देश / जम्मू में CISF की बस पर आतंकी हमला, जवानों ने की जवाबी कार्रवाई

Zoom News : Apr 22, 2022, 09:02 AM
जम्मू-कश्मीर के सुंजवां में पांच घंटे से सुरक्षाबलों और आंतकियों के बीच एनकाउंटर जारी है। एनकाउंटर में अब तक दो आतंकियों के मारे जाने की खबर है। सुंजवां कैंप के पास सुबह करीब 4.15 बजे CISF के 15 जवानों पर आतंकियों ने हमला कर दिया। यह हमला उस समय हुआ जब जवानों को लेकर बस ड्यूटी पर ले जा रही थी। CISF ने भी आतंकियों पर जवाबी कार्रवाई की और आतंकवादियों को भागने पर मजबूर किया। CISF के एक अधिकारी ने बताया कि कार्रवाई के दौरान ASI एसपी पटेल की मौत हो गई, जबकि 5 जवान गंभीर रूप से घायल हैं।


जम्मू-कश्मीर के ADG मुकेश सिंह ने बताया कि सुंजवां में कुछ आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद एनकाउंटर शुरू हुआ। यहां सुरक्षाबलों का ऑपरेशन अभी भी जारी है।


इधर, जम्मू-कश्मीर के बारामूला में गुरुवार से जारी एनकाउंटर में अब तक 4 आतंकी मारे जा चुके हैं। गुरुवार को सुरक्षा बलों ने लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के शीर्ष कमांडर यूसुफ कंतरू सहित 3 आतंकियों को ढेर कर दिया था। आतंकियों के पास से हथियार और गोला बारूद भी बरामद हुआ था। बारामूला में भी एनकाउंटर जारी है।


CISF के एक अधिकारी ने बताया कि सुंजवां इलाके में एक घर में जिन दो आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली है, उन्हें सुरक्षाबलों ने ट्रैप कर लिया है। दोनों ओर से लगातार फायरिंग जारी है। सूत्रों के मुताबिक, बठिंदी-सुंजवां हाईवे पर गाड़ियों की चेकिंग के दौरान आतंकियों के बारे में सूचना मिली थी, जिसके बाद जवानों ने ऑपरेशन शुरू किया।


एनकाउंटर में एक ASI शहीद, 5 घायल

शहीद हुए जवान की पहचान CISF के ASI एसपी पटेल के रूप में हुई है। वहीं हेड कांस्टेबल बलराज सिंह, SPO साहिल शर्मा, हेड कांस्टेबल प्रमोद पात्रा, CISF कांस्टेबल आमिर सोरेन और एक अन्य जवान घायल हो गए हैं।


जम्मू में CISF की बस पर आतंकी हमला

इधर, शुक्रवार सुबह ही जम्मू के चड्ढा कैंप के पास सुबह करीब सवा चार बजे CISF के 15 जवानों को ड्यूटी पर ले जा रही बस पर आतंकियों ने हमला किया। CISF की जवाबी कार्रवाई के दौरान हमला करने वाले सभी आतंकी भाग निकले। इस हमले में किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है।


2018 जैसी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे

10 फरवरी 2018 में सुंजवां के आर्मी कैंप पर जैश-ए-मोहम्मद के फिदायीन दस्ते ने हमला कर दिया था। इस हमले में 5 जवान शहीद हो गए थे। अधिकारियों ने स्थानीय मीडिया को बताया कि जो आतंकी छिपे हैं, वे 2018 जैसी घटना को अंजाम देने के फिराक में थे, लेकिन सेना के हाई अलर्ट पर होने की वजह से ऐसा नहीं हो सका।

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