दुनिया / संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद पर भारत का वार, कहा- इसे प्रायोजित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई बढ़ाएं

AMAR UJALA : Aug 23, 2020, 09:08 AM
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान का नाम लिए बिना स्पष्ट तौर पर कहा कि आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले किसी भी देश को खुद को आतंक पीड़ित के रूप में चित्रित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, विश्व निकाय को चाहिए कि वह आतंक के दोषियों, खासकर सीमा पार आतंक प्रायोजित करने वाले देशों के खिलाफ कार्रवाई बढ़ाए।

संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवाद पीड़ितों की याद में तीसरा अंतरराष्ट्रीय आभासी स्मरणोत्सव आयोजित किया। इस दौरान आतंक के शिकार लोगों को श्रद्धांजलि भी दी गई। तिरुमूर्ति ने शुक्रवार को ट्वीट किया, इस अंतरराष्ट्रीय दिवस पर हम आतंकवाद की भेंट चढ़े लोगों को याद करते हैं और यह भी स्मरण करते हैं कि आतंक के दोषियों को दंड मुक्ति के साथ सीमा पार के देश का संरक्षण मिला हुआ है।

भारत से इस पैनल में निधि चापेकर ने हिस्सा लिया। वह मार्च 2016 में ब्रुसेल्स हवाई अड्डे और सबवे पर हुए आतंकी हमले में बच गईं थीं। उस वक्त निधि जेट एयरवेज के साथ काम करती थीं। चर्चा में उनकी घायल अवस्था की एक फोटो दिखाई गई।

उन्होंने कहा, मैं बेल्जियम के इतिहास में अब तक हुए आतंकवाद के सबसे घातक हमले में जीवित बचे लोगों में से एक हूं, और आज भी उसका दंश झेल रही हूं। वे 23 दिन तक कोमा में रहीं।


वीडियो फुटेज में खोली नापाक पोल

तिरुमूर्ति ने तीन मिनट का एक वीडियो भी डाला जिसमें पाक आतंकी संगठनों द्वारा किए गए हमलों का जिक्र है। इसमें 1993 और 2008 में हुए मुंबई धमाके, 2001 में संसद पर हमले, 2002 अक्षरधाम मंदिर पर 2016 में उरी हमले और 2019 में पुलवामा हमले शामिल हैं। वीडियो 26/11 हमलों के फुटेज से शुरू होता है और इसमें पाक आतंकियों द्वारा हमले के निर्देश देने की आवाजें भी हैं।


संयुक्त राष्ट्र है पीड़ितों के साथ

संयुक्त राष्ट्र के इस कार्यक्रम में आतंकवाद पीड़ितों के एक पैनल से बातचीत में यह जाना गया कि आतंकवाद से उनका जीवन किस प्रकार प्रभावित हुआ है।

महासचिव एंतोनियो गुटेरस ने कहा, हम उन परिवारों के के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजन खोए हैं, वह खुद उन लोगों के साथ हैं जो आतंकी हमले में घायल हुए और जिनकी जिंदगी इन घटनाओं के बाद पूरी तरह से बदल गई।



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