूनिवर्सिटी ने शुरू किए कोर्सकोरोना संक्रमण के मद्देनज़र अमेरिका की कई बड़ी यूनिवर्सिटीज ने पहले ही ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी है। हॉवर्ड ने भी अपने सभी कोर्स ऑनलाइन शुरू कर दिए हैं और कैंपस में रह रहे छात्रों को भी अब क्लास जाने की ज़रुरत नहीं है। ऐसा होते ही अमेरिका के लिए हॉवर्ड में पढ़ रहे विदेशी छात्रों को वापस भेजने का रास्ता खुल गया है। मेक्सिको से हॉवर्ड में पढ़ा रहीं प्रोफ़ेसर वैलेरिया मेंडोलिया बताती हैं कि ये बेहद परेशान करने वाला फैसला है कि छात्रों को जबरदस्ती वापस भेजा जा सकता है। उन्होंने कहा कि कई लोग ऐसे देशों से हैं जहां उनके कोर्सेज के मुताबिक पढ़ाई का माहौल ही नहीं है और ऑनलाइन पर्याप्त मदद नहीं मिल पाएगी।इमीग्रेशन डिपार्टमेंट ने ऐलान कर दिया है कि कुछ ख़ास स्टूडेंट वीजा वाले छात्रों को ऑनलाइन क्लासेज शुरू होने के बाद अमेरिका में बने रहने की ज़रुरत नहीं है। ऐसे छात्रों को अमेरिका हर सेमेस्टर का वीजा उपलब्ध नहीं कराएगा और उन्हें घर लौट जाना चाहिए। फिलहाल अमेरिका की ज्यादातर यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन और इन-पर्सन मिक्स कोर्स चल रहे हैं, यानी पढ़ाई की ज़रुरत के हिसाब से छात्र के पास ऑनलाइन या फिर कैंपस जाने का विकल्प मौजूद है।
CNN के मुताबिक इमिग्रेशन एंड कस्टम एनफ़ोर्समेंट ने सोमवार को कहा कि अमेरिका एक रिस्क ऑपरेशन के तहत इन सभी छात्रों को उनके देश वापस भेजने की तैयारी में है। जल्द ही अंतरराष्ट्रीय छात्रों के मद्देनज़र कुछ कोर्सेज को 'ऑनलाइन ओनली' यानी सिर्फ इंटरनेट के जरिए पढ़ाए जाने वाले कोर्सेज में बदला जा सकता है। अमेरिकी प्रशासन के इस फैसले से हजारों भारतीय छात्र सीधे तौर पर प्रभावित होने जा रहे हैं। अमेरिका में बड़ी संख्या में विदेशी छात्र यूनिवर्सिटीज में, ट्रेनिंग प्रोग्राम्स में और नॉन अकेडमिक-वोकेशनल प्रोग्राम्स की भी पढ़ाई कर रहे हैं।कई यूनिवर्सिटी ने शुरू किए कोर्सकोरोना संक्रमण के मद्देनज़र अमेरिका की कई बड़ी यूनिवर्सिटीज ने पहले ही ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी है। हॉवर्ड ने भी अपने सभी कोर्स ऑनलाइन शुरू कर दिए हैं और कैंपस में रह रहे छात्रों को भी अब क्लास जाने की ज़रुरत नहीं है। ऐसा होते ही अमेरिका के लिए हॉवर्ड में पढ़ रहे विदेशी छात्रों को वापस भेजने का रास्ता खुल गया है। मेक्सिको से हॉवर्ड में पढ़ा रहीं प्रोफ़ेसर वैलेरिया मेंडोलिया बताती हैं कि ये बेहद परेशान करने वाला फैसला है कि छात्रों को जबरदस्ती वापस भेजा जा सकता है। उन्होंने कहा कि कई लोग ऐसे देशों से हैं जहां उनके कोर्सेज के मुताबिक पढ़ाई का माहौल ही नहीं है और ऑनलाइन पर्याप्त मदद नहीं मिल पाएगी।इमीग्रेशन डिपार्टमेंट ने ऐलान कर दिया है कि कुछ ख़ास स्टूडेंट वीजा वाले छात्रों को ऑनलाइन क्लासेज शुरू होने के बाद अमेरिका में बने रहने की ज़रुरत नहीं है। ऐसे छात्रों को अमेरिका हर सेमेस्टर का वीजा उपलब्ध नहीं कराएगा और उन्हें घर लौट जाना चाहिए। फिलहाल अमेरिका की ज्यादातर यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन और इन-पर्सन मिक्स कोर्स चल रहे हैं, यानी पढ़ाई की ज़रुरत के हिसाब से छात्र के पास ऑनलाइन या फिर कैंपस जाने का विकल्प मौजूद है।